BeyondHeadlines News Desk
सीतापुर: उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले की मेहमूदाबाद थाने के शौचालय में कथित रूप से एक महिला ने आत्महत्या कर लिया. हालांकि मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उग्र प्रदर्शन किया.
इस दौरान उन्होंने पुलिस पर पथराव किया और गोलियां भी चली, जिसमें एक युवक की मौत हो गई तथा पुलिस अधीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी लोगों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही थाने में आत्महत्या करने वाली महिला और विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए युवक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान भी किया है.
पुलिस क्षेत्राधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया है कि नहर पर आत्महत्या करने पहुंची 28 साल जीनत नाम की महिला को मौके पर मौजूद एक सुरक्षा गार्ड ने बचाकर मेहमूदाबाद थाने पर पुलिस के हवाले कर दिया था. मगर उसने शौच के बहाने थाने के शौचालय में जाकर दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
उन्होंने बताया कि मृतका के पिता मक़बूल और परिजनों ने उसकी कथित आत्महत्या में पुलिस की भूमिका पर शक करते हुए स्थानीय लोगों के साथ थाने के बाहर सड़क जाम कर दी और जाम हटाने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें पुलिस अधीक्षक राजेश कृष्ण सहित चार पुलिसकर्मी पत्थर लगने से मामूली रूप से घायल हो गए हैं.
यह बताते हुए कि उग्र प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस जीप को भी आग लगा दी, सिंह ने बताया कि उग्र भीड़ को तितर-बितर करके स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस दौरान एक युवक को भी गोली लगी, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी.
उन्होंने हालात काबू में होने का दावा करते हुए कहा कि एहतियात के तौर पर अब भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं.
इस पूरे मामले पर लखनऊ के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस घटना की जांच होनी चाहिए, क्योंकि तस्वीरें साफ़ तौर पर बता रही हैं कि यह खुद से फांसी लगाने का मामला नहीं है.
दूसरी तरफ़ परिवार ने भी इसकी सीबीआई जांच की मांग की है. परिजनों का कहना है –‘हमें सीबीआई जांच चाहिए. इंसाफ चाहिए. सी.एम. से पांच लाख रुपए का मुआवाजा नहीं.’