Culture & Society

एनएसडी द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में भी होगी नाटकों की दस्तक

Abhinaw Upadhyay for BeyondHeadlines

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) द्वारा अब उन क्षेत्रों को भी नाटकों के माध्यम से जोड़ने की योजना पर विचार हो रहा है जो अपने को मुख्यधारा से कटा महसूस करते हैं. उक्त बातें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की निदेशक अनुराधा कपूर ने 11 वें बाल नाट्य उत्सव जश्न-ए-बचपन के आयोजन की प्रेसवार्ता के दौरान कही.

उन्होंने कहा कि हमारी पहल उत्तर पूर्व के प्रदेशों में बखूबी जारी है और इसका अच्छा परिणाम मिल रहा है. अनुकूल परिस्थितियों में हम छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के नक्सली इलाकों में जाकर भी नाटकों के माध्यम से लोगों को जोड़ने की कोशिश करेंगे. इसी के तहत एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम त्रिपुरा में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वर्तमान में 19 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से हम बच्चों के नाटकों के माध्यम से उस स्थान, परिवेश और समस्याओं को प्रभावी ढंग से उजागर कर सकते हैं.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की संस्कार रंग टोली भारतीय बच्चों के नाट्योत्सव 11वें जश्न-ए-बचपन का आयोजन 18 से 28 नवंबर तक राजधानी में कर रही है. इस 11 दिन के नाट्योत्सव में 17 नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा जो 9 भाषाओं में होगा.

जश्न-ए-बचपन 2012 में भाग लेने वाले बच्चों का समूह देश के विभिन्न क्षेत्रों से हैं और वे अभिमंच, सम्मुख और श्री राम सेंटर में विभिन्न भारतीय भाषाओं में नाटकों का प्रदर्शन करेंगे. नाटकों का प्रदर्शन हिंदी, बंगला, असमिया, कन्नड़, मराठी, मलयालम, नेपाली, मणिपुरी, तमिल और अंग्रेजी में किया जाएगा. इनमें से ज्यादातर नाटकों के संक्षिप्त विवरण स्क्रीन पर प्रदर्शित होंगे.

संस्कार रंग टोली के अब्दुल लतीफ खटाना ने बताया कि जश्न-ए-बचपन 2012 का उद्घाटन प्रख्यात अभिनेता डा. मोहन अगाशे द्वारा 18 नवंबर को सायं 6 बजे नई दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के अभिमंच सभागार में किया जाएगा और उसके बाद कोलकाता के बोधिर बिद्या भवन के द्वारा डाकघर का मंचन किया जाएगा.

इस साल के इस नाट्योत्सव का मुख्य आकर्षण विकलांग बच्चों द्वारा किये जाने वाले प्रदर्शन है. इन बच्चों के द्वारा तीन नाटकों का मंचन किया जाएगा जिनमें उद्घाटन डाकघर नाटक से तथा समापन एनजीओ आस्था के द्वारा दास्तान-ए-दिल्ली का मंचन किया जाएगा. इसके अलावा गुवाहाटी के सीगल थिएटर के द्वारा बुद्धुराम का भी मंचन किया जाएगा.

इस साल के जश्ने बचपन में दादी डी पद्मजी, फैजल अल्काजी एवं राधिका अल्काजी, स्वातिलेखा सेन गुप्ता, के जी कृष्णमूर्ति, भागीरथी, सुसांता मंडल, किरण भाट एवं डा. श्रीपद भाट, एन जादुमणि सिंह, जैमिनी पाठक, मांड्या रमेश, अनुरूपा राय, कृष्ण भुयैन, साग्घेर लोआधी, कानन, मनीष सैनी, राजीव कृष्णन और बिजोन मंडल द्वारा निर्देशित नाटकों का मंचन किया जाएगा.

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