नेता का रासायनिक विश्लेषण

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प्राप्ति स्थान: ये गली मुहल्ले तथा राष्ट्रीय स्तर तक पाए जाते हैं. साधारणत: दल बनाकर रहते हैं, परन्तु कभी-कभी मुक्त अवस्था में भी पाए जाते हैं.

भौतिक गुण:

अवस्था: चुनाव के समय द्रव अवस्था में और इसके अलावा कठोर अवस्था में पाए जाते हैं.

रंग: बाहर से सफेद किंतु अंदर से पुर्णतः काले होते हैं.

गंध: इनकी बातों से देशभक्ति व राष्ट्र सेवा की गंध आती है, पर हक़ीक़त में ऐसा है नहीं.

विलेयता: किसी भी दल में विलेय है.

गलनांक: रिश्वत नामक उत्प्रेरक की उपस्थिति में सामान्य बातों पर ही पिघल जाते हैं, वरना अगलनीय होते हैं.

क्वथनांक: सामान्य तापक्रम पर भी उबलते रहते हैं.

रासायनिक गुण:

वायु का प्रभाव: हवा का रूख देख कर रंग बदल लेते हैं.

जलीय अभिक्रिया: प्राय: जनता की आशाओं पर पानी फेर देते हैं. हर प्रकार का जल इनके संपर्क में आकर दूषित हो जाता है.

ताप का प्रभाव: उच्च तापक्रम पर ठंडे पहाड़ी स्थानों की ओर पलायन कर जाते हैं.

कुर्सी से अभिक्रिया: कुर्सी के प्रति अत्यधिक क्रियाशील होते हैं तथा सदैव कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं.

चुम्बकीय गुण: चुनाव के समय जनता की ओर आकर्षित होते हैं और जीतने पर विकर्षित हो जाते हैं. विदेश यात्रा इनके आकर्षण का केन्द्र बिन्दू है.

उत्प्रेरक गुण: अच्छे उत्प्रेरक होते हैं. जनता को आपस में लड़ाते हैं, परन्तु खुद केवल इलेक्शन लड़ते हैं.

रेडियो एक्टिविटी: पिछले कुछ दिनों तक रेडियो के प्रति सक्रिय रहे हैं. आजकल इनमें टी.वी. एक्टिविटी आ गई है.

समस्या सक्रियता: समस्याओं से क्रिया करके प्राय: आश्वासन देते हैं. वरन उदासीन होते हैं.

चमचों का प्रभाव: यह चमचों के गुरु और गुरुओं के चमचे होते हैं.

उपयोग:

  1. सिफारिशी ख़त लिखवाने में इनका उपयोग होता है.
  2. उद्घाटन समारोहों में रिबन काटने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
  3. इन्हें लेकर किसी का भी घेराव और आमरण अनशन किया जा सकता है.

 बाकी आपके उपर मिर्भर करता है कि आप इनका उपयोग कहां करना चाहते हैं… वैसे ये ज़्यादा काम के होते नहीं…

प्रस्तुति: फेहमिना हुसैन

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