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इशरत जहां की तरह ही खालिद की हत्या का षडयंत्र रचा था आईबी ने!

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना 22वें दिन भी जारी रहा. आज क्रमिक उपवास पर सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण प्रसाद बैठे.

धरने का समर्थन करते हुए इमाम व खतीब मस्जिद जमीयतुल कुरैश के मौलाना जहांगीर आलम कासमी ने कहा कि खालिद के इंसाफ की इस जंग में हम पूरी तरह से रिहाई मंच के साथ हैं और हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं. सपा सरकार को मिल्लत आने वाले चुनाव में सबक़ सिखाएगी. IB responsible for Khalid murdur like Israt Jahan case in gujrat

वहीं मौलाना मोहम्मद मुस्तफा, मौलाना सिकन्दर इस्लाही ने कहा कि सूबे की सपा हुकूमत के हाथ मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या में शामिल हैं. गुनाहगार पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है, सरकार के इस मुस्लिम विरोधी रुख से कौम में गहरा आक्रोश है. यही सूबे की सरकार की विदाई का सबब बनेगा.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस तरह से इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आईबी के विशेष निदेशक राजेन्द्र कुमार को सीबीआई ने अभियुक्त बनाया ठीक उसी तरह का मामला खालिद मुजाहिद का भी है, जिसमें उनकी हत्या में उच्च पुलिस अधिकारियों समेत आईबी को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

ऐसे में जब यह साफ हो गया है कि आईबी नीतिगत स्तर पर मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के नाम पर फंसाती ही नहीं बल्कि उनकी हत्या भी करवाती है. आईबी एक षडयंत्रकारी संगठन की भूमिका में हैं तो अपने को सेक्युलर कहने वाली सपा द्वारा इन आतंकवाद में संलिप्त दोषी पुलिस अधिकारियों व आईबी अधिकारियों को जिस तरह से बचाया जा रहा है उससे साफ है कि आतंकवाद के इस खेल में सरकारें भी शामिल हैं.

इशरत जहां के परिवार और कौम ने जो लड़ाई लड़ी उसने आईबी का आतंकी चेहरा बेनकाब कर दिया. उत्तर प्रदेश में भी खालिद मुजाहिद की हत्या के जिम्मेदार आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी कराकर रिहाई मंच आईबी को यूपी में बेनकाब करेगा.

रिहाई मंच के नेता व अवामी काउंसिल के महासचिव अधिवक्ता असद हयात ने बताया कि पीलीभीत की जनपद अदालत में सरकार की वरुण गांधी को बचाने की सरकारी कोशिशों के बावजूद माननीय न्यायालय ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है. मुसलमानों को एक बीमारी कहकर नवाजने वाले सपा के संरक्षण में पनप रहे भगवा सांप्रदायिक चेहरे वरुण गांधी को जेल की सीखचों के पीछे भेजने तक यह लड़ाई जारी रहेगी.

धरने को संबोधित करते हुए भाकपा माले के वरिष्ठ नेता व इंकलाबी मुस्लिम कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि सपा सरकार एक धोखेबाज और वादा फरामोश सरकार है और इस वादा फरामोश सरकार को अवाम हूकूमत से बेदखल कर देगी. स्वंभू सेक्यूलर मुलायम सिंह लंबे अरसे से भाजपा के साथ मायावती की तरह ही सरकारें चलाते रहे हैं और जब उत्तर प्रदेश के अन्दर संघ गिरोह खुलेआम नारे लगा रहा है कि यूपी गुजरात की राह चलेगा और गुजरात के दंगाई अमित शाह को यूपी का प्रभारी बनाकर अपनी फासिस्ट योजना का खुलासा कर दिया है.

ऐसे दौर में फिर से मुलायम सिंह अपनी संघ दोस्ती निभा रहे हैं और गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक इनको नंगा नाच करने की खुली छूट दे रहे हैं. कुछ ज़मीर फरोस अकलियत का रहनुमा बताने वाले लोग चांदी के चंद सिक्कों के खातिर ज़मीर फरोशी के खूनी खेल में शामिल हैं.

एपवा नेता ताहिरा हसन ने कहा कि बेगुनाह मुस्लिम नौजवान जो जेलों में बंद हैं उनके पीछे उनका पूरा परिवार भी है. जिस तरह से उनको आतंकवाद के नाम पर फर्जी तरीके से फंसाया जाता है जिसकी वजह से उनके पूरे परिवार के प्रति समाज के नज़रिए में बदलाव आता है. बहुत से लड़के जिनकों फंसाया गया है उनके पकड़े जाने पर न सिर्फ उनकी शादियां टूट रही हैं, बल्कि सत्ता द्वारा की जा रही हत्याओं के चलते विधवाओं का एक समूह भी पैदा हो रहा है.

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडे ने कहा कि खालिद की तो हत्या कर दी गई है पर तारिक जो अब भी जेल में बंद है उसके बारे में आरडी निमेष कमीशन ने साफ कर दिया था कि उसकी गिरफ्तारी संदिग्ध है. ऐसे में एक तो सरकार ने रिपोर्ट दबाए रखा दूसरे कैबिनेट में पेश करते वक्त एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं पेश करके बेगुनाहों को लंबे समय तक जेल में रखने के अपने इरादे को साफ कर दिया है.

रिहाई मंच के इलाहाबाद जोन के प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन आंदोलन सपा सरकार से मुसलमानों से किए गई वादा खिलाफी का आने वाले दिनों में हिसाब लेगा. उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे मुल्क में बेगुनाहों की लड़ाई को आगे बढ़ाने का काम यह आंदोलन करेगा.

धरने का संचालन आजमगढ़ रिहाई मंच के संयोजक मसीहुद्दीन संजरी ने किया. धरने को रिहाई मंच के इलाहाबाद के प्रभारी राघवेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह, डा0 अहमद अली, फहमीदा बेगम,  मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड शाइस्ता अंबर, मुस्लिम फोरम के एमके शेरवानी, डा0 आफताब, मौलाना कमर सीतापुरी, सोशलिस्ट फ्रंट के मो0 आफाक, शुएब, सैयद मोइद, जनवादी पार्टी संजय विद्यार्थी, अनिल आज़मी, मो0 आरिफ, शिवदास प्रजापति, पूर्व विधायक कालीचरन सोनकर, पूर्व सांसद इलियास आजमी, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के आफताब, डा0 हारिस सिद्दीकी, पीसी कुरील, एहसानुलहक मलिक, फिदा मुहम्मद, जैद फारुकी, आमिर महफूज़, आईएनएल के मो0 समी, रिज़वान, रागिनी सिंह, मो0 फैज और राजीव यादव ने संबोधित किया.

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