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  • तो क्या सरकार बीजेपी को हेल्थ सेक्टर से मिलने वाले चंदे का हक़ अदा कर रही है?

    तो क्या सरकार बीजेपी को हेल्थ सेक्टर से मिलने वाले चंदे का हक़ अदा कर रही है?

    कोरोना काल के इस दौर में जहां दवाओं की क़ीमत कम करने की ज़रूरत है, वहां इस देश में दवा बनाने वाली कंपनियां मनमाने तरीक़े से क़ीमतें बढ़ा रही हैं और हमारी सरकार कुछ नहीं कर रही है. बल्कि यही हाल पूरे हेल्थ सेक्टर का है.

    ऐसे में सवाल ये है कि कोरोना काल के इस दौर में हेल्थ सेक्टर की इतनी मनमानी क्यों? देश में दवा बनाने वाली कंपनियों को इतना मुनाफ़ा कमाने की छूट आख़िर मिली कैसे? जब इन सवालों के जवाब हासिल करने की कोशिश की तो एक दिलचस्प कहानी सामने आई. पता चला कि देश के हेल्थ सेक्टर से जुड़ी कई संस्थाएं अपनी कमाई का एक हिस्सा राजनीतिक पार्टियों को दे रही हैं. ख़ास तौर पर दवा बनाने वाली कंपनियां राजनीतिक पार्टियों को चंदा देती हैं ताकि वो इनकी छत्रछाया में ख़ूब मनमानी कर सकें.

    बता दें कि साल 2019-20 की दानदाताओं की सूची बीजेपी ने अभी तक इलेक्शन कमीशन को नहीं सौंपी है, हालांकि कांग्रेस साल 2019-20 की दानदाताओं की सूची सौंप चुकी है.

    बीजेपी के दानदाताओं की सूची को देखें तो इसमें न सिर्फ़ दवा कम्पनियां हैं, बल्कि कई अस्पताल, डॉक्टर्स और दवा दुकानदार भी सूची में शामिल हैं.

    हैरानी की बात ये है कि बीजेपी के दानदाताओं की इस सूची में शामिल कई कंपनियां कोविड के इलाज से जुड़ी दवाएं व अन्य चीज़ें बना रही हैं या बेच रही हैं और ये भारत में सबसे ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने वाली कंपनियां हैं.

    स्पष्ट रहे कि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को हेल्थ सेक्टर की कंपनियों और संस्थाओं से ख़ूब चंदा मिला है. 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी को अधिकतर चंदा बड़ी-बड़ी दवा कम्पनियों से ही हासिल हुआ है. अब इसी मलाईदार चंदे के एवज़ में ये कम्पनियां जीवन-रक्षक दवाओं तक की क़ीमतें बढ़ाकर आम आदमी की ज़िन्दगी से खेल रही हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे तमाशा देख रही है.

    बीजेपी को चंदा देने वाली दवा कम्पनियों के कुछ नाम आप नीचे की सूची में देख सकते हैं. यह वो रक़म है जो दवा कम्पनियों ने घोषित तौर पर दी है. अब आप खुद ही अंदाज़ा लगा लीजिए कि अपनी मनमानी जारी रखने के लिए दवा कम्पनियां पीछे के दरवाज़े से कितना पैसा पहुंचाती होंगी?

    साल 2018-19 में बीजेपी को हेल्थ सेक्टर से मिलने वाले चंदे

    Company Name

    Amount
    M/S Microlabs Ltd 1.75 Crore 
    Mankind Pharma Ltd. 1 Crore
    Lars Medicare 51 Lacs
    Macleods Pharma Ltd. 40 Lacs
    Leeford Health Care Ltd. 30 Lacs
    Biological E Limited 7.5 Lacs
    Virchow Laboratories Limited 5 Lacs
    Gland Celsus Biochemicals P. Ltd 5 Lacs
    Krishna Murari Memorial Hospital & Research Centre 5 Lacs
    All Kind Health Care Unit 3 5 Lacs
    Believers Church Medical College 5 Lacs
    Aroma Healthcare 3 Lacs
    Aarti Drugs Ltd 2 Lacs
    Sparsh Hospital And Research 1 Lacs
    Utkarsh Health Care India Pvt Ltd 1 Lacs
    Om Medicare 1.51 Lacs
    Health Biotech Pvt Ltd 51 Thousand
    Elysium Pharma 51 Thousand
    Themis Medicare Ltd. 50 Thousand
    Unim Pharmalab Pvt. Ltd. 50 Thousand
    Kalp Health Care 25 Thousand
    Padmanabh Healthcare P.Ltd 25 Thousand

