BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: क्या यही ‘मां’ की भक्ति है…?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Latest News > क्या यही ‘मां’ की भक्ति है…?
Latest NewsLeadबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

क्या यही ‘मां’ की भक्ति है…?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published October 26, 2012
Share
6 Min Read
SHARE

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

जबसे होश संभाला है धर्म के विजय के नारों को हमने खूब सूना है. ‘अधर्म का नाश हो’ वाले नारे भी याद हैं. वो रामलीलाएं भी याद हैं जो मैं अक्सर घर से भाग कर देखा करता था. वो सांस्कृतिक कार्यक्रम भी याद हैं. दुर्गा माता (मां) के भक्ति वाले गाने आज भी गुनगुना लेता हूं. असत्य पर सत्य की जीत को भी देखा है. राक्षस को जलते हुए भी देखा है. और इस सबके बीच साम्प्रदायिक सौहार्द की अद्भूत मिसालों को भी देखा है.

मुझे याद है हमारे मुहल्ले के दुर्गा पूजा समिति में जितनी संख्या में हमारे हिन्दू भाई होते हैं, उतनी ही संख्या में हमारे मुस्लिम भाई भी होते हैं. हमारे यहां तो यह सिलसिला आज भी जारी है. हां! संख्या में कुछ कमी ज़रूर आई है. लेकिन आज भी समिति के महत्वपूर्ण पदों पर हमारे मुस्लिम भाई ही हैं. विसर्जन में खुशी में इनके भी कपड़े आज भी फटते हैं. अबीर व गुलाल से सब आज भी सराबोर होते हैं.

लेकिन पता नहीं क्यों… जो मज़ा हमें पहले आता था, वो शायद आज नहीं मिल पा रहा है. वो रामलीलाएं आज नहीं होती. अब राक्षस भी नहीं जलाए जाते. वो सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पता नहीं अब क्यों नहीं होते? पता नहीं, ‘मां’ की भक्ति वाले वो गाने कहां खो गए हैं? वो सब कुछ देशी था. अब तो दुर्गा मां भी शायद विदेशी गानों की धुन पर ही खुश होती हैं, इसलिए उन्हें खुश करने के लिए ब्राजील और रोबोट डांस वाले भक्ति गाने सुनाए जाते हैं. पहले ‘मां’ बड़े ही आराम से मंडप में पड़ी रहती थी.

लोग आते थे और भक्ति भावना से दर्शन करते थे और चले जाते थे. पर अब हमारे यहां ‘शोज’ चलते हैं. और इन ‘शोज’ को देखने के लिए लोगों को आपस में लड़ते हुए भी देखा है.

‘मां’ के दर्शन के तरीके बदल गए. शायद लोगों की नज़र में ‘मां’ अब जीवंत हो गई हैं, पर सच तो यह है कि पहले ‘मां’ को बिजली की अधिक ज़रूरत नहीं थी, पर अब वो बिजली के बगैर कुछ भी नहीं हैं. हमारे मुहल्ले के लोग आज राजा दक्ष का जीवंत वध अपनी नंगी आंखों से देख रहे थे. कोतवाली चौक पर इन्द्र भगवान राक्षस का सर काट रहे थे तो बेलबाग में महिषासूर का जन्म हो रहा था. पावर हाउस चौक पर मां पहाड़ से प्रकट हो रही थी और बानुछापर में तो मां की भक्ति में पंडाल के गुंबद भी नाच रहे थे.

दरअसल, ये सब इलेक्ट्रिक शोज थे, जिसको देखने के लिए लोगों को आधा घंटे का वक्त भी देना पड़ रहा था. अब यह शोज अधिक महत्वूर्ण हो गए. शोज़ देखने के लिए लोग आपस में लड़ने तक को तैयार बैठे हैं. ‘मां’ के दर्शन के बीच ‘मां के बेटियों’ को छेड़ने से भी बाज़ नहीं आया जा रहा है. ‘मां’ के नाम पर बजने वाले गानों में भक्ति से ज़्यादा फूहड़पन है, और लोगों के डांस को देखने के बाद ऐसा लगता है कि भक्ति अब तेल लेने चली गई है. शायद धर्म अब दिखावा जो हो चुका है.

 ‘मां’ का ‘डिटीलाईजेशन’ तो बर्दाश्त किया जा सकता है, पर अब तो इसका ‘राजनीतीकरण’ भी हो गया है. यह कितना अजीब है कि ‘मां’ के पंडालों में नीतीश कुमार को पीएम बनाने के कामनाओं वाले गाने भी चल रहे थे. यक़ीक़न यह मां की भक्ति नहीं हैं, बल्कि मां की भक्ति का फायदा राजनीतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है. और जब इन आयोजनों में भक्ति के बजाए ‘राजनीति’ हावी होगी तो यक़ीक़न सत्य पर असत्य की जीत को आसानी से देखा जा सकता है.

खैर, आज आज ‘मां’ आज अपने भक्तों को छोड़ कर चली गई. हमारे शहर में तो सबकुछ हंसी-खुशी और अच्छे माहौल में गुज़र गया. लेकिन आस-पास की जो ख़बरें आजके अखबारों में छपी हैं, वो काफी सोचनीय व चिंतनीय है. पश्चिम चम्पारण के गोपालपुर थाना क्षेत्र के वैशाखवा चौक पर दुर्गा-पूजा में उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में हवलदार की कार्बाइन से गोली चल जाने से 10 वर्षीया बच्ची घायल हो गई. इस घटना के बाद अफरातफरी मच गई.

पूर्वी चम्पारण को रामगढ़वा थाने के सिंहासनी गांव में मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक की मौत से लोगों का गुस्सा भड़क उठा. घटना के विरोध में लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर रोड़ेबाजी की.  वहीं सीतामढ़ी के सुरसंड में दुर्गा-पूजा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाले गए जूलूस में शामिल कुछ उपद्रवियों ने सुरसंड थाने में घुसकर तोड़फोड़ व लूटपाट की. इस तरह की कई घटनाएं बिहार के अलग-अलग जगहों पर देखने को मिली. यही नहीं, हमारे शहर में भी उपद्रव करने की पूरी तैयारी थी. शुक्र है कि विसर्जन के एक पूर्व ही पुलिस प्रशासन ने एक कार्बाइन व 11 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल मैगजीन और 50 गोलिया जब्त कर ली. वहीं नरकटियागंज में भी एक अपराधी लोडेड कट्टे के साथ गिरफ्तार हुआ. और फिर उत्तर-प्रदेश के फैजाबाद में जो कुछ हुआ, उससे तो आप सब बखूबी वाकिफ ही हैं.  अब प्रश्न यह उठता है कि क्या यही ‘मां’ की भक्ति है…? नहीं, कदापि नहीं… कोई भी धर्म हिंसा की इजाज़त बिल्कुल भी नहीं देता… शायद यह सब धर्म में राजनीति के घुसने की वजह से हो रहा है…

TAGGED:Durga MaaDurga PujaReligion
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

Latest News

Urdu newspapers led Bihar’s separation campaign, while Hindi newspapers opposed it

May 9, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Edit/Op-EdHistoryIndiaLeadYoung Indian

Maha Kumbh: From Nehru and Kripalani’s Views to Modi’s Ritual

February 7, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?