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‘उस रात पुलिस घूम-घूम कर मुस्लिम लड़कों को पकड़ रही थी, जबकि बजरंग दल के लोग अराजकता मचा रहे थे…’

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ: ‘30 जुलाई की शाम लगभग आठ-साढ़े आठ बजे चंदू नाम का लड़का बाइक से रुचि खंड-1 में जा रहा था. हार्न बजाने को लेकर बजरंग दल के लोगों ने उसको रोका और गाली-गलौज करते हुए पीटा. बाद में चंदू ने पूरा वाक़्या अपने भाइयों चांद बाबू, शारिक़ और आसिफ़ को बताया. दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और मामला शान्त हो गया. लेकिन थोड़ी देर बाद भगवा कपड़ा पहने 20-25 लोग असलहे लहराते हुए गांव में घुसे. पथराव किया और मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमला बोला.’

ये बातें लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र के रुचि खंड स्थित सालेह नगर गांव के रहने वाले फुरक़ान की हैं, जो यूपी के सामाजिक व राजनीतिक संस्था रिहाई मंच के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत बता रहे हैं. बता दें कि यहां पिछले दिनों हार्न बजाने को लेकर हुई कहासुनी की मामूली घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. इसके कारण इलाक़े में जो तनाव फैला, उस तनाव के कारण बुजुर्ग ज़ाकिर अली की हार्ट अटैक से मौत हो गई.   

मरहूम ज़ाकिर अली की पत्नी शहनाज़ बानो ने बताया कि 30 जुलाई की रात लगभग ग्यारह-साढ़े ग्यारह बजे खाना खाने के बाद उनके बच्चे घर के बाहर टहल रहे थे तभी पुलिस के साथ बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग आ धमके. बच्चों के टहलने पर एतराज जताया और उन्हें ज़बरदस्ती थाने ले जाने की कोशिश करते हुए घर में घुस गए. मोहल्ले से सूफ़ियान, आमिर, वश्से समेत साइकिल रिपेयर का काम करने वाले चार अन्य को पकड़ लिया.

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोगों ने मोटर साइकिलों पर सवार होकर मोहल्ले में ‘जय श्री राम’ और ‘मुसलमानों भारत छोड़ो’ के नारे लगाए. मुस्लिम घरों के सामने जमा होकर धमकी दी कि भारत में रहना है तो हमारी सुननी पड़ेगी. इससे मोहल्ले में दहशत फैल गई. इस वजह से उनके पति को 1 अगस्त को दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौक़े पर ही मौत हो गई.

मृतक के पुत्र फिरोज अली बताते हैं कि बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग अभी भी मोहल्ले में आकर नारे लगाते हैं. हम डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं.

वहीं बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोगों का कहना है कि मुसलमानों ने देश-विरोधी नारे लगाए और उन पर फायरिंग की.

लेकिन मोहल्ले के लोग इस आरोप को सरासर झूठ और बेबुनियाद बताते हैं. कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को ज़बरदस्ती फंसाया गया है. बता दें कि यहां के हिन्दू निवासी यहां के मुसलमानों के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं.

लगभग 50 साल की संतोष इसी मोहल्ले की मूल निवासी हैं. कहती हैं कि आज तक यहां कभी हिन्दू-मुसलमान जैसा नहीं हुआ. मुसलमानों को बदनाम करने की नीयत से मोहल्ले के लोगों को फंसाया जा रहा है. बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग बवाल चाहते हैं. उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं. इसलिए कि पुलिस उनके साथ खड़ी है.

मोहल्ले के ही 20 वर्षीय अंकुर ने बताया कि मरने वाले ज़ाकिर को वो नाना कहा करते थे. भरी आंखों से घटना के बारे में बताते हुए कहते हैं कि दहशत भरा ऐसा माहौल आज तक नहीं देखा.

25 वर्षीय न्यूज़ पेपर हॉकर आशीष द्विवेदी बताते हैं कि उस रात पुलिस घूम-घूम कर मुस्लिम लड़कों को पकड़ रही थी. जबकि बजरंग दल के लोग अराजकता मचा रहे थे.

राज मिस्त्री का काम करने वाले गांव के ही मूल निवासी 50 वर्षीय रामकुमार ने दुखी मन से बताया कि उनके मोहल्ले में आज तक कभी हिन्दू मुसलमान जैसा कुछ नहीं हुआ. पुलिस ने पूरे गांव में दहशत मचा दी.

प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, शकील कुरैशी, परवेज़ सिद्दीक़ी, गुफरान सिद्दीक़ी, इमरान अंसारी, रॉबिन वर्मा शामिल रहे.

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