    साल 2017-18 में बीजेपी को हेल्थ सेक्टर से मिलने वाले चंदे

    Company Name Amount
    Cadila Healthcare Limited 10 Crore
    Micro Labs Limited 9 Crore
    Usv Private Limited 9 Crore
    Cipla Limited 9 Crore
    Mahaveer Medicare 6 Crore
    Cadila Pharmaceuticals Ltd 3.5 Crore
    Alembic Pharmaceuticals Limited 6 Crore
    Lars Medicare Pvt Ltd 26.11 Lacs
    Macleods Pharmaceuticals Ltd 25 Lacs
    Medicare Meridian Limited 35 Lacs
    Cadiox Life Care Private Limited 1 Lacs
    Rusan Pharma Limited 2 Lacs
    Verve Hanuman Care Laboratories 1 Lacs
    Homoeo Pharma 1 Lacs
    Hetero Labs Limited 2 Lacs
    Health Reactive Mumbai 51 Thousand
    Bakson Drugs & Pharma Pvt Ltd 50 Thousand
    J B Chemicals and Pharmaccuticals Ltd 40 Thousand
    Virmani Hospital Pvt Ltd 30 Thousand
    Krishna Hospital & Research 1.51 Lacs
    Mankind Pharma Limited 1 Crore
    Naari Pharma Private Limited 60 Thousand
    Ava Cholyil Health Care P Ltd 15 Lacs
    Trance Conc Health 3 Lacs
    Bio Genetic Laboratories Pvt. Ltd. 51 Thousand
    Aman Medicare Pvt Ltd 50 Thousand

    साल 2016-17 में बीजेपी को हेल्थ सेक्टर से मिलने वाले चंदे

    Company Name Amount
    Serum Institute of India 2 Crore
    Aurobindo Pharma Ltd 20 Lacs
    Sheha Medicare Pvt Ltd 10 Lacs
    Sirmaxo Chemical Pvt Ltd 5 Lacs
    Om Medicare 21 Thousand
    Sparsh Women’s Hospital 80 Thousand
    Amardeep Eye Hospital 32 Thousand
    Hemant Hospital 25 ThOUSAND
    Adar Poonawala Finvest P Ltd 15 Lacs

    इस पत्रकार ने साल 2017 से लेकर साल 2019 तक कांग्रेस को मिलने वाली चंदे की सूची को भी ग़ौर से देखा तो पाया कि इस पार्टी को हेल्थ सेक्टर से बीजेपी के मुक़ाबले काफ़ी कम चंदा मिला है. पिछले तीन सालों में सिर्फ़ पांच दवा कंपनियों ने ही इसे चंदा दिया है. वहीं 2014 लोकसभा चुनाव से पहले साल 2014-15 में छह कंपनियों ने और साल 2013-14 में सिर्फ़ एक कंपनी ने ही कांग्रेस को चंदा दिया था. दिलचस्प बात ये है कि ये कंपनियां बीजेपी को भी चंदा दे रही हैं.

    साल 2016-17 से लेकर 2018-19 तक कांग्रेस को मिलने वाले चंदे

    Year Company Name Amount
    2018-19 M/s Hetero Drugs Ltd 50 Lacs
    2017-18 Cadila Health Care Ltd 2 Crore
    2017-18 Zydus Healthcare Ltd 50 Lacs
    2017-18 Theon Pharmaceuticals Limited 50 Thousand
    2016-17 Anil Medical Agency 2 Lacs

    ग़ौरतलब रहे कि रिप्रेज़ेंटेशन ऑफ़ पीपुल्स एक्ट (1951) में वर्ष 2003 में एक संशोधन के तहत यह नियम बनाया गया है कि सभी राजनीतिक दलों को धारा 29 (सी) की उपधारा-1 के तहत फ़ॉर्म 24(ए) के माध्यम से चुनाव आयोग को यह जानकारी देनी होगी कि उन्हें हर वित्तीय साल के दौरान किन-किन व्यक्तियों और संस्थानों से कुल कितना चंदा मिला. हालांकि राजनीतिक दलों को इस नियम के तहत सिर्फ़ 20 हज़ार से ऊपर के चंदों की ही जानकारी देनी होती है. ये तमाम जानकारियां चुनाव आयोग की वेबसाईट पर मौजूद है.

     

    सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की पसंदीदा पार्टी है बीजेपी

    कोविड वैक्सिन वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की पसंदीदा पार्टी बीजेपी रही है और ये कंपनी बीजेपी को ऑन-रिकार्ड 6.05 करोड़ रूपये चंदे में दे चुकी है. वहीं Adar Poonawala Finvest Pvt Ltd ने साल 2016-17 में 15 लाख रुपये का चंदा बीजेपी को दिया है.

    बीजेपी की तरफ़ से चुनाव आयोग को दिए गए चंदे की सूची के मुताबिक़ 2014 लोकसभा चुनाव के पहले साल 2013-14 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने 1.55 करोड़ का चंदा पार्टी फंड में दिया था. ये रक़म इस कंपनी ने तीन चेकों के ज़रिए दी थी.

    वहीं बीजेपी के सत्ता में आते ही इस कंपनी ने फिर से साल 2014-15 में 2.5 करोड़ का चंदा बीजेपी की झोली में डाल दिया. इस कंपनी की बीजेपी से ‘मुहब्बत’ अगले साल भी बख़ूबी नज़र आती है. साल 2016-17 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बीजेपी को 2 करोड़ का चंदा दिया.

    सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की जो ‘मुहब्बत’ बीजेपी के लिए है, क्या वो दूसरी सियासी पार्टियों के लिए भी है?

    इस सवाल का जवाब पता करने के लिए अन्य राष्ट्रीय पार्टियों की तरफ़ से चुनाव आयोग को दी गई चंदों की सूची की भी छानबीन की. लेकिन इस कंपनी की इन पार्टियों के साथ ‘मुहब्बत’ दूर-दूर तक नज़र नहीं आई.