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मेरे साहिल को पंडितों ने मुसलमान समझ कर मार दिया… पुलिस कर रही है अब लीपा-पोती…

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published September 2, 2019 11 Views
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5 Min Read
(Photo Courtesy: BBC HINDI)
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BeyondHeadlines Correspondent

नई दिल्ली: भीड़ द्वारा पिटाई और मौत का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है. ताज़ा मामला देश की राजधानी दिल्ली का है. यहां के मौजपुर इलाक़े में साहिल को मुसलमान समझकर सिर्फ़ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो पंडितों की गली में चला गया था. अब जब पता चला कि साहिल मुसलमान नहीं था तो वहां के लोगों को इस बात का सदमा है कि ये ग़लत हुआ.

साहिल सिंह की मां संगीता सिंह BeyondHeadlines से बातचीत में बताती हैं कि उसे पंडितों ने मुसलमान समझ कर मार दिया. मेरा बेटा ही ये घर संभालता था, कमाने वाला अकेला वही था. क्योंकि उसके पिता बीमार रहते हैं. उन्हें दिल की बीमारी है.

बता दें कि संगीता सिंह के तीन बच्चे हैं. एक बेटी अंजली सिंह और दो बेटे साहिल सिंह व आदित्य सिंह. आदित्य की उम्र महज़ 13 साल है, वहीं बहन अभी सरकारी नौकरी के लिए कम्पीटिशन की तैयारी कर रही है. पिता सुनील सिंह का बिल्डिंग मैटेरियल का कारोबार है. फिलहाल साहिल ही उनका काम संभाल रहा था.

ये पूछने पर कि उस दिन क्या हुआ था? इस पर वो बताती हैं कि मेरा बेटा भाग कर आया. किसी ने उसे बुरी तरह से पीटा था. उसने अपनी बहन को बोला कि उसे सांस नहीं आ रही है. फिर मेरी गोद में लेटकर मुझे भी बोला कि मम्मा, मुझे पांच नम्बर वाली गली में बहुत मारा है… इतना कहकर उसने मेरी गोद में ही दम तोड़ दिया. मेरा बेटा 23 साल का, मुझे छोड़कर चला गया और मै कुछ न कर पाई.

पिता सुनील सिंह का कहना है कि हमारे देश में जो नफ़रत की भावनाएं फैलाई जा रही हैं, वो देश के लिए बहुत ख़तरनाक है. मेरे बेटे का नाम साहिल था, पंडितों की गली थी, उन्होंने ये समझ लिया कि ये मुसलमान है.

वो आगे बताते हैं कि दुख तो इस बात का है कि पुलिस पूरे मामले में मेरा साथ देने की बजाए आरोपियों को बचाने में लगी है. फिर वो सवालिया अंदाज़ में पूछते हैं कि क्या आप यक़ीन कर सकते हैं कि एक 6.1 फीट और 80 किलो के लड़के को सिर्फ़ दो लोग मिलकर मार सकते हैं. उसे मारने में पूरी भीड़ थी. लेकिन पुलिस सिर्फ़ दो लोगों को गिरफ़्तार करती है, बाक़ियों को गिरफ़्तार नहीं कर रही है. सीसीटीवी कैमरा के फुटेज को भी छिपा रहे हैं. कह रहे हैं कि उसमें कुछ नहीं आया है.

वो कहते हैं, जब साहिल को मारा गया तो पूरी गली के लोग ख़ुश हो रहे थे कि हमने मुस्लिम को मार दिया. लेकिन जब उन्हें ये पता चला कि वो ठाकुर का लड़का है तो कह रहे हैं कि बहुत ग़लत काम हुआ.    

वहीं पुलिस के मुताबिक़ साहिल परिवार के साथ आदर्श मोहल्ला कृष्णा गली मौजपुर में रहता था. शुक्रवार रात वो अपने दोस्त के जन्मदिन से लौट रहे थे. इसी दौरान विजय पार्क की गली नंबर-5 से गुज़र रहे थे, जहां शराब के नशे में धुत चंद्रभान ने उन्हें रोक लिया. आरोप है कि उसने साहिल से कहा कि यह हमारी गली है. उसकी हिम्मत कैसे हुई इस गली से गुज़रने की. इसी कहासुनी के बाद चंद्रभान ने साहिल को पीटना शुरू कर दिया. चंद्रभान के बेटे भी वहां पहुंच गए. अन्य युवकों ने भी लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया.

साहिल मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. किसी तरह साहिल वहां से स्कूटर लेकर घर पहुंचा. इस दौरान तबीयत बिगड़ने पर परिजन अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी चंद्रभान को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसके नाबालिग़ बेटे को हिरासत में ले लिया है. बाक़ी आरोपियों की तलाश जारी है.

युनाइटेड अगेंस्ट हेट की टीम ने आज साहिल सिंह के परिजनों से मुलाक़ात की और सांत्वना दी कि नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ाई में हम आपके साथ हैं. युनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक सदस्य ख़ालिद सैफ़ी ने कहा कि पता नहीं, नफ़रत का ये खेल हमारे देश को कहां ले जा रही है… हम सबका हर तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ बोलना बहुत ज़रूरी है. नहीं तो ये हिंसा हमारे किसी अपनों के साथ भी हो सकती है.

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