दो बार फेल होने के बाद 12वीं में शिक्षा मंत्री जी को आए सिर्फ 47 फीसदी अंक!

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BeyondHeadlines Social Media Desk

नई दिल्ली : मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की खास बात यह है कि वो लगातार चर्चे में बनी रहती हैं. चाहे वो अभिनय के करियर की बात या फिर अब राजनीतिक करियर की.

सोशल मीडिया में वो आज एक बार फिर से चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इस बार चर्चा इस बात की हो रही है कि वो 12वीं कक्षा में दो फेल हुईं और तीसरी बार में जब उन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की तो उन्हें कुल 47 प्रतिशत अंक मिले.

यह दावा किसी ने और ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नज़दीकी समझी जाने वाली पत्रकार मधु किश्वर ने आज ट्वीटर पर किया है. उन्होंने पहले ट्वीट में लिखा है-

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स्पष्ट रहे कि नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल सबसे कम उम्र की महिला मंत्री स्मृति ईरानी अपने शैक्षिक योग्यता को लेकर चर्चे में रही थी. आरोप था कि स्मृति ईरानी केवल 12वीं पास हैं. ऐसे में उन्हें भारत का शिक्षा मंत्री बनाया जाना भयावह है.

उस समय BeyondHeadlines ने इस बात का भी खुलासा किया था कि स्मृति ईरानी अपने शैक्षिक योग्यता को लेकर चुनाव आयोग को गुमराह करने का काम किया है.

नेशनल इलेक्शन वाच के वेबसाइट पर मौजूद जानकारी बताती है कि 2004 में स्मृति ईरानी दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ी थी, लेकिन हार गई थीं. उस समय चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता ग्रेजूएट बताया था. उन्होंने बताया कि वो 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. किया है.

लेकिन राज्यसभा व 2014 लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता 12वीं पास बताया. साथ ही यह भी बताया कि 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से बी.कॉम, पार्ट-1 की पढ़ाई की है.

उस समय भी मधु किश्वर ट्वीट ने किया था कि ‘ स्मृति महज 12वीं पास हैं. वह फैशन मॉडल बनने गईं और टीवी सीरियल की बहू बनीं. क्या भारत का शिक्षा मंत्री बनने के लिए यही शैक्षिक योग्यता है? हैरानी नहीं होगी कि अगर ईरानी के आश्चर्यजनक योग्यता के मद्देनज़र उन्हें डिप्टी पीएम बना दिया जाए. लेकिन वर्तमान में शिक्षा व्यवस्था में फैली अव्यवस्था से भारत को बाहर निकालने के लिए अलग तरह का नज़रिया होना चाहिए. ईरानी पत्राचार से बीकॉम फर्स्ट ईयर पास होने का दावा करती हैं, लेकिन ऐसी कोई डिग्री नहीं है. यानी उन्होंने बस एडमिशन लिया और पढ़ाई छोड़ दी. एफिडेविट में गलत जानकारी दी गई है.’

हालांकि स्मृति ईरानी का मानना है कि जानबूझकर उनके बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में स्मृति ने कहा कि जानबूझकर उनके बारे में कहनियां गढ़ी जा रही हैं और उसे मीडिया में फैलाया जा रहा है. स्मृति के बयान के बाद पुरानी चर्चाओं को और बल मिल गया है.

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