BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने मार्च में पीलीभीत के कलीनगर कस्बे में सांप्रदायिक तनाव में मुस्लिम समुदाय की दुकानों में लूटपाट, फायरिंग और आगजनी करने वाले पांच भाजपा व दो लोजपा समेत 10 व्यक्तियों के खिलाफ़ नामजद एफआईआर होने के बाद भी गिरफ्तारी न होने पर प्रदेश सरकार पर सांप्रदायिक तत्वों के सरंक्षण का आरोप लगाया है.
मंच ने केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा पीलीभीत में वनकर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना की कड़ी भत्र्सना की है.
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कहा कि 11 अप्रैल को पीलीभीत के कलीनगर कस्बे में जिस तरीक़े से मुस्लिम समुदाय की दुकानों में लूटपाट कर आग के हवाले किया गया जिसमें भाजपा से जुड़े अरविंद मिश्र, नरेन्द्र गुप्ता, अजय गुप्ता, विष्णुकांत, राम प्रकाश और लोजपा से जुड़ी महारानी व सोनू समेत 10 के खिलाफ़ नामज़द मुक़दमा दर्ज होने के बाद भी एक महीने गुज़र जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं की गई, वह साफ करता है कि सपा सरकार न सिर्फ सांप्रदायिक तत्वों को संरक्षण दे रही है, बल्कि उनके मनोबल को बढ़ाकर प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में झोक रही है.
मंच ने कलीनगर क़स्बे में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद हुई लूटपाट व आगजनी के पीडि़तों को मुआवज़े की मांग की है.
रिहाई मंच नेता जैद अहमद फ़ारुकी ने बताया कि कलीनगर के पीडि़तों की पीलीभीत प्रशासन द्वारा सुनवाई न करने पर डीजीपी से मिलकर लिखित शिकायत की गई है.
उन्होंने बताया की शिकायत में पीडितों ने कहा है कि 11 अप्रैल को बलात्कार मामले में कुछ असामाजिक तत्व सामाजिक माहौल को बिगाड़कर दंगा भड़काने में लगे थे, इसलिए कस्बा कलीनगर थाना माधौटांडा ज़िला पीलीभीत के कुछ मुस्लिम दुकानदार अपनी दुकानों से डर वश हट गए.
उस दिन लगभग 8 बजे रात वो असामाजिक तत्व कलीनगर पुलिस चौकी के सामने स्थित मंदिर के प्रांगण में एकत्रित होकर लाऊडस्पीकर से सांप्रदायिकता भड़काने वाले भाषण देने लगे. थोड़ी ही देर में वहां पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके कारण वहां के मुसलमान दुकानदार छुपकर घटना देखते रहे और थोड़ी देर में लूटपाट, फायरिंग तथा आगजनी की घटनाएं आरंभ हो गई, जिसकी रिपोर्ट थाना माधौटांडा जिला पीलीभीत के थानाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह ने थाने में दर्ज कराई. जो प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 0496 दिनांक 12 अप्रैल को दर्ज हुई.
मामले की विवेचना उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह को दी गई. थाना अधिकारी ने अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में 1- श्रीमती महारानी, 2- रामअवतार यादव, 3- विष्णुकांत, 4- अरविंद मिश्रा, 5- सोनू, 6- नरेन्द्र गुप्ता, 7- लाला राम, 8- धर्म सिंह, 9- अजय गुप्ता तथा 10- राम प्रकाश को नामजद किया, किन्तु आज तक कोई अभियुक्त गिरफ्तार नहीं किया गया. सारे अभियुक्त खुल्ला छोड़ दिए गए हैं और उनपर प्रशासन का इतना वरदहस्त है कि वे खुलेआम अपने खिलाफ़ गवाही देने वालों को जान से मारने की धमकी देते फिर रहे हैं और लगातार कस्बे के सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में लगे हैं, जिससे किसी भी समय मुसलमानों के खिलाफ़ सांप्रदायिक हिंसा से इन्कार नहीं किया जा सकता.
पीलीभीत के वन कर्मचारी रूपलाल द्वारा केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा उन्हें थप्पड़ मारने की घटना पर रिहाई मंच नेता हरे राम मिश्र ने कहा कि मेनका गांधी जिस तरीके से पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए बातें करते हुए सुनी जाती हैं, ठीक उसी तरह उन्हें इंसानों की भी इज्ज़त करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से इसी पीलीभीत में भाजपा नेता व उनके पुत्र वरुण गांधी द्वारा मुसलमानों की गर्दन काटने की खुली धमकी दी गई और अब खुद एक वन कर्मचारी को थप्पड़ मारने का उन पर आरोप लगने के बाद वे इसे गैर ज़रुरी वाक़्या मानते हुए ऐसे आरोपों का जवाब भी देना गैर-ज़रूरी समझती हैं. वो यह साफ करता है कि उनमें मानवीयता के मूल्य भी नहीं हैं.
मिश्र ने केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि जिस तरीके से अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुआ है. ऐसे में सपा सरकार वरुण गांधी की तरह मेनका गांधी को भी बचाने की फिराक़ में है.