Holi Special

रंगों का त्योहार होली मनाने से पहले इन 11 बातों का ज़रूर रखें ख्याल…

BeyondHeadlines News Desk

  1. होली की मस्ती-मज़ाक दूसरे की सेहत पर भारी न पड़ जाए. होली की ऊर्जा बरक़रार रहे इसके लिए ज़रूरी है कि आप होली खेलते समय अपनी और दूसरों की सेहत व उसके मूड का भी ध्यान रखें. कहीं ऐसा न हो कि आपकी मस्ती-मज़ाक दूसरे की सेहत पर भारी पड़ जाए.
  2. कान पर जोर से गुब्बारा लगने से कान का पर्दा फट सकता है. इसिलए ऐसा करने से बचें. किसी ने गुब्बारे से आपको मार दिया है और इससे कम सुनाई देने लगा है या चक्कर आ रहा है तो विशेषज्ञ को दिखाना ज़रूरी हो जाता है. फौरन डॉक्टर से संपर्क कर पाना संभव न हो और असहनीय दर्द हो तो ही पेन किलर ले लें, लेकिन कान में तेल आदि न डालें. इसी तरह होली खेलते समय अगर कान में पानी चला जाए तो घबराएं नहीं… कई बार मूवमेंट होने पर अपने आप निकल जाता है. लेकिन अगर कान में भारीपन महसूस हो तो फौरन डॉक्टरी सलाह लें. जिन लोगों का कान बहता है वे होली खेलने से पहले तेल में भीगी हुई रूई को कान में लगा लें. ईयरबड या माचिस की तीली को कान में न डालें.
  3. आंखों में रंग चला जाए तो इन्हें मसले नहीं… इससे आंखें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. फौरन राहत के लिए आंखों को पानी से अच्छी तरह धो लें. फिर भी आंखों से पानी आता रहे या रोशनी देखते ही दर्द महसूस हो तो डॉक्टर को दिखाएं. डॉक्टर के पास जाना संभव न हो तो फोन पर ही सलाह लेकर एंटीबायोटिक ड्रॉप (मोक्सीफ्लोक्सेसिन/टोब्रामाइसिन/ ऑफ्लोक्सेसिन) आंखों में डाल सकते हैं.
  4. कैमिकल युक्त रंगों में कांच के टुकड़े होते हैं. जब इन रंगों को रगड़ा जाता है तो त्वचा छिल जाती है जिससे काफी दर्द व जलन होने लगती है. ऐसी स्थिति होने पर त्वचा को पानी से अच्छी तरह धोएं और मॉइश्चराइजर या लोशन का प्रयोग करें. अगर त्वचा के रैशेज दो-तीन दिन बाद भी ठीक न हों और धीरे-धीरे बढऩे लगें तो डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें.
  5. जिन लोगों की त्वचा सेंसेटिव है या एक्जिमा की समस्या है तो उन्हें रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अस्थमा के रोगियों को सूखे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. होली खेलने से पहले नारियल तेल या जैतून का तेल त्वचा व बालों पर लगाएं. यह त्वचा और रंगों के बीच सुरक्षा कवच का काम करता है. बच्चों की त्वचा सेंसेटिव और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है. इसलिए इनके साथ होली खेलते समय सावधानी बरतनी चाहिए. छह माह से कम उम्र के बच्चों की त्वचा काफी कोमल होती है इसलिए उन्हें रंग न लगाएं.
  6. जिन घरों में बच्चे हों, वहां पानी वाली होली खेलने से बचें… क्योंकि भीगने के कारण इस बदलते मौसम में वे जल्दी सर्दी-जुकाम का शिकार हो सकते हैं. रंगों से प्रदूषण काफी बढ़ता है जिससे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होती है. जिन बच्चों को सांस संबंधी समस्या या एलर्जी की परेशानी हो उन्हें रंगों से दूर ही रखें. इसके अलावा जिन बच्चों की इम्युनिटी कम हो उन्हें भी होली के कार्यक्रम में शामिल न करें, क्योंकि इन दिनों स्वाइन फ्लू का ज्यादा खतरा बना हुआ है. जिन बच्चों को सिंथेटिक एलर्जी होती है उन्हें रंगों की वजह से त्वचा की एलर्जी होने का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए उन्हें होली न खेलने दें.
  7. प्रेग्नेंसी के अवस्था में महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मज़बूत नहीं होती. साथ ही त्वचा भी काफी संवेदनशील हो जाती है. इसलिए होली के दौरान कैमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें. जहां गीली होली खेली जा रही हो वहां जाने से बचें, क्योंकि ऐसे में पांव फिसलने का डर बना रहता है.
  8. होली में सबसे ज़्यादा नुक़सान बालों का हो सकता है. इसलिए होली खेलने के बाद बालों को साफ पानी से काफी देर तक धोएं, ताकि अंदर तक चिपका रंग धुल जाए. क्यूंकि आपके बाल पहले ही कड़े और हानिकारक रंगों का सामना कर चुके हैं, तो उन्हें किसी स्ट्रांग शैम्पू से न धोएं. बल्कि 2 चम्मच पिसी हुई मेथी को एक कटोरी दही में मिलाकर अपने बालों में लगाएं और करीब 15 मिनट बाद एक माइल्ड शैम्पू से धो लें. बालों का पीएच बैलेंस बनाए रखने के लिए एक मग पानी में नींबू का रस मिलाकर उससे आखिरी बार बालों को धो लें.
  9. अगर आपके बाल ग्रे या सफेद हो चुके हैं, तो होली के रंग उन पर अच्छे से चढ़ सकते हैं. और ऐसे में लाल-हरे पुते बालों में से रंग महीने भर तक नहीं उतरता है. तो होली खेलने से पहले अपने बाल डाई करना न भूलें.
  10. होली के दिन हम दोस्तों, रिश्तेदारों या पड़ोसियों के घर जाते हैं और जमकर खाते हैं. इससे अक्सर फूड पॉइजनिंग की समस्या हो जाती है. इससे बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक, चाय या कॉफी की जगह ठंडाई, मिल्क शेक, शर्बत या नींबू पानी का प्रयोग कर सकते हैं.
  11. अल्कोहल व भांग के सेवन से परहेज़ करें. नशे में होली के दिन गाड़ी चलाने से भी परहेज़ करना चाहिए. याद रखें कि हमारे हुड़दंग से किसी को कोई तकलीफ न हो. जो रंग लगाने से मना करें, उन्हें रंग न लगाएं.

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