Avdhesh Chaudhary for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला मुरादाबाद लोकसभा के प्रत्याशी खालिद परवेज़ का है, जिन्हें बैंक ऋण का भुगतान ना करने पर डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया, और अब जल्द ही उनकी संपत्ति भी ज़ब्त होने जा रही है. पार्टी के अनुसार ऐसा होने पर मुरादाबाद सीट पर उम्मीदवार बदल दिया जाएगा. हालांकि खालिद परवेज़ ने बैंक के इस रवैये को राजनीति क़रार देते हुए बैंक पर मानहानि का दावा करने की बात भी कही है.
BeyondHeadlines से बात करते हुए बैंक ऑफ बड़ोदा की बदायं शाखा के प्रबंधक अवनीश शर्मा ने बताया कि खालिद परवेज़ ने बैंक से सन् 2010 में एक लेंड मार्क ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, अमरोहा में निर्माण के लिए 12 करोड़ 47 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसमें से खालिद परवेज़ पर अभी भी 11 करोड़ 24 लाख की देनदारी बाकी है.
शाखा प्रबंधक ने बताया कि दो या तीन दिन के अंदर बैंक खालिद के नाम से एक नोटिस जारी कर उनकी संपत्ति ज़ब्त करने के आदेश जारी करेगा. उन्होंने बताया कि परवेज़ पिछले वर्ष अक्टूबर से ऋण का भुगतान करने का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन अभी तक पैसा जमा नहीं किया गया है.
उन्होंने बताया कि बैंक की किस्ते जमा ना करने के कराण खालिद परवेज़ का खाता अक्टूबर में डिफाल्ट कर दिया गया. जिस कारण बैंक ने परवेज़ को 26 दिसंबर में एक नोटिस जारी किया, अवनीश ने बताया कि परवेज़ ने बैंक से 31 दिसंबर 2013 तक पैसा जमा करने की मोहलत मांगी थी, लेकिन बैंक के मोहलत देने के बावजूद वह पैसा जमा करने में असमर्थ रहे. उन्होंने बताया कि परवेज को 31 दिसंबर तक डेढ़ करोड़ रुपये जमा करने थे, लेकिन वह सवा तीस लाख रुपये ही जमा कर सके.
वहीं खालिद परवेज़ ने BeyondHeadlines से बात करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ राजनीति और मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. जिसके पीछे समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का हाथ है. खालिद परवेज़ ने बताया कि वह बैंक के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे.
वहीं आप के प्रमुख नेता संजय सिंह ने बताया कि अगर बैंक ने खालिद परवेज़ के खिलाफ कार्रवाई की तो पार्टी को उन्हें बदलकर मुरादाबाद लोकसभा सीट पर किसी और प्रत्याशी के नाम पर विचार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी स्वच्छ छवि वालों को ही उम्मीदवार बनाने की पक्षधर है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की पहली सूची में खालिद परवेज़ को मुरादाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था, और वह चुनाव तैयारियों में भी जुट गए थे. हांलाकि पार्टी में उनकी उम्मीदवारी को लेकर विवाद हो गया था और पार्टी की स्थानीय ईकाई ने बाहरी व्यक्ति क़रार दिया था.