मानसून दिल्ली वासियों के लिए खुशहाली लाएगी या बदहाली?

Beyond Headlines
7 Min Read

तलहा आबिद

दिल्ली वासियों को अभी भी मानसून का इंतज़ार है. पता नहीं कब बारिश की पहली बूंद से दिल्ली वाले सराबोर होंगे. जून का पूरा महीना खत्म हो गया पर अब तक दिल्ली की इस प्यासी ज़मीन पर बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी. लेकिन जब यहां तुफान आएगा तो सोचिए क्या होगा. शायद हम दिल्ली वाले इससे अनजान हैं. और वैसे भी दिल्ली के कई इलाक़ों की नालियां अभी से ही उफान पर हैं. दिल्ली के कई इलाकें के लोग तो अभी से ही सोच कर परेशान हैं कि बरसात के दिनों में उनका क्या होगा. मामला तो यहां तक आ पहुंचा है कि बरसाती नालों की सफाई को लेकर कांग्रेस शासित दिल्ली की सरकार और भाजपा शासित दिल्ली के तीनों नगर निगमों में सियासी लड़ाई के जोर पकड़ने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही है. और दोनों के बीच की लड़ाई में पिसना यहां की जनता को है.

दिल्ली का सबसे पॉश कहे जाने वाले न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पास भरत नगर में पिछले 6 महीने से सीवर की मरम्मती का काम चल रहा है. हालत तो ये हैं कि लोग पानी और उसकी बदबू की वजह बस स्टैण्ड पर खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं, और अपनी जान को जोखिम में डालकर सड़क के बीचो-बीच डिवाईडर पर खड़े हुए देखे जा सकते हैं. पूछने पर लोगों पर जवाब है कि कौन उस खौले हुए पानी में तैर कर बस स्टैण्ड तक पहुंचे, और डीटीसी की बसों को तो वैसे भी इतनी जल्दी होती है कि रूकने के नाम ही नहीं लेते. जब यह हाल न्यू फ्रेंड्स इलाके की है तो बाकियों का अंदाज़ा आप खुद ही लगा सकते हैं.

दरअसल, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाली 765 किलोमीटर लंबी सड़क और उससे लगते नालों का अधिग्रहण कर लिया है. इन नालों की सफाई लोक निर्माण विभाग ही करा रहा है. उसके अपने 458 किलोमीटर लंबे नालों की सफाई का काम भी उसे खुद ही करना है. पहले इन तमाम नालों की सफाई दिल्ली नगर निगम किया करता था.

हालांकि दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री का दावा है कि राजधानी में मानसून की शुरुआत से पहले ही तमाम नालों की सफाई पूरी कर ली जाएगी. सड़कों की छोटी-मोटी टूट-फूट की मरम्मत का काम भी जारी है.

लेकिन जानकारों का कहना है कि दिल्ली सरकार के दावे अपनी जगह ठीक हो सकते हैं, लेकिन नगर निगम की सड़कें लोक निर्माण विभाग को देरी से मिली हैं और सफाई के टेंडर भी देरी से हुए हैं. ऐसे में यह आशंका बनी हुई है कि नालों की सफाई समय रहते पूरी नहीं हो पाएगी. क्योंकि मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक मानसून के दिल्ली पहुंचने में अब ज्यादा देरी नहीं है. अगले दो-तीन दिनों में बौछारें पड़ सकती हैं.

वहीं, भाजपा नेता नालों की सफाई में हो रही देरी को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं और उनकी ओर से ऐसी आशंकाएं भी जताई जा रही है कि कहीं ऐसा न हो कि बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या गंभीर हो जाए.

जब हम स्थिति को जानने के लिए न्यू फ्रेंडस कॉलनी के सटे हुए इलाके जामिया नगर पहुंचे तो स्थिति और भी बद से बदतर नज़र आई. पिछले दिनों इस इलाक़े को सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए 174 करोड़ रूपये मिले थे, और फिर जम कर पोस्टरबाज़ी भी हुई थी. यहां एमपी, एमएलए और पार्षद सभी ने इसका श्रेय लेने की कोशिश की. लेकिन अभी भी हालात जस के तस बने हुए हैं. बरसात में क्या होगा ये बात सोच कर ही यहां के लोग सहम जाते हैं.

बटला हाउस के जी-ब्लॉक के निवासी पिछले 3 सालों से सीवर की समस्या से परेशान हैं. इन्होंने यहां के पार्षद व विधायक की इसकी लिखित शिकायत भी दी, पर दोनों एक दूसरे पर ये कह कर टालते रहे है कि ये हमारे कार्य-क्षेत्र में नहीं आता.

जी-ब्लॉक के निवासी मशकूर आलम बताते हैं कि पिछले कई सालों से सफाई का काम नहीं हुआ. औरतें, बच्चे और बूढ़े कइ बार हादसे के शिकार हो चुके हैं. गन्दगी की वजह से मच्छर ज़्यादा पैदा हो रहे हैं और लोगों में कइ तरह की बीमारी होने का ख़तरा बना रहता है. हालांकि कई बार लोगों ने निजी स्तर पर इसकी सफाई भी कराई, पर दो दिन के बाद हालत वैसी ही हो जाती है.

युवा नेता कौसर इमाम सिद्दीकी उर्फ लड्डन का कहना है कि सारा फंड काउंसलर व विधायक आपस में मिलकर ढ़कार जाते हैं. उनको इलाक़े की जनता की परेशानी से कोई लेना-देना है नहीं.

यहां के काउंसर शोएब दानिश की शिकायत है कि यहां के सड़कों पर सीवर लाइन 40 साल पुरानी है, लेकिन विधायक महोदय पहले उसे बनाने के बजाए दिखावे के लिए सड़कों को बनवा रहे हैं, जबकि अभी ज़रूरत सीवर को ठीक कराने की थी. अगर यहां की सीवर बरसात के पहले ठीक नहीं कराई गई तो हालाता बहुत बुरे हो सकते हैं.

अब देखना यह है कि मौनसून दिल्ली वासियों के लिए खुशहाली लाती है या बदहाली… कहीं ऐसा न हो जाए कि लोग जिस शिद्दत से मानसून का इंतज़ार कर रहे हैं, उसके आने के बाद लोगों की ज़िन्दगी नरक बन जाए… और वैसे भी दो पार्टियों की राजनीति में हमेशा जनता ही पिसती है.

Share This Article