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Reading: पिंकी का जेंडर टेस्टः पुलिस और समाज फेल
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BeyondHeadlines > Latest News > पिंकी का जेंडर टेस्टः पुलिस और समाज फेल
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पिंकी का जेंडर टेस्टः पुलिस और समाज फेल

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published July 8, 2012
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6 Min Read
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तरुण वत्स

यौन शोषण के आरोप में घिरी अंतर्राष्ट्रीय एथलीट पिंकी प्रमाणिक के लिए इस आरोप में हो रही जांच किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. एक महिला द्वारा रेप का आरोप लगाए जाने के बाद, जेंडर परिक्षण के लिए मेडिकल जांच से गुजरने वाली पिंकी की सच्चाई सामने आने से पहले ही ऐसी चीजे सामने आ रही हैं, जो न सिर्फ एक लड़की के लिए बल्कि पूरे समाज को शर्मसार करने वाली है. बीते दिनों नेट पर डाले पिंकी के जांच का एमएमएस और उससे पहले पिंकी के साथ होने वाली पुलिसिया हरकतों से ऐसा लगता है कि आरोप साबित होने से पहले ही उसके साथ मुजरिमों की तरह व्यवहार किया जा रहा है.

पुलिस द्वारा पिंकी के साथ होने वाला व्यवहार फिर भी एक बार को बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन एमएमएस बनाकर इस तरह से सार्वजनिक करना बर्दाश्त के बाहर है. वैसे अभी तक इस मामले में कुछ समाज सेवकों को छोड़कर कोई भी कुछ करने के लिए सामने नहीं आया है. पिंकी के वकील तुहिन रॉय ने इस मामले पर कहा है कि “मैने इस वीडियो के बारे में सुना है लेकिन अभी तक इसे देखा नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी यह वीडियो बनाया है उसे फौरन गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस मामले की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए लेकिन पिंकी इस समय जेल में हैं और उनके परिवार का कोई सदस्य उनके लिए यह रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए उपलब्ध नहीं है.” साथ ही उन्होंने कहा है कि 12 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई के दौरान वो इस मामले को उठाएंगे.

पूरे प्रकरण पर नजर डालें तो पिंकी पर उसकी सहेली ने ही बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पिंकी की सहेली ने इस बात का खुलासा किया था कि वह लड़की नहीं बल्कि लड़का है. इस सनसनीखेज खुलासे के बाद खेल संघ भी कटघरे में आ खड़ा हुआ है. पिंकी प्रमाणिक एशियाड़ में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. अब तक पाँच स्वर्ण पदक उनके नाम हैं. 2006 में मेलबर्न में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी उन्होने बेहतर प्रदर्शन कर अपने नाम एक रजत पदक किया था. मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीत चुकी पिंकी के साथ भी कई खिलाड़ी खड़े हैं जो इस तरह की हरकतों से खासे नाराज हैं.

अर्जुन अवार्ड से सम्मानित फुटबॉलर शांति मलिक ने इस पर गुस्सा ज़ाहिर करते हुए कहा, “वह एक विशेष अपराध के लिए चार्ज की जा सकती है, लेकिन न जाने क्यों उसके साथ इस तरह का उत्पीड़न किया जा रहा है? उसे एक जगह से दूसरी जगह धकेला जा रहा है, उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वह कोई जिज्ञासा की वस्तु हो. उन्होंने कहा कि जिस तरह का बर्ताव पिंकी के साथ हो रहा है वह दुनिया भर के सभी खिलाड़ियों के लिए शर्म और अपमान की बात है. वे इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय एथलीट रीता सेन ने कहा कि सभी एथलीटों को चिकित्सा परीक्षण से गुज़रना पड़ता है, विशेष रूप से उन मौकों पर जब किसी महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में वे पदक जीत लेते हैं. उन्होंने बताया कि वे आजकल जब पिंकी के मुद्दे पर रेडियो आदि पर सुनती हैं तो उल्टे सीधे कमेन्ट्स सुनकर बहुत दु:ख होता है. यह कोई मज़ाक का मुद्दा नहीं है.

एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन द्वारा जांच परीक्षा के दौरान पिंकी के साथ हुए असंवेदनशील व्यवहार पर पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग से संपर्क किया है. एपीडीआर के सदस्य रंजीत सुर ने कहा कि पिछले करीब तीन हफ्तों से पिंकी न्यायिक हिरासत में हैं. ऐसे में किसी के द्वारा जांच परीक्षा के दौरान एमएमएस बना लेना पूरी तरह से प्रशासन की ही गलती है. कार्यकर्ताओं ने इस घटना की जांच के लिए आयोग से गुहार लगाई है और अपराधियों के लिए कड़ी सजा की मांग की है.

करीब तीन हफ्तों से चल रही जांच परीक्षा के बावजूद अभी तक यह साफ ही नहीं हो सका है कि आखिर पिंकी लड़का है या लड़की. ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करने वाली पिंकी के साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है, वह मानवीय संवेदनशीलता पर चोट करता है.

(यह लेखक के अपने विचार हैं. BeyondHeadlines आपके विचार भी आमंत्रित करती है. अगर आप भी किसी विषय पर लिखना चाहते हैं तो हमें beyondheadlinesnews@gmail.comपर ईमेल कर सकते हैं.)

TAGGED:अंतर्राष्ट्रीय एथलीट पिंकी प्रमाणिकपिंकी का जेंडर टेस्ट
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