BeyondHeadlines News Desk
ईद के दिन कटिहार जिले के तलवा गाँव में साम्प्रदायिकता की घिनोनी घटना घटी. तलवा गाँव के ग्वाल टोली स्तिथ ईदगाह में असामाजिक और साम्प्रदायिक तत्वों ने शराब की बोतलों को आधी रात के अँधेरे में फ़ेंक दिया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शराब की बोतलों को ईदगाह से हटा कर नमाज़ अदा की और घरों के तरफ़ रवाना हो गए. लेकिन कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने घिनोने मक़सद से मामले को तुल दिया और तलवा गाँव में साम्प्रदायिक दंगा फैल गया. वहीँ दूसरी तरफ यह अफवा फैला दी गयी कि गाँव के इमाम का क़त्ल कर दिया गया है, जिससे 25 हज़ार से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए और दंगा शुरू हो गया. दंगा करने वाले लोगों ने मुस्लिम और गैर-मुस्लिम समुदाय के करीब एक दर्ज़न दुकानें जला दी गई.
लोजपा के युवा नेता आदिल हसन आजाद के मुताबिक जिला प्रसाशन की कारवाई से दंगे को काबू में किया गया, लेकिन अभी भी विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता मामले को तुल देने में लगे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं. आदिल हसन बताते हैं कि करीब दस हज़ार मुसलमानों के खिलाफ एफ़.आई.आर दर्ज किया गया है, वहीँ दंगा फैलाने वाले मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस को गिरफ्त से फरार है. प्रसाशन शीघ्र ही दंगा फैलाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करे.
वहीं दूसरी तरफ किशनगंज के अहमद अशफाक करीम ने सरकार से मंदिर, मस्जिद और स्कूल, कॉलेजों के निकट चल रही शराब दुकानों के लाइसेंस को रद करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार अन्य तरीके से भी कमाई करके अपना खजाना भर सकती है. इसके लिए धार्मिक स्थल के निकट शराब की दुकान खोलना ज़रूरी नहीं है. लोजपा के प्रदेश महासचिव समरेन्द्र कुणाल के मुताबिक स्थानीय उच्च प्रतिनिधियों ने भी भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जिसके चलते कुछ लोग आहत हुए हैं. इसके बावजूद लोगों ने अपने धैर्य और साहस का परिचय देते हुए स्थिति को सामान्य बनाने में पूर्ण योगदान दिया है.
