India

निमेष कमीशन रिपोर्ट को साफगोई से प्रदेश सरकार ने आम क्यों नहीं किया?

BeyondHeadlines News Desk

प्रगतिशील शक्तियों द्वारा चलाई जा रही मुहीम “पीपुल्स कैम्पेन अगेंस्ट पॉलिटिक्स ऑफ टेरर” (पी.सी.पी.टी.) ने उत्तर प्रदेश सरकार के ज़रिये तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद के मुक़द्दमे को वापस लिए जाने पर आड़े हाथों लिया है.

मुहीम के प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि जब निमेष कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह साफ़ कह दिया है कि “इन दो नौजवानों की गिरफ्तारी संदिग्ध है” तो ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा सिर्फ गोरखपुर से ही केस वापस लेना अखिलेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाता है. दरअसल, गोरखपुर में वर्ष 2007 में हुए धमाके के आरोपी तारिक कासमी पर लगे आरोप से पहले सरकार को बाराबंकी में फर्जी गिरफ्तारी के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए था और बाराबंकी के केस को पहले वापस लेते तो जल्द इन नौजवानों की रिहाई संभव थी लेकिन ऐसा लगता है सरकार दागी पुलिस अफसरों को बचाना चाहती है.

Photo Courtesy: teznews.com

मुहीम के नेता और भारतीय कमुनिस्ट पार्टी के सचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा है कि लखनऊ पी.सी.पी.टी. की आवामी रैली में हमने समाजवादी सरकार को तीन महीने का वक़्त दिया था, सरकार ने क़दम बढाया, लेकिन रिहाई के रस्ते में यह दिशाहीन लगता है. सवाल यह उठता है कि निमेष कमीशन को साफगोई से प्रदेश सरकार ने आम क्यों नहीं किया? प्रदेश सरकार पुलिस अफसरों को जिन्होंने निर्दोष युवको को बेरहमी से फंसाया उन्हें बचाना क्यों चाहती है? क्यों नहीं सरकार ने बाराबंकी डीएम को केस वापस लेने के लिए हुक्म दिया, 26 अप्रैल की तारिक कासमी की बाराबंकी पेशी पर सरकार की मंशा साफ़ देखी जायेगी उसके बाद पी.सी.पी.टी. कुछ बड़े फैसले सरकार के खिलाफ ले सकती है.

मुहीम के लीडर और तहलका के एडिटर एट लार्ज अजीत साही ने कहा है कि हमारी मुहीम ने अखिलेश सरकार को बार-बार चेताया है और देश के प्रतिष्ठित अखबारों ने निमेष कमीशन को छापा भी कि यह फर्जी गिरफ्तारी एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और एटीएस और एसटीएफ़ को बेनकाब करती है, लेकिन जहां एक तरफ बयानबाजी जारी है और बेगुनाहों को इन्साफ नहीं मिल पा रहा है.

अंत में मुहीम के अहम सदस्य अब्दुल हाफिज गांधी ने कहा ने कहा है कि हम जल्द देश के विभिन्न राज्यों के दौरे करने वाले हैं जहां इस ज़ुल्म व ज्यादती के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे और अखिलेश सरकार से हम आशा करते है कि वो अपनी नियत साफ़ करे और पहले बाराबंकी में लगे आरोपों को वापस ले जिसको निमेष कमीशन ने फर्जी माना है और इसी बुनियाद पर अन्य मामलो में उन्हें फ्रेम किया गया है. कमेटी आगामी मई के पहले हफ्ते में अपनी उच्च स्तरीय मीटिंग दिल्ली में बुलाकर उत्तर प्रदेश में आन्दोलन को तेज़ करने की रणनीति बनायेगी.

नोट: निमेष कमीशन की रिपोर्ट के महत्वपूर्ण अंश आप नीचे देख सकते हैं, जिसे सबसे पहले BeyondHeadlines ने ही प्रकाशित किया था…

निमेष आयोग ने उठाए यूपी पुलिस पर सवाल

Loading...

Most Popular

To Top

Enable BeyondHeadlines to raise the voice of marginalized

 

Donate now to support more ground reports and real journalism.

Donate Now

Subscribe to email alerts from BeyondHeadlines to recieve regular updates

[jetpack_subscription_form]