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अधिवक्ता महमूद पराचा को अंडर-वर्ल्ड की धमकी मुंबई एटीएस के इशारे पर- रिहाई मंच

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने लखनऊ सेशन कोर्ट द्वारा आतंकवाद के नाम पर फंसाए गए नासिर को बेगुनाह क़रार देने पर उस वक्त के तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह, एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल और यूपी एसटीएफ के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग करते हुए कहा कि विक्रम सिंह और बृजलाल के उपरोक्त पदों पर रहते हुए आतंकवाद के नाम पर हुई गिरफ्तारियों और मुठभेड़ों की जांच के लिए विशेष न्यायिक आयोग गठित किया जाए. क्योंकि इनके कार्यकाल में ही सबसे ज्यादा बेगुनाह मुस्लिम युवक आतंकवाद के आरोप में पकड़े गए, जिनमें से कई अदालतों से बरी हो चुके हैं.

रिहाई मंच ने वर्तमान में डीजी नागरिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण ओहदे पर बृजलाल की तैनाती पर सपा सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की.

रिहाई मंच के अध्यक्ष और अधिवक्ता मोहम्मद शुएब ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की एसटीएफ द्वारा आतंकवाद के नाम पर फंसाए गए बेगुनाह नासिर का बरी होना उत्तर प्रदेश की साम्प्रदायिक पुलिस के मुंह पर तमाचा है.

उन्होंने बताया कि जिस तरह से जिला बिजनौर निवासी नासिर हुसैन को 19 जून 2007 को मुनि की रेती ऋषिकेश के एक आश्रम से उठाकर 21 जून 2007 को चारबाग लखनऊ स्थित खरपत लॉज थाना नाका से आरडीएक्स के साथ गिरफ्तारी दिखाकर उसे बहुत बड़ा आतंकवादी बताते हुए उसके विरुद्ध देशद्रोह आदि का मुक़दमा कायम करके जेल भेजा गया था. उसका फैसला आज पूरे 6 साल नौ महीने बीतने के बाद आ गया.

फैसले में न्यायालय ने पाया कि नासिर हुसैन के ऊपर लगाए गए दोष सही नहीं हैं और अपनी टिप्पड़ी में कहा कि देश में आज भी धर्म निरपेक्षता लोगों के अंदर जीवित है. न्यायालय ने आश्रम के प्रबंधक जिन्होंने अदालत में बयान दिया था कि उसे पुलिस उनके आश्रम से पकड़ कर ले आयी थी, को धर्म निरपेक्षता का द्योतक बताया और कहा कि ऐसे ही लोगों से देश का उद्धार हो सकता है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने आतंकवाद के मामलों में पैरवी कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता महमूद पराचा को अंडरवर्ल्ड माफिया डॉन रवि पुजारी द्वारा दी जा रही धमकी पर मुंबई एटीएस चीफ राकेश मारिया की भूमिका की जांच की मांग करते हुए कहा कि पराचा को यह धमकियां तब दी गई हैं, जब उन्होंने आतंकवाद के आरोप में मुंबई एटीएस द्वारा फंसाए गए बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारी पर राकेश मारिया की भूमिका पर सवाल उठाया था. जिससे साबित हो जाता है कि मुंबई एटीएस का अंडरवर्ल्ड से संबन्ध है, जिसकी जांच होनी चाहिए.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव और शाहनवाज़ आलम ने कहा कि नासिर हुसैन को न्यायालय ने निर्दोष तो क़रार दिया लेकिन उसके जेल में बीते 6 साल 9 महीने को दिला पाने में असमर्थ रही.

रिहाई मंच मांग करता है प्रदेश सरकार नासिर को मुआवजा देते हुए साम्प्रदायिक और आपराधिक पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करे.

आजमगढ़ रिहाई मंच के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि निमेष कमीशन द्वारा बेगुनाह साबित हो जाने के बाद मरहूम मौलाना खालिद की हत्या के नामजद अभियुक्त तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा था कि खालिद आतंकी था और रहेगा, तो ऐसे में कोर्ट द्वारा नासिर के बरी होने पर विक्रम सिंह को लखनऊ कोर्ट के इस फैसले पर अपनी राय ज़रुर रखनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम युवकों की रिहाई की बात कही थी जिससे न वो पीछे हटी बल्कि उसके कार्यकाल में आपराधिक पुलिस के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उन्होंने मौलाना खालिद की हत्या कर दी. तो वहीं सीतापुर के शकील, आज़मगढ़ के एक मदरसे के दो छात्रों, गोरखपुर से लियाकत, मिर्जापुर से दो युवकों और फतेहपुर से मुस्लिम युवक को उठाए जाने के बाद भी जिस तरीके से कुछ तथाकथित उलेमा के साथ बैठक कर अहमद हसन झूठ बोल रहे हैं कि आतंकवाद के नाम पर मुस्लिमों का उत्पीड़न उनकी सपा सरकार में नहीं हुआ है तो उन्हें बताना चाहिए कि यह सब घटनाएं किसकी सरकार में हुई.

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