BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: ‘सेक्युलर नीतिश’ के अल्पसंख्यक कल्याण की हक़ीक़त
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Exclusive > ‘सेक्युलर नीतिश’ के अल्पसंख्यक कल्याण की हक़ीक़त
ExclusiveLatest NewsLeadबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

‘सेक्युलर नीतिश’ के अल्पसंख्यक कल्याण की हक़ीक़त

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published July 13, 2012
Share
6 Min Read
SHARE

अफ़रोज़ आलम साहिल

इन दिनों अल्पसंख्यक-प्रेम नीतिश कुमार के सर चढ़ कर बोल रहा है. नीतिश के बिहार में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है. ये बातें मैं नहीं कह रहा बल्कि BeyondHeadlines को मिले आरटीआई के जवाब बता रहे हैं.

आरटीआई से मिले जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार से साल 2011-12 में अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 21060.75 लाख रूपये मिले, जिसे राज्य ने सारा पैसा अल्पसंख्यक के उत्थान व विकास पर खर्च कर दिया. यही नहीं, इसी साल राज्य सरकार ने भी अपने फंड से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 8500 लाख रूपये दिए, और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने 7313.96 लाख खर्च कर दिए यानी 86 फीसदी पैसा अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए खर्च कर दिया गया.

इस तरह से अगर देखें तो पिछले पांच सालों में केन्द्र सरकार से अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 54113.51 लाख रूपये मिले और इनमें से 47122.96 लाख रूपये राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के उत्थान व विकास पर खर्च कर दिए, यानी केंद्र सरकार से मिले अल्पसंख्यकों के हिस्से के 87 फीसदी फंड का इस्तेमाल बिहार सरकार ने किया.

वहीं अगर राज्य सरकार की बात करें तो पिछले पांच सालों में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 32427.85 लाख रूपये दिए गये जिसमें से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने 30335.06 लाख रूपये खर्च भी कर दिए. यानी 93 प्रतिशत फंड विकास योजनाओं पर खर्च किया गया.

ऊपर जिन आंकड़ों का जिक्र हमने किया वो हमें बिहार सरकार से मिला आरटीआई का जवाब है. लेकिन केंद्र सरकार से मिला आरटीआई का जवाब कुछ और ही हकीकत बयां कर रहा है.  केन्द्र सरकार से मिला आरटीआई का जवाब यह बताता है कि सेक्युलर होने का दावा करने वाले नीतिश कुमार के बिहार के लिए केंद्र सरकार ने कुल 367.46 करोड़ रुपये जारी किये थे लेकिन राज्य सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय विभाग मात्र 167.50 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया. यह कुल फंड का 45.58 प्रतिशत है. बिहार के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना में कुल 523.20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गये थे.

मामला सिर्फ इतना भर नहीं हैं. BeyondHeadlines को आरटीआई से उन शिकायतों की कॉपी भी मिली है, जिसमें बिहार सरकार पर अल्पसंख्यक फंड में घोटाला करने का आरोप लगाया गया है और इसकी सीबीआई जांच की मांग की गई है.

दरभंगा ज़िला कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष गजेन्द्र झा ने एक पत्र लिखकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्षा सोनिया गांधी और डॉ. शकील अहमद का ध्यान बिहार में अल्पसंख्यक कल्याण में ही रही धांधलेबाजी की ओर आकर्षित किया है. गजेंद्र झा ने अपने पत्र के साथ आरटीआई से मिली जानकारियां धांधलेबाजी के सबूत के तौर पर भेजी हैं. उनकी शिकायत को डॉ. शकील अहमद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजा है. मनमोहन सिंह ने इस पत्र को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को भेज दिया. फिर इस पत्र को कार्रवाई एंव जांच हेतु अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सह-सचिव वाई.पी. सिंह ने दिनांक 15 जून,2012 को  बिहार सरकार के मुख्य सचिव नवीन कुमार को भेजा है. (BH के पास ये सारे कागज़ात मौजूद हैं.)

यही नहीं, सीतामढ़ी संघर्ष समिती के नाम की एक संस्था ने भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलकर बिहार में अल्पसंख्यक फंड में धांधली की शिकायत की है और इसके जांच की मांग रखी है. जिस पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 6 जून, 2012 को एक पत्र बिहार सरकार के मुख्य सचिव को लिखकर तुरंत एक्शन लेने को कहा है.

वहीं, कटिहार के बलराम पूर में रहने वाले सोशल व पॉलिटीकल एक्टिविस्ट मो. आदिल हसन की शिकायत है कि नीतिश की सरकार सिर्फ अख़बारों पर चल रही है. हक़ीक़त तो यह है कि 2010 का स्कॉलरशिप अभी तक यहां के अल्पसंख्यक छात्रों को नहीं मिल पाई है. इस संबंध में मो. आदिल भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलकर अपनी शिकायत सौंप चुके हैं. इनका कहना है कि इस पूरे मामले की हर हाल में जांच होनी चाहिए…

इसके अलावा पश्चिम चम्पारण बेतिया के आसिफ इक़बाल भी बिहार सरकार द्वारा मिले आरटीआई के कागज़ात को गलत बता रहे हैं. उनका कहना है कि नीतिश की सरकार में अल्पसंख्यकों पर जुल्म लगातार बढ़ता ही जा रहा है… उन्हें उनका हक़ भी नहीं मिल पा रहा है, जो केन्द्र सरकार यहां के अल्पसंख्यकों को दे रही है. फंड के दुरूपयोग और घोटाले की हर हाल में जांच होनी चाहिए.

लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या हर मंच से सेक्युलर होने का दावा ठोंकने वाले नीतिश अपनी आंखों के नीचे अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में चल रहे घोटालेबाजी के इस खेल की जांच की मांग को स्वीकार करेंगे? शायद नीतिश ऐसा न कर पाएं क्योंकि उनका अल्पसंख्यक कल्याण सिर्फ कागजी दावों और नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ बयान देने तक ही सीमित हैं.

TAGGED:‘सेक्युलर नीतीश’ के अल्पसंख्यक कल्याण की हक़ीक़त
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts
The Earth Shook in Istanbul — But What If It Had Been Delhi?
I Witness World Young Indian
30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…
Education India Young Indian
World Heritage Day Spotlight: Waqf Relics in Delhi Caught in Crossfire
Waqf Facts Young Indian

You Might Also Like

Latest News

Urdu newspapers led Bihar’s separation campaign, while Hindi newspapers opposed it

May 9, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

March 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Edit/Op-EdHistoryIndiaLeadYoung Indian

Maha Kumbh: From Nehru and Kripalani’s Views to Modi’s Ritual

February 7, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?