रोज साढ़े पांच हज़ार रुपये की चाय पी जाते हैं शरद पवार के बाबू

Beyond Headlines
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Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

बिजली की किल्लत, मानसून की बेरुखी, उर्वरकों की कमी और कर्ज से परेशान किसान अपनी जान देने तक को मजबूर हैं. देश में हालात यह हैं कि हर दिन दो किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

लेकिन किसानों के कल्याण के लिए बनाये गये कृषि मंत्रायल के बाबू चाय की चुस्कियां लेने में मस्त हैं. BeyondHeadlines द्वारा कृषि मंत्रालय में दायर की गई आरटीआई से खुलासा हुआ है कि मंत्रालय के कृषि और सहकारिता विभाग के बाबू रोजाना साढ़े पांच हजार से अधिक रुपये का सिर्फ चाय नाश्ता ही खा जाते हैं.

 

BeyondHeadlines ने कृषि मंत्रायल में आरटीआई दायर कर ऑफिस में खर्च का ब्यौरा मांगा था जिसमें चाय-नाश्ते पर होने वाले खर्च भी शामिल था. मंत्रालय ने हमारे सूचना के अधिकार के आवेदन को सभी विभागों में भेज दिया.

कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले तमाम विभागों में से सिर्फ कृषि और सहकारिता विभाग ने ही हमारी आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि पिछले चार साल में 78 लाख 54 हजार 526 रुपये विभाग में चाय नाश्ते पर खर्च हुए. अकेले साल 2011-2012 में 20 लाख 70 हजार 70 रुपये चाय नाश्ते पर खर्च हुए. यानि पिछले वित्त वर्ष में रोजाना विभाग के दफ्तर में साढ़े पांच हजार से अधिक रुपये का चाय-नाश्ता बाबू खा गये.

वहीं नेशनल ऑयल सीड्स एंड वेजिटेबल ऑयल्स डेवलपमेंट बोर्ड ने बताया कि उसके दफ्तर में पिछले पांच सालों में 80 हजार 456 रुपये चाय नाश्ते पर खर्च हुए.

अब सवाल यह है कि जब शरद पवार क्रिकेट बोर्ड के विकास में बिजी हों और बाबू चाय की चुस्कियां लेने में तो किसानों के हितों का ख्याल कौन रखेगा. जरा एक बार फिर सोचिये की जिस दफ्तर के चाय नाश्ते का रोजाना का खर्च साढ़े पांच हजार रुपये से भी अधिक हो उसका कुल खर्च कितना होगा. हमने कई सवाल आरटीआई के जरिये किये थे. जिनमें दफ्तर में बाबुओं की उपस्थिति, कृषि मंत्री शरद पवार की उपस्थिति आदि से संबंधित सवाल भी थे. हालांकि इन सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है.

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