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मंत्री के ‘दाऊद कनेक्शन’ में पीएमओ की भूमिका संदिग्ध!

BeyondHeadlines News Desk

वडोदरा के एक हैकर के दावे के मुताबिक़ महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे और मोस्ट वॉन्टेड दाऊद इब्राहिम दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहे हैं. दाऊद अक्सर मंत्री जी से बात करता रहता था. हालांकि खडसे इन आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि –‘उनकी दाऊद से कभी बात नहीं हुई.’

इस ख़बर के आने के बाद राजनीतिक जगत भूचाल आ गया है. आम आदमी पार्टी की नेता प्रीति मेनन ने मंत्री एकनाथ खडसे से इस्तीफ़े से मांग की है. वहीं बिहार प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने इस प्रकरण में प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है.

राजीव रंजन का कहना है कि –‘महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे के दाऊद कनेक्शन और पुणे में औने-पौने भाव में करोड़ों की ज़मीन खरीद मामलों का कोई और भी बड़ा गहरा कनेक्शन है. यही कारण है कि खडसे को बचाने के लिए महाराष्ट्र व केंद्र की पूरी बीजेपी सरकार और इनकी पार्टी एक हो गई है. खडसे के विरुद्ध बड़े-बड़े सबूत पेश किए गए, फिर भी उसे बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई करने की बजाय, उसे बचाने के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू के नेतृत्व में सरकार और भाजपा की बड़ी टीम लगाई गई है. इस प्रकरण में प्रधानमंत्री कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध है.’

जदयू प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पहले ख़बर आई कि अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम से महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे की फ़ोन पर बात होती है. गुजरात के एक हैकर ने दाऊद के नम्बरों से भारत में खडसे समेत 5 लोगों को फ़ोन किए जाने के पूरे कॉल डिटेल निकाल कर इसे प्रधानमन्त्री कार्यालय को 29 अप्रैल को ही फैक्स किया. मगर इस पर ज़रूरी कार्रवाई होने की बजाय, ख़बर सामने आते ही फटाफट मुम्बई पुलिस से खडसे को क्लीन चिट दिलवाई गई. अब दूसरे आरोप के अनुसार खडसे ने पुणे के बहुत महंगे भोसड़ी इलाके में लगभग 40 करोड़ रुपये के बाजार भाव की एमआईडीसी की तीन एकड़ ज़मीन केवल 3.75 करोड़ रुपये में 27 अप्रैल को इसके मूल मालिक से खरीद ली. इस डील को फाईनल करने के लिए मार्च के तीसरे सप्ताह में एमआईडीसी और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ पुणे में बैठक की गई.

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इतने सारे स्पष्ट सबूत सामने आने के बावजूद खडसे के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होना न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि किसी गहरी साजिश की ओर भी इशारा करता है. प्रधानमन्त्री जी, देश की सुरक्षा और पद के दुरूपयोग के इन मामलों में यदि आपलोगों की कोई मिलीभगत नहीं है, तो इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करके खडसे को बर्खास्त करवाएं और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू करवाएं.

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