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आतंक की राजनीति के खिलाफ मुहिम, पुलिस अफसरों को किया जाएगा शर्मिंदा

BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली, भारत में आतंकवाद और देशद्रोह के नाम पर गिरफ्तार किए जा रहे बेगुनाहों की रिहाई के लिए शुरु की गई राजनीतिक और सामाजिक पहल ‘कैंपेन अगेंस्ट पॉलिटिक्स ऑफ टेरर’ ने शुक्रवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया.

वरिष्ठ पत्रकार अजीत साही ने मुहीम की आगामी रणनीति बताते हुए कहा कि राजनीतिक हल्कों से भी इस अभियान के लिए समर्थन हासिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक सिविल एक्शन ग्रुप बनाया जाएगा जो देश के किसी भी हिस्से में गिरफ्तार होने वाले बेगुनाहों को कानूनी और सामाजिक मदद दिलाने का काम करेगा.

उन्होंने कहा कि सिविल एक्शन ग्रुप का एक उद्देश्य देशद्रोह, मकोका, यूएपीए, टाडा जैसे कठोर कानूनों के खिलाफ़ मुहिम चलाना भी होगा ताकि बेगुनाहों को इनके तहत न फंसाया जा सके. साथ ही बेगुनाहों को फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर उन्हें शर्मिंदा भी किया जाएगा.

कैंपेन के सदस्य देश के कोने-कोने में जाकर बैठकें और कार्यक्रम करेंगे ताकि इस तरह के मामलों के पीड़ितों को एक मंच मिल सके और देश में ऐसे मामलों के प्रति जागरुकता आ सके. बैठक में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में हो रही गिरफ्तारियों की ज़मीनी जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजने का फैसला भी लिया गया. इस फैक्ट फाइंडिंग टीम में कई सांसद भी शामिल रहेंगे.

राज्यसभा के सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि वो मुहिम के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस मुहिम को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया है.

श्री अदीब ने बताया कि मुलायम सिंह यादव ने कहा कि है कि वो मुहिम के आगामी कार्यक्रम में स्वयं हिस्सा लेंगे और उससे पहले उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों में ठोस कार्रवाई की शुरुआत भी करेंगे. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी मुहिम को पूरा समर्थन देने का भरोसा जताया है.

बैठक में यह भी तय किया गया कि 4 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम करके देश भर से पीड़ित परिवारों को बुलाकर एक बड़ा सम्मेलन किया जाएगा, जिसमें तमाम राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा. इसके बाद इस मुद्दे को संसद के अगले सत्र में भी गर्मजोशी से उठाया जाएगा. समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और सीपीआई इस मुहिम के प्रति अपना समर्थन जता चुकी हैं.

बैठक में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि सीपीआई मुहिम को पूरा समर्थन देगी और इस तरह के मामलों को हर स्तर पर उठाएगी. बैठक में तय किया गया कि जागरूकता लाने के लिए ऐसे मामलों का एक डाटाबेस बनाया जाएगा जिसे इस तरह के मामलों को समर्पित एक वेबसाइट पर डाला  जाएगा. वेबसाइट पर ऐसे बेगुनाहों के परिवार और सामाजिक हालात के बारे में भी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी जो जांच एजेंसियों के शिकंजे में फंसकर जेलों में बंद हैं.

यही नहीं इस तरह के मुद्दों पर डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाई जाएंगी जाकि देश और विदेश में लोग इस बारे में जान सकें. बैठक में, राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब, पत्रकार अजीत साही, सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अंजान, जामिया टीचर्स सॉलिडेरिटी एसोसिएशन की अध्यक्ष मनीषा सेठी, एडवोकेट त्रीदीप, बीबीसी संवाददाता इकबाल अहमद, जेएनयू में रिसर्च स्कॉलर अब्दुल हफीज गांधी, सामाजिक कार्यकर्ता महताब आलम और आतंकवाद के मामले में 14 साल की सजा काट कर बेगुनाह साबित हुए मोहम्मद आमिर ने हिस्सा लिया.

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