India

संयुक्त राष्ट्र में भारत का इज़रायल के ख़िलाफ़ वोट

BeyondHeadlines News Desk

भारत ने इज़रायल के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए गाजा में इज़रायली कार्रवाई की जांच शुरू करने संबंधी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव का समर्थन किया है. भारत ने ब्रिक्स देशों के साथ प्रस्ताव के समर्थन में मतदान भी किया है.

इतना ही नहीं, भारत ने फोर्स के असंगत इस्तेमाल के खिलाफ कड़ा बयान भी दिया है. भारत ने फिलस्तीन की ओर से तैयार पूर्वी यरूशलम सहित फिलस्तीनी कब्जे वाले क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने संबंधी प्रस्ताव के समर्थन में चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के साथ मतदान किया. 47 सदस्यीय परिषद में 29 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया, जबकि 17 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

अमरीका एकमात्र देश है जिसने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. यूरोपीय देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. वोटिंग ऐसे वक्त हुई है जब गाजा में खूनी जंग जारी है. इज़रायल और हमास ने 16 दिवसीय संघर्ष में पीछे हटने से इनकार कर दिया है.

इस हिंसा में अब तक 680 फिलस्तीनी और 31 इजरायली मारे गए हैं. इससे पहले भारत ने इजरायल और फिलस्तीन से कहा कि वे राजनीतिक इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करते हुए संघर्ष विराम पर तैयार होकर वार्ता की मेज पर लौटें.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पश्चिम एशिया में स्थिति सहित फिलस्तीन सवाल पर खुली चर्चा में कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष स्थायी संघर्ष विराम पर सहमत हो जाएंगे, जो फिलस्तीन के व्यापक मसले के हल के लिए शांति प्रक्रिया की बहाली से भी जुड़ी होगी.

अशोक मुखर्जी ने कहा कि इज़रायल और फिलस्तीन के बीच संघर्ष में बढ़ोतरी को लेकर भारत चिंतित है. संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए हैं और संपत्ति का भी भारी नुक़सान हुआ है. आगे उन्होंने कहा कि गाजा में हो रहे हवाई हमले और खासकर ज़मीन पर सैन्य ताक़त के बेजा इस्तेमाल से नागरिकों की जानें जा रही हैं. इनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं, जो बहुत चिंता की बात है.

भारत की नई मोदी सरकार का यह रुख पिछली सरकारों के अनुरूप ही है. संसद में इस मुद्दे पर बहस के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इजरायल और फिलीस्तीन दोनों भारत के दोस्त हैं, इसलिए भारत किसी एक का साथ नहीं दे सकता.

इस पूरे मसले पर पत्रकार रविश कुमार ने अपने फेसबुक टाईमलाइन पर लिखा है कि ‘संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इज़रायल के ख़िलाफ़ वोट दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले में सबको हैरत में डाल दिया है. लोग कह रहे थे कि सरकार इज़राइल परस्त है. संसद में प्रस्ताव तक पास नहीं होने दिया. मगर ये तो हरभजन का दूसरा दाँव निकला. यह कोई सामान्य घटना नहीं है. साहसिक क़दम है….’

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