BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखनउ में रिहाई मंच ने मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, अमिताभ यश, मनोज कुमार झा, चिरंजीव नाथ सिन्हा, एस आनंद, और इसमें लिप्त आईबी अधिकारियों को बर्खास्त करके तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आज दूसरे दिन भी अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन जारी रखा.
धरने में वक्ताओं ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मौलाना खालिद की नाक के दाहिने छेद से खून निकलने के धब्बे, शरीर के ऊपरी हिस्से का काला पड़ जाना, नाखून का काला पड़ जाना, आंखों की कोर्निया में चमक नहीं होना, जांघ के पास पतला लाल रंग का दाग का होना यह साबित करता है कि खालिद की मौत ज़हर देकर की गई है.
ऐसे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस तरह से झूठा बयान दिया कि खालिद की मौत बीमारी से हुई, यह बयान अखिलेश की सांप्रदायिक जेहनियत को उजागर करता है. अखिलेश दरअसल भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. जिस तरह भाजपा दोषी पुलिस कर्मियों तो कभी सीओ जियाउल हक के हत्यारे रघुराज प्रताप सिंह के पक्ष में खड़ी होती है, ठीक वही काम अखिलेश कर रहे हैं, जो कभी रघुराज को तो कभी दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाने की फिराक में रहते हैं. अखिलेश को समझ लेना चाहिए आज वो सत्ता में मुसलमानों के बल पर है न कि किसी रघुराज, विक्रम सिंह, बृजलाल या अमिताभ यश के बल पर.
अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सपा सरकार हत्याओं के आरोपी पुलिस अधिकारियों को कार्यवाई करने के बजाए मुसलमानों का कत्लेआम करने वाले सांप्रदायिक तत्वों को कुर्सी पर बैठाए हुए है. वक्ताओं ने कहा कि मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या का मुख्य आरोपी विक्रम सिंह वही पुलिस अधिकारी है, जिसके वाराणसी रेंज का आईजी रहते हुए भवनीपुर जनसंहार हुआ था. उस समय सूबे में भाजपा की सरकार की शह पर हुए इस जनसंहार में 36 गरीब बेगुनाह आदिवासियों का कत्लेआम किया गया था. आज उसी दोषी पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह के साथ अखिलेश सरकार खड़ी नज़र आ रही है और सरकार की शह पर विक्रम सिंह मौलाना खालिद मुजाहिद को आतंकवादी कह रहा है.
रिहाई मंच ने अपील की जिस तरह से सरकार खालिद के हत्यारों को बचाने में जुटी है. इसके खिलाफ पूरे प्रदेश भर में बांह पर काली पट्टी बांधकर कल काला दिवस मनाया जाए.
धरने को रिहाई मंच आज़मगढ़ जोन के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी, रिहाई मंच इलाहाबाद जोन के प्रभारी राघवेन्द्र सिंह, आईपीएफ के दिनकर कपूर, रिहाई मंच के महासचिव व पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसआर दारापुरी, तारिक शफीक, अंकित चौधरी, इंडियन नेशनल लीग के प्रदेश अध्यक्ष मो. समी, नेलोपा के प्रदेश प्रभारी चौधरी मेहरबान अली, टीपू सुल्तान, वकारुल हसनैन, असगर अली, ज़मीर अहमद खान, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आए मोहम्मद आरिफ, अबू सुफियान, गफ्फार, हरेराम मिश्रा, सोशलिस्ट फ्रंट के मो. आफाक, मो. शुएब, मो. खालिद कुरैशी, शहजादे मंसूर अहमद, कारी जुबैर अहमद, सलीम खान, मौलाना मुहम्मद अब्दुल वहीद चिस्ती, शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने संबोधित किया.