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दंगाई आज़ाद हैं और बेगुनाह जेलों में बंद!

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : सपा सरकार में हुए मुस्लिम विरोधी साम्प्रदायिक हिंसा के असली दोषी आजाद घूम रहे हैं, जबकि आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवान जेलों में बंद हैं. जिन्हें छोड़ने का वादा सपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किया था. पर अब सरकार के साथ-साथ सपा के मुस्लिम मंत्री और विधायक भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.

ये बातें रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कसाईबाड़ा और फूलबाग में मंच द्वारा सपा और भाजपा के साम्प्रदायिक गठजोड़ के खिलाफ़ चलाए जा रहे जन अभियान के तहत हुई नुक्कड़ सभाओं में कहीं.

मोहम्मद शुऐब ने कहा कि समाजवादी पार्टी मुसलमानों से किए गए वादों से न सिर्फ मुकर गई है, बल्कि उसने मुसलमानों को साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार बनाने वाले हिंदुत्ववादी हत्यारों के खिलाफ़ कोई भी कार्रवाई न करके संघ परिवार के एजेंडे को ही  आगे बढ़ाने का काम किया है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष ने कहा कि रामपुर सीआरपीएफ कांड में पकड़े गए बेगुनाहों का मुक़दमा हो या आतंकवाद के नाम पर फंसाए गए दूसरे मुसलमानों का मामला हो, अभियोजन पक्ष लगातार अनावश्यक रूप से देरी कर रहा है, ताकि बेगुनाह मुस्लिम आरोपी लम्बे समय तक जेलों में सड़ते रहें.

रिहाई मंच नेता शकील कुरैशी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार मुजफ्फरनगर के हत्यारों को बचाने के लिए विधानसभा का शीतकालीन सत्र तक टाल रही है, ताकि मुज़फ्फ़रनगर साम्प्रदायिक हिंसा की जांच करने वाली जस्टिस सहाय कमीशन की रिपोर्ट को सदन में न रखना पड़े.

शकील कुरैशी ने कहा कि मुलायम सिंह ने मुसलमानों को आरक्षण देने का वादा किया था. लेकिन आरक्षण देने के बजाए बुनकरी जैसे उनके पारम्परिक पेशे को भी तबाह कर उन्हें भुखमरी के कगार पर धकेला जा रहा है.

रिहाई मंच नेता शबरोज मोहम्मदी ने कहा कि मुसलमानों को समाजवादी पार्टी ने सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है, जिन्हें न तो रोज़गार दिया और ना ही सुरक्षा.

इंसाफ़ अभियान के प्रदेश महासचिव और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेता दिनेश चौधरी ने कहा कि प्रदेश की तमाम सरकारों ने जनता को सिर्फ वोटर ही समझ कर इस्तेमाल किया है. उन्हें इंसान की हैसियत से देखा ही नहीं है. आज ज़रूरत नए राजनीतिक विकल्प की है, जो इंसानी ज़रूरतों को पूरा करे. उन्हें धर्म और जाति के नाम पर बांटने के बजाए उन्हें हक़-हुकूक़ लौटाए.

उन्होंने कहा कि जब भी सरकारें महंगाई और भ्रष्टाचार के सवाल पर घिरती हैं, आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह नागरिकों को कभी इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर तो कभी आईएसएस के नाम पर पकड़ा जाने लगता है.

नुक्कड़ सभा को सम्बोधित करते हुए सैय्यद मोईद अहमद और फ़रीद खान ने कहा कि जनता में बढ़ रहे गुस्से से डरी सपा सरकार अब भाजपा से मिल कर साम्प्रदायिक कार्ड खेलने की रणनीति पर चल रही है. इसीलिए उसने बिहार में मोदी को जिताने की नाकाम कोशिश की. उन्होंने जनता से सपा और भाजपा के साम्प्रदायिक गठजोड़ से चौकन्ना रहने की अपील की.

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