देश के 60 लाख मतदाताओं ने किया ‘नोटा’ का प्रयोग

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BeyondHeadlines News Desk

16वीं लोसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. शायद देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है. बीजेपी इस बार देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. और अब तय हो गया है कि देश में अगली सरकार मोदी की ही होने वाली है.

इन सबके बीच हम आपको बता दें कि देश में सरकार भले ही बीजेपी की बने, लेकिन देश के कई लोगों को न कांग्रेस पसंद है, न भाजपा और न ही कोई अन्य पार्टी… ऐसे मतदाताओं की संख्या देश में तकरीबन 60 लाख है जिसने ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी ‘नोटा’ बटन का प्रयोग किया.

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि मताधिकार का प्रयोग करते हुए 59,97,054 मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ‘नोटा’ का बटन दबाया.

‘नोटा’ बटन का प्रयोग करने वालों की यह संख्या 21 पार्टियों को मिले कुल वोटों से कहीं ज्यादा है. साथ ही यह कुल पड़े वोटों का 1.1 प्रतिशत वोट के बराबर है.  वडोदरा में 18 हजार 63 लोगों ने नोटा बटन दबाया. यहां से नरेंद्र मोदी उम्मीदवार थे.

पुड्‌डुचेरी में सबसे ज्यादा नोटा को वोट मिले. यहां कुल पड़े वोटों का 3 प्रतिशत नोटा को किया, जो 22 हजार 268 वोट के बराबर है. इसके बाद मेघालय में 2.8 प्रतिशत (30 हजार 145, छत्तीसगढ़ 1.8 प्रतिशत (2 लाख 24 हजार 889, गुजरात 1.8 (4 लाख 54 हजार 880, दादरा और नागर हवेली 1.8 प्रतिशत (2 हजार 963) का स्थान है.

बिहार में 1.6 प्रतिशत (5 लाख 81 हजार 11), ओडिशा 1.5 प्रतिशत (3 लाख 32 हजार 780), मिजोरम 1.5 प्रतिशत (6 हजार 495), झारखंड 1.5 प्रतिशत (1 लाख 90 हजार 927), सिक्किम 1.4 प्रतिशत (4 हजार 332), तमिलनाडु 1.4 प्रतिशत (5 लाख 82 हजार 662), मध्यप्रदेश 1.3 प्रतिशत (3 लाख 91 हजार 837) लोगों ने नोटा बटन दबाया। इसके अलावा त्रिपुरा, केरल, गोवा, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अस्र्णाचल प्रदेश, लक्षद्वीप में भी लोगों ने नोटा बटन दबाया.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर महीने में ईवीएम में नोटा का बटन शामिल करने का आदेश दिया था, ताकि मतदाताओं को यह अधिकार मिले कि वे इस बटन को दबाकर चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चुनाव आयोग ने मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में नोटा के विकल्प की शुरुआत की थी. हालांकि निर्वाचन आयोग के अनुसार नोटा विकल्प के अंतर्गत प्राप्त मतों की गणना अवैध मतों के रूप में की जाएगी.

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