BeyondHeadlines News Desk
नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार द्वारा 1984 सिख क़त्लेआम की विधवाओं के लिए बजट में 125 करोड़ की रक़म ना रखने के मुद्दे पर आल इण्डिया तंज़ीम-ए-इंसाफ भी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ है.
तंज़ीम के जनरल सेक्रेटरी अमीक़ जामेई ने कहा ‘इंसाफ’ पूरी तरह से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव तथा पूर्व विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा की मांग का समर्थन करती है और सिक्ख समुदाय के साथ खड़ी है.
उन्होंने आज जारी अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ‘हम चाहते हैं कि कांग्रेस राज में क़त्ल किये गए सिक्ख पीड़ित परिवारों के बच्चों को सरकारी नौकरी, मुफ्त बिजली पानी, पुर्नवास के लिए सहायता तथा समस्त 2500 विधवाओं को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि तुरन्त दिए जाये और वीआईपी क़ातिलों को जल्द से जल्द तिहाड़ का रास्ता दिखाया जाये.
अमीक़ ने कहा की दिल्ली में अधिकतर मुस्लिम युवक आतंक के इल्ज़ाम से बरी होकर आज सड़क पर टहल रहे हैं. सरकार के मुस्लिम विधायक ने मुवाअज़ा का मुद्दा तो उठाया, लेकिन कोई बजट इस मामले में जारी नहीं किया गया.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बटला छात्र क़त्लेआम काण्ड पर सरकार ख़ामोश क्यों है? जबकि ओखला से जीत कर विधानसभा पहुंचने वाले विधायक ने जीत के साथ ही इस पर एसआईटी जांच की बात कही थी. पर अब सरकार के साथ-साथ विधायक जी भी ख़ामोश नज़र आ रहे हैं.
तंज़ीम ने कहा कि 1984 सिक्ख अकलियतों की लड़ाई जम्हूरियत को बचाने की लड़ाई है और इस बाबत तंज़ीम के जनरल सेक्रेटरी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के भतीजे यादुवेन्द्र सिंह के साथ मिलकर इस लड़ाई को और तेज़ करेगी.