BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : पेशावर में हुई आतंकी घटना जिसमें 130 से ज्यादा स्कूली बच्चे मारे गए, की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने बच्चों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरी मानवता को शर्मशार करती हैं और मानव सभ्यता के बेहतर भविष्य के सपने को खंडित करती हैं. आज पूरे भारतीय उप-महाद्वीप में जिस तरह धार्मिक उन्माद बढ़ रहा है, वह खतरनाक है. ऐसे में अवाम को किसी भी तरह के धार्मिक और सांप्रदायिक उन्मादी राजनीति के खिलाफ खड़ा होना होगा.
उन्होंने योगी आदित्यनाथ के ट्वीट को मनुष्यता विरोधी और बीमार मानसिकता का उदाहरण बताया, जिसमें उन्होंने भारतीय मीडिया द्वारा इस आतंकी घटना के खिलाफ शोक व्यक्त करने की निंदा की है.
उन्होंने कहा कि योगी जैसे लोगों ने ऐसा कहकर साबित कर दिया है कि तालीबान और आरएसएस में कोई फर्क नहीं है.
आज़मगढ़ रिहाई मंच के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने हाल ही में अपनी पार्टी समेत सपा में शामिल हुए एक नेता द्वारा बाराबंकी में दिए गए इस बयान को सफेद झूठ क़रार दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि आतंकवाद के नाम पर कैद बिजनौर के नासिर और याकूब को सपा सरकार ने मुक़दमा वापस करके रिहा कर दिया है.
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि नासिर न्यायालय द्वारा दोषमुक्त होकर बरी हुआ है. वहीं याकूब अभी भी जेल में है और उसके खिलाफ मुक़दमा चल रहा है.
रिहाई मंच नेता ने कहा कि इससे पहले कई बार मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी लगातार इस झूठ को प्रचारित करती रही है कि उन्होंने आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ दिया है और बाकी छुटभैया नेताओं द्वारा भी अब उसी झूठ को प्रचारित करने का अभियान चलाया जा रहा है.
रिहाई मंच नेता ने आतंकी मामलों में न्यायालय द्वारा दोषमुक्त हुए बेगुनाहों के मुआवजा व पुर्नवास की मांग को दोहराते हुए कहा कि सपा ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में वादा किया था कि ऐसे निर्दोषों का पुनर्वास करेगी, जिसे उसने अब तक पूरा नहीं किया.
उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने तो किसी बेगुनाह को नहीं छोड़ा पर इस सरकार के शासन के दौरान ही न्यायालय द्वारा रामपुर के जावेद, मक़सूद, ताज मोहम्मद, बिजनौर के नासिर हुसैन और लखनऊ के मोहम्मद कलीम के दोषमुक्त हो जाने के बावजूद सरकार उन्हें मुआवजा व पुर्नवास देने से पीछे हट रही है.