BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: होली में होशियार…
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Holi Special > होली में होशियार…
Holi SpecialLatest NewsLeadबियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी

होली में होशियार…

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published March 26, 2013 1 View
Share
5 Min Read
SHARE

Shakeel Shamsi for BeyondHeadlines

आज रात होली जलाई जाएगी और कल के दिन सारे मुल्क में होली का रंगारंग त्योहार मनाया जाएगा, जिसको रंग-पंचमी भी कहते हैं. खास तौर पर यह त्योहार उत्तरी भारत के लोगों काफी लोकप्रिय है. मुल्क के दूसरे हिस्सों में इस दिन वो जोश-खरोश नहीं दिखाई पड़ता जैसा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा के शहरों व कस्बों में दिखाई पड़ता है. इस दिन को ज़ालिम पर मज़लूम की फ़तह (जीत) की यादगार के बतौर मनाया जाता है. हमारे मुल्क पुरानी कथाओं के मुताबिक एक ज़माने में हिरण्य कश्यप नाम का एक बहुत ही ज़ालिम और ताक़तवर बादशाह हिन्दुस्तान पर हुकूमत करता था. वो अपने को भगवान कहने लगा था और अपनी जनता को अपने आगे सर झुकाने पर मजबूर करता था. उसने आम आदमी की ज़िन्दगी तबाह कर रखी थी.

फिर उसी के घर में प्रहलाद नाम का एक ऐसा बच्चा पैदा हुआ जो उसके भगवान होने के दावे को मानने से इंकार करता था. प्रहलाद के बारे में नजूमियों ने राजा को बताया कि यह बच्चा ही बड़ा होकर उसका क़त्ल करेगा और उसके ज़ुल्म व  सितम से मुल्क के लोगों को निजात दिलवाएगा.

Holi-Celebration

एक बेटे के ज़रिए बाप को भगवान तस्लीम न करने की बात और अपने कत्ल की बात सुनकर हिरण्य कश्यप ने प्रहलाद को मारने की साज़िशें रचना शुरू कर दिया, लेकिन हर बार उसकी रूहानी ताक़तें बचा लेती थी. आखिर में हिरण्य कश्यप ने अपनी बहन (जिसका नाम होलिका था) से कहा कि वो प्रहलाद को आग में लेकर बैठ जाए. हिन्दू धर्म के धार्मिक किताबों में होलिका के आग में बैठने की वजह यह बताई जाती है कि होलिका के पास एक ऐसा दुपट्टा था जिसको ओढ़ लेने के बाद उस पर आग का कोई असर नहीं हो सकता था.

हिरण्य कश्यप के कहने पर होलिका प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर एक बड़े से अलाव में बैठ गई, लेकिन (कथाओं के मुताबिक) जिन रूहानी ताक़तों का प्रहलाद भक्त था उन्होंने होलिका के दुपट्टा के दुपट्टे की ताक़त अपने अंदर जज्ब कर ली. उसकी वजह से होलिका इस आग में जलकर राख हो गई और प्रहलाद को आसमानी ताकतों ने बचा लिया. उस वक़्त से होलिका को बुराई की निशानी फागुन महीने की पुर्णिमा के पांचवे दिन होलिका दहन का रस्म अदा की जाती है और शैतानी ताक़तों की तरफदार होलिका के जल कर भस्म होने का जश्न मनाया जाता है. इसी दिन गर्मी के मौसम के आमद का ऐलान भी माना जाता है और लोग जाड़े के कपड़ों को संदुक में बंद कर देते हैं.

होलिका जलाए जाने के दूसरे दिन खुशी के इज़हार के तौर पर लोग एक दूसरे पर रंग डालते हैं और माथे पर गुलाल लगाकर मुबारकबाद देते हैं. वैसे तो यह खुशी बांटने व खुसी मनाने का त्योहार है लेकिन इस दिन की खुशियों में खटास भी शामिल करने की कोशिश करते हैं और होली खलेते वक़्त यह लोग उन लोगों पर भी रंग डाल देते हैं, जिनको रंग खेलने से परहेज़ होता था. वैसे जहां तक मेरी मालूमात है रंग खेलना मज़हब का पार्ट नहीं, सिर्फ एक संस्कृति का हिस्सा है, जिसकी शुरूआत कृष्ण जी के दौर में मथुरा में हुई थी.

होली जैसे त्योहार पर हम सबको ऐसे तत्वों से होशियार रहना है जो त्योहार को फसादात में तब्दील करके रंग-पाशी की जगह खून-खराबा करवाते हैं. हम सबको चाहिए कि ऐसे तत्वों से दूर रहें जिनका मकसद ही समाज में फसाद फैलाना होता है. इसके अलावा सब्र व बर्दाश्त की ताक़त का मुज़ाहरा भी करें. अगर कोई हम पर गलती से रंग डाल दे तो मार-पीट या लड़ाई-झगड़े की सूरत पैदा न होने दें. जिस वक्त तक रंग खेला जा रहा हो, हम अपने घरों में ही रहें. अपने हिन्दू भाईयों को इस बात का भी अहसास दिलाएं कि हम भी इसके खुशी में शरीक हैं. एक सेक्यूलर मुल्क में ज़िन्दगी गुज़ारने का मज़ा तो इसी में है कि हर मज़हब के लोग अपने-अपने अक़ीदे पर क़ायम रहते हुए एक दूसरे की खुशियों में शरीक हों.

(लेखक उर्दू के इंकलाब अखबार, उत्तरी भारत के संपादक हैं और यह लेख उन्होंने उर्दू में लिखा था जिसे BeyondHeadlines के पाठकों के लिए अनुवाद किया गया है.)              

TAGGED:aertalertalert in holibe alert in holibe alert on holiholi as a muslim point of viewholi celebration
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

Latest News

Urdu newspapers led Bihar’s separation campaign, while Hindi newspapers opposed it

May 9, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Edit/Op-EdHistoryIndiaLeadYoung Indian

Maha Kumbh: From Nehru and Kripalani’s Views to Modi’s Ritual

February 7, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?