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नीतीश सेवा यात्रा का स्टंट कर रहे हैं…

Yearam Noor for BeyondHeadlines

बिहार में सुशासन बाबू ‘नीतिश कुमार’ के सुशासन की पोल अब खुलती जा रही है. नीतिश के अल्पसंख्यक प्रेम का सच तो लोगों के सामने आ गया है. लेकिन बिहार में 82 हज़ार करोड़ का वित्तीय घोटाला के मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी एक लंबे संघर्ष के मूड में है, हालांकि मीडिया अभी भी सुशासन बाबू के साथ ही है.

स्पष्ट रहे कि लोक जनशक्ति पार्टी ने पिछले दिनों बिहार में 82 हज़ार करोड़ का वित्तीय घोटाला, गिरती विधी व्यवस्था के कारण उत्पन्न अराजक स्थिति, अनुसूचित/जनजाति का आरक्षण समाप्त करने की साजिश और निरंतर हो रही लोजपा नेताओं के हो रहे निरंतर हत्या के विरोध में राजव्यापी आंदोलन छेड़ा था. आंदोलन के पांचवें चरण ‘जेल भरो अभियान’में पिछले दिनों 9 अगस्त,2012 को 5 लाख से अधिक लोजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. अपने इस आंदोलन से लोजपा कार्यकर्ताओं में फिर से एक नई उम्मीद की आस जगी है. लोगों का मिल रहे समर्थन से उन्हें एक बार फिर यह लगने लगा कि अगले विधान-सभा चुनाव में बड़ी कामयाबी मिल सकती है. इधर लालू प्रसाद यादव की राजद भी बिहार में काफी सक्रिय दिख रही है. वो दिनों चम्पारण से गया तक के यात्रा पर थे.

लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सत्यानंद शर्मा ने आज एक प्रेस वार्ता में बताया कि आंदोलन की छठे चरण में राम विलास पासवान अपने जन संपर्क यात्रा से शुरू करेंगे. यह जन संपर्क अभियान पूरे बिहार में सभी ज़िलों व कस्बों में चलाया जाएगा, जो पांच चरणों में पूरा होगा.

लोजपा के युवा नेता एडवोकेट आदिल हसन आज़ाद ने बताया कि नीतिश सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ ज़ुल्म बढ़ा है. सारा काम सिर्फ कागज़ और अखबारों तक ही सीमित है. अल्पसंख्यकों के लिए बना छात्रावास पिछले चार सालों में भी यहां के अल्पसंख्यक छात्रों को नहीं मिल पाया. अगर क्राईम का बात करें तो इसमें बेतहाशा इज़ाफा हुआ है. हमारे पार्टी के संजय पाण्डेय जैसे कई नेताओं की हत्या कर दी गई. यहां स्थिती काफी भयावह है, लेकिन अफसोस कि यहां कि मीडिया को ये सब चीज़ें बिल्कुल भी नहीं दिखता.

स्पष्ट रहे कि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में 22,575 करोड़ के हिसाब में भारी गड़बड़ी का उल्लेख किया है. वहीं राज्य सरकार पर कैग ने 8,466 करोड़ के खर्च के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने का सीधा आरोप लगाया है.  आदिल हसन  बताते हैं कि बिहार के इस महा घोटाला से ध्यान बांटने के लिए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के विरोध के बावजूद सेवा यात्रा का स्टंट कर रहे हैं. जनता का चारा के बाद एसी-डीसी पर टारगेट है. उन्होंने कहा कि एक करोड़ बिहारियों के हस्ताक्षर पर सरकार बर्खास्त होगी. इसके लिए लोजपा बिहार में हस्ताक्षर अभियान चला रही है.

 आदिल आगे बताते हैं कि कटिहार में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 1,290 गांवों में बिजली विस्तार के लिए केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2009-10 में 54 करोड़ रुपये आवंटित किये. जिसका अता-पता नहीं है. राज्य में चारों ओर लूट मची है शिक्षा, स्वास्थ्य, पीएचडी, ग्रामीण विकास आदि विभागों में व्यापक गोलमाल हो रहा है. कितनी अजीब बात है कि मुख्यमंत्री राज्य में विधि व्यवस्था पर राजनीति कर रहे हैं. जबकि सूबे में लूट, हत्या, चोरी, डाकेजनी, भूमि हिंसा, राहजनी, अपहरण, बलात्कार जैसी घटना चरम पर है. सिर्फ कटिहार में तीन माह के अंदर दर्जनों संगीन अपराध हुए हैं.

अब देखना यह है कि बिहार की लोजपा व राजद लोगों को जागरूक करने में कितना कामयाब होते हैं? और मीडिया इन्हें कितना तवज्जों देती है? इन सवालों के जवाब तो भविष्य के गर्भ है और नीतिश कुमार इन दिनों इफ्तार पार्टियों में वयस्त हैं.

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