Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता और गुड़गांव से लोकसभा प्रत्याशी योगेंद्र यादव पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का ओरोप लगा है. योगेंद्र यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान एक समाचार पत्र का प्रकाशन और वितरण किया, इस आधार पर चुनाव आयोग ने इसे पेड न्यूज़ की श्रेणी में माना है. लेकिन इसे आम आदमी पार्टी ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह कोई अखबार नही बल्कि एक पम्पलेट हैं, जो आम तौर पर चुनाव प्रचार के प्रयोग में लाया जाता हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नागेंद्र ने कहा कि ‘आप की क्रांति’ नामक कोई अखबार नहीं है, बल्कि यह एक पम्पलेट हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी इसे अखबार की श्रेणी में नहीं मानती हैं. हमारी पार्टी चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देगे और अपना पक्ष रखेंगे.
उन्होंने बताया कि यह सब साजिश के तहत हो रहा है. चुनाव आयोग के डिस्ट्रिक्ट मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों द्वारा टेबोलॉयड पत्र ‘आप की क्रांति’ का बिना रजिस्ट्रेशन के प्रकाशन तथा वितरण चुनावी आचार संहिता का सरासर उल्लंघन की. एक अधिकारी ने कहा कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट, 1867 की धारा 15 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति बिना नियमों का पालन किए हुए समाचार पत्र नहीं प्रकाशित कर सकता है. उस पर कानून के उल्लंघन के लिए दौ हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है और छह महीने तक की जेल भी हो सकती है. लेकिन आप पार्टी ने इसे साजिश बताया हैं, और पार्टी ने इसे अखबार नहीं मानते हुए अपना पक्ष रख चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए कहा हैं.