Abhinaw Upadhayay for BeyondHeadlines
नाटक ने सिनेमा को कई कलाकार दिए हैं और ये कलाकार लगातार बेहतर काम भी कर रहे हैं. समाज को एक नए सिरे से देखने का काम फिल्में भी कर रही हैं और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं. उक्त बातें प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के 15वें भारत रंग महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर कहीं. उन्होंने कहा कि थिएटर समाज के कई रूपों को दिखाता है यह विरोध का भी सशक्त माध्यम हैं.
थिएटर की महत्ता और सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की चेयरमैन अमान अल्लाना ने प्रकाश डाला. एनएसडी की निदेशक अनुराधा कपूर ने एनएसडी की विभिन्न शाखाओं और इनके द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा देश विदेश से आने वाले नाट्य समूहों पर प्रकाश डाला.
एक बार फिर फिल्मों से थिएटर की तरफ़ रुख किए जाने माने अभिनेता कुलभूषण खरबंदा के नाटक ‘आत्मकथा’ से इस रंगमंचीय कार्यक्रम की शुरूआत हुई. स्त्री-पुरुष के संबंधों, एक लेखक के अंतरंग पहलुओं और एक शोध छात्रा के माध्यम से संबंधों की पड़ताल करता यह नाटक दर्शकों को बांधे रखा. कुलभूषण खरबंदा, अनुभा फतेहपुरिया, चेतना जालान और संचयिता भट्टाचर्जी का अभिनय को सबने सराहा. कोलकाता के पदातिक समूह द्वारा की गई प्रस्तुति का निर्देशक वरिष्ठ निर्देशक विनय शर्मा ने किया.
गौरतलब है कि भारत रंग महोत्सव में इस वर्ष कुल 87 प्रस्तुतियां आ रही हैं. जिसमें देश विदेश के बेहतरीन कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. यह रंग महोत्सव राजधानी में 5 जनवरी से 20 जनवरी तक चलेगा.