स्वतंत्रता दिवस पर वाट्सएप अंतर्राष्ट्रीय मुशायरे का आयोजन
BeyondHeadlines News Desk
पटना : वाट्सएप पर तेज़ी से लोकप्रिय होते ग्रुप “बज्मे ग़ज़ल” ने स्वतंत्रता दिवस पर एक शानदार मुशायरे का आयोजन किया, जिसमे दुनिया भर के शायरों और कवियों ने शिरकत की और वतन की उल्फ़त में अपनी रचनाएं समर्पित कीं.
डॉक्टर आरती के इस शेर पर “इस तरह लड़ते रहे तो एकता मिट जाएगी : देखना यह देश एक दिन खोखला रह जाएगा” खूब दाद मिली.
मुशायरे की अध्यक्षता बिहार के राजकीय गीत के रचनाकार एम. आर. चिश्ती ने की जबकि संचालन उर्दू नेट जापान के भारत में संपादक और नौजवान शायर कामरान गनी सबा ने किया.
सबा के इस शेर पर भी खूब वाह वाही हुई “नफ़रतें सर उठा नहीं सकतीं / अभी उर्दू जबान जिंदा है.” तो वहीं नजरुल इस्लाम ने जब यह शेर पेश किया “वतन की पासबानी जानो इमां से भी अफज़ल है / मैं अपने मुल्क की खातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ.” तो वाह वाही और दाद का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था.
मुशायरे में दोहा क़तर से अहमद अशफाक, अमजद अली सरवर, सऊदी अरब से मंसूर कासमी, अनवर आफाकी, नूर जहाँ, दम्माम से जीशान हाश्मी के अतिरिक्त भारत से प्रो अब्दुल मन्नान तरज़ी, डॉक्टर मंसूर खुशतर, इनाम आज़मी, समीर परिमल, नसर बल्खी, असगर शमीम, पंकज किरण सहित कई शायर एवं कवी शरीक हुए. इस मुशायरे के श्रोताओं प्रो इसराइल रजा, डॉक्टर ज़र्निगार यास्मीन, नौशाद मंज़र, नदीम माहिर जैसी कई बड़ी हस्तियाँ भी शामिल थीं.