पांच सौ रुपये घूस नहीं दिया तो बता दिया ‘देशद्रोही’
Sanjay Parihar
मोतिहारी : ये कहानी बिहार के पूर्वी चंपारण पुलिस की है. जहां एक दारोगा ने मनमानी रिश्वत न मिलने पर एक छात्र के पासपोर्ट आवेदन की सत्यापन रिपोर्ट में उसे ‘देशद्रोही’ करार दे दिया. छात्र का नाम है कुमार मिथिलेश और उक्त कारनामा करने वाले दारोगा हैं छतौनी थाने के अवर निरीक्षक रविरंजन कुमार रवि…
मिथिलेश छतौनी थाना क्षेत्र अंतर्गत छतौनी बाजार के सीतायन कुंज निवासी सह अधिवक्ता रामकुमार गुप्ता का पुत्र है. वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है और विदेश जाकर उच्च शिक्षा की चाहत रखता है. इसके लिए उसने पासपोर्ट बनाने को आवेदन दिया. इसी के तहत पुलिस सत्यापन रिपोर्ट में दारोगा रविरंजन ने ‘देशद्रोही’ के साथ उसके बारे में फौजदारी के मुक़दमे में सजायाफ्ता, कोर्ट द्वारा विदेश जाने पर पाबंदी, गिरफ्तारी वारंट आदि लिख डाला.
छात्र के पिता का कहना है कि रिपोर्ट में उनके पुत्र के बारे में लिखी गईं बातें पूरी तरह गलत, बेबुनियाद व मनगढ़ंत हैं. दरअसल, पासपोर्ट सत्यापन अधिकारी रवि ने उनसे सत्यापन प्रतिवेदन के लिए मोटी राशि मांगी थी, जिसे वे पूरा नहीं कर सके. फिर भी उनके बेटे को बरगलाकर उसने पांच सौ रुपये खर्च के नाम पर ले लिए. कहा कि गलत सत्यापन प्रतिवेदन पासपोर्ट कार्यालय पटना भेजकर उक्त पुलिस अधिकारी ने उनके बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. अब इसका विरोध करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी जा रही हैं.
उन्होंने वरीय पुलिस अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप कर सुधार करने और संबंधित दरोगा पर कार्रवाई करने की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि पासपोर्ट सत्यापन में गड़बड़ी का यह मामला कोई नया नहीं है. दिसंबर महीने में ही रक्सौल की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर छात्रा पल्लवी पुष्पम को पासपोर्ट सत्यापन के क्रम में वहां के पुलिस अधिकारी बेचू राम ने अपराधी बता दिया था. अपने बचाव में उन्होंने कहा था कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती है, जिस कारण गलती हो गई.
छतौनी थाना के अवर निरीक्षक रविरंजन नें बताया की यह मानवीय भूल है. मैंने जानबूझकर ऐसी गलती नहीं की है. समझने में गड़बड़ी हो गई, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है. रिश्वत लेने की बात गलत है.
वहीं मोतिहारी पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) गौरीशंकर सिंह ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है. इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मामले की जांच करवाई जा रही है.
(लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हुए हैं.)