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पढ़िए यहां केजरीवाल द्वारा वाराणसी ज़िलाधिकारी को लिखा पत्र

सेवा में,

जिला अधिकारी,

वाराणसी, उ.प्र.

महोदय,

आपका 2 मई 2014 का लिखा पत्रा मिला. (पत्र संख्या 4542/एस.जी.-नगर-2014). इस पत्र के साथ आपने पुलिस उपाधीक्षक (प्रज्ञान), काशी, की 28 अप्रैल 2014 की रिर्पोर्ट संलग्न की है.  उनकी इस रिर्पार्ट पर मुझे घोर आपत्ति है.

उन्होंने अपनी रिर्पार्ट में लिखा है कि मैं ‘हिन्दु बाहुल्य तथा भाजपा समर्थित स्थानों’ पर श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलापफ बोल रहा हूं, जिससे पुलिस को परेशानी हो रही है. तो क्या आपके पुलिस  उपाधीक्षक चाहते हैं कि मैं श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोलना बंद कर दूं? काशी का तो  अधिकतर इलाका हिन्दू बाहुल्य है. तो क्या पूरे काशी में श्री नरेन्द्र मोदी के खिलापफ बोलना बंद  कर देना चाहिए?

जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वो लोग हिन्दू नहीं बल्कि भाजपा के गुण्डे हैं. आपके उपधीक्षक का  यह मान लेना कि सभी हिन्दू नरेन्द्र मोदी जी समर्थक हैं- यह सरासर गलत है. आपके उपाधीक्षक  का यह मान लेना कि सभी हिन्दू श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलापफ कोई भी बात सुनने पर हिंसा  करने लगेंगे- यह बहुत ही खतरनाक है.

हिन्दू धर्म के लोग दुनिया के सबसे शांतिप्रिय लोग हैं. कोई भी हिन्दू हिंसा नहीं चाहता, बल्कि  हिन्दू धर्म ‘वसुदैव कुटुम्बकम’ सिखाता है.

28 अप्रैल 2014 की आपके पुलिस उपाधीक्षक की रिपोर्ट साफ-साफ दर्शाती है कि आपके पुलिस  उपाधीक्षक घोर नरेन्द्र मोदी समर्थक हैं, भाजपा समर्थक हैं और हिन्दू धर्म के बारे में बहुत ही  गलत विचार रखते हैं.

इसी रिपोर्ट में आपके उपाधीक्षक ने लिखा है- ‘श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने प्रचार-प्रसार के  दौरान ऐसे हथकन्डे अपनाए जा रहे हैं, जिससे मीडिया का ध्यान आकर्षण किया जा सके व मीडिया फोकस इन पर बना रहे.’

आपके पुलिस उपधीक्षक की टिप्पणी पर मुझे घोर आपत्ति है.  क्या अब आपके पुलिस उपाधीक्षक मुझे सिखायेगें कि मुझे चुनाव प्रसार कैसे करना है?

मैं बिना सुरक्षा के जनता के बीच घुस जाता हूं, जनता से हाथ मिलाता हूं, जनता को गले लगाता हूं, जनता के प्रश्नों के जवाब देता हूं. जनता में से कोई भी मुझे घर बुलाता है और यदि मेरे पास  समय हो तो मैं उसके घर भी चला जाता हूं. मेरे इसी व्यवहार को आपके पुलिस उपाधीक्षक  ‘हथकंडा’ कह रहे हैं. आपको शायद अपने पुलिस उपाधीक्षक को ‘जनतंत्र’ की परिभाषा बतानी होगी कि जनतंत्र हेलिकौप्टर और एअर कंडिशन्ड कमरों से नहीं चलता. जनतंत्र गली-मोहल्लों, सड़कों और गांव-गांव में घूमने से चलता है.

मेरा संवाद सीधे काशी की जनता से है. आपकी पुलिस यदि मेरे और काशी की जनता के बीच  में आने की कोशिश करेगी तो मैं ऐसी सारी कोशिशों को नाकाम कर दूंगा. आपकी नज़र में यह  ‘हथकंडा’ हो सकता है, मेरी नज़र में यही ‘जनतंत्र’ है.

मैंने कभी आपसे अपने लिए सुरक्षा नहीं मांगी. इस पत्र के ज़रिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आपने अपनी मर्जी से मरी सुरक्षा में जो पुलिस कर्मी लगाए हैं, उन्हें तुरन्त वापिस ले लिया जाए.  इन सभी पुलिस कर्मियों को काशी की जनता की सुरक्षा के लिए लगाया जाए. मुझे सुरक्षा नहीं  चाहिए. काशी की जनता मेरी सबसे बड़ी सुरक्षा है. काशी के लोग मुझे बहुत प्यार करने लगे हैं. काशी में मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. बाबा विश्वनाथ जी का मुझ पर आशीर्वाद है, फिर किस बात का डर.

आप काशी की जनता की भाजपा के गुण्डों से सुरक्षा कीजिए, मेरी सुरक्षा की चिन्ता छोड़ दीजिए.

धन्यवाद

अरविंद केजरीवाल

राष्ट्रीय संयोजक, आम आदमी पार्टी

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