खालिद के परिजनों द्वारा मुआवजा लौटा दिया जाना सपा और दलाल उलेमाओं के मुंह पर तमाचा
BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : सपा सरकार की तरफ से सपा नेता पारसनाथ यादव के हाथों भेजे गए मुआवजे को खालिद मुजाहिद के चचा ज़हीर फलाही ने यह कहते हुए लौटा दिया है कि आरडी निमेष की रिपोर्ट पर अमल न करने वालों का हमें कोई रक़म नहीं चाहिए. खालिद मुजाहिद की मां नाज़मा खातून ने भी ज़हीर अहमद फलाही की बातों पर इत्तेफाक रखते हुए कहा कि खालिद की शहादत पर सरकार के रवैये से मुतमईन नहीं हूं, हमें कोई रक़म नहीं, सिर्फ इंसाफ चाहिए.
इधर खालिद मुजाहिद के हत्यारों की गिरफ्तारी और आर डी निमेष रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर आज आठवें दिन भी रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा. मंच ने शहीद खालिद के चचा जहीर आलम फलाही द्वारा सपा सरकार की तरफ से भेजे गए सपा नेता पारसनाथ यादव के हाथों भेजे गए मुआवजे को लौटा देने को सपा हुकूमत और उसके दलाल उलेमाओं के मुंह पर तमाचा क़रार दिया. मंच ने कहा कि इस घटना से सपा हुकूमत को समझ लेना चाहिए कि मुसलमान अब मुआवजे के लिए नहीं इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहा है.
रिहाई मंच ने कांग्रेसी नेता और केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के उस बयान पर कि खालिद की हत्या की जांच एनआईए से होनी चाहिए पर कहा कि कांग्रेस को पहले बटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की जांच करानी चाहिए. मंच ने कहा कि कुछ मुस्लिम नेता जो सपा और कांग्रेस की चाटुकारिता करके राज्य सभा में पहुंचे हैं वो लगातार इस न्याय की लड़ाई को सिर्फ अपनी राज्य सभा की सदस्यता को बचाने के लिए कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं. मुसलमानों को ऐसे बहुरुपियों से भी सावधान होना होगा. क्योंकि जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा ये तमाम बहुरुपिये इन्हीं सपा, कांग्रेस जैसी मुसलमानों के बच्चों का खून पीने वाली पार्टियों के लिए दुकानें खोल लेंगे.
साल भर पहले 13 मई को सपा हुकूमत में सीतापुर के शकील को आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आज उनके भाई इशहाक अपने परिजनों के साथ धरने में शामिल हुए और कहा कि इसी सपा हुकूमत में एक साल पहले यूपी एटीएस ने मेरे भाई को दिल्ली क्राइम ब्रांच को दे दिया था. सपा सरकार कहती है कि उसकी हुकूमत में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई यह सफेद झूठ है. मैंने सपा के नेता राजेन्द्र चौधरी से कई बार मुलाकात की. हर बार आश्वासन मिला कोई कार्यवाई नहीं हुई.
इशहाक ने कहा कि जिस तरह से सपा हुकूमत में खालिद का कत्ल हुआ उससे साफ हो गया है कि सरकार आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को रिहा करेगी पर जिन्दगी से. खालिद की हत्या के बाद हमारा परिवार बहुत भयभीत हो गया है पर हम इस लड़ाई को अंतिम दम तक लड़ेगे क्योंकि आतंकवाद का यह ठप्पा मेरे भाई पर नहीं लगा है यह पूरे मुस्लिम समुदाय पर लगा है. और इस धब्बे को मिटाने के लिए हम अंतिम दम तक लड़ेंगे.
धरने का संचालन एसआईओ के साकिब ने किया. धरने को रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे, अलग दुनिया के केके वत्स, नेलोपो के चौधरी चन्द्र पाल सिंह, टीपू सुल्तान, हाजी मोहम्मद फहीम सिद्दीकी, तारिक शफीक, पिछड़ा समाज संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक़ मलिक, सोशलिस्ट फ्रंट के आफाक, शाने इलाही, सादिक अली, जावेद, मोहम्म्द रईस, अखिल भारतीय मुस्लिम समाज के एमए हसीब, शकील रिजवान, शहजादे मंसूर, आईपीएफ के दिनकर कपूर, हरेराम मिश्रा, शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने संबोधित किया.