India

कहां वादा था मुक़दमा वापसी का, लेकिन हो रही है कुर्की

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ/आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश के रिहाई मंच (Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism) ने गोरखपुर धमाकों के फरार आरोपी बताए जा रहे कोट मोहल्ला, किला रोड, आजमगढ़ के मिर्जा शादाब बेग के घर की कुर्की की निंदा करते हुये इसे समाजवादी पार्टी की सरकार का मुसलमानों से की गई वादाखिलाफी करार देते हुये कहा है कि सपा अब 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मुसलमानों के पलटवार के लिये तैयार हो जाए.

आज़मगढ़ रिहाई मंच के संयोजक मसीहुद्दीन संजरी ने जारी बयान में कहा कि मिर्जा शादाब बेग को जिस गोरखपुर धमाके का आरोपी बताकर घर की कुर्की की गयी है वह घटना ही संदिग्ध है. क्योंकि इसी मामले में मुख्य आरोपी आज़मगढ़ के तारिक कासमी को भी बनाया गया है. जिसकी बेगुनाही का सुबूत कचहरी धमाकों में उनकी गिरफ्तारी पर गठित आर डी निमेष आयोग की रिपोर्ट है जिसमें बताया गया है कि तारिक कासमी को कचहरी धमाकों में गलत तरीके से एसटीएफ ने फंसाया है. ऐसे में यह कैसे मान लिया जाये कि तारिक कासमी के उपर लगाये गये गोरखपुर धमाकों के आरोप सही होंगे. मंच के नेता ने कहा कि दरअसल होना तो यह चाहिये था कि सपा सरकार निमेष आयोग द्वारा तारिक कासमी को बेगुनाह साबित कर देने के बाद गोरखपुर धमाकों की भी न्यायिक जांच कराती जिसमें मिर्जा शादाब बेग को आरोपी बनाया गया है. लेकिन निमेष आयोग की रिपोर्ट को पिछले 6 माह से दबाए बैठी सपा सरकार ने ऐसा नहीं किया और मिर्जा शादाब बेग जैसे निर्दोष लड़के के घर की कुर्की करा कर पूरे परिवार को तबाह करने का काम किया है.

मंच के नेता ने सपा पर आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष मुसलमानों को छोड़ने के अपने चुनावी वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुये कहा कि क्या यह सिर्फ संयोग है कि विधान सभा में मुख्यमंत्री के बयान कि उनकी सरकार किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ेगी के बाद ही यह कुर्की हुयी है.

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