BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए तत्काल कार्रवाई करने व आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों की रिहाई की मांग को लेकर रिहाई मंच ने अनिश्चित कालीन धरने के बारहवें दिन से क्रमिक उपवास शुरु कर दी.
रिहाई मंच ने कहा सरकार तोगडि़या और वरुण पर मुक़दमा दायर करने की हिम्मत नहीं रखती और अबू आसिम आज़मी का पुतला फूंकने वालों पर मुक़दमा दर्ज करती है, जिससे सपा का मुस्लिम विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है.
अनिश्चित कालीन धरने के बारहवें दिन क्रमिक उपवास शुरु करते हुए रिहाई मंच आज़मगढ़ जोन के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा मौलाना खालिद के हत्या के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोषी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बजाय हत्या का कारण बीमारी बताने की हर संभव कोशिश की है और सीबीआई को वांछित दस्तावेज़ न देकर साफगोई से गुमराह करने का काम किया है.
प्रदेश सरकार कभी सपा के मुस्लिम नेताओं तो कभी सरकारी उलेमाओं को मैदान में उतारकर खालिद की मौत पर राजनीति कर बेकसूरों की रिहाई के मुद्दे को सांप्रदायिक रंग में रंगने की पुरजोर कोशिश कर रही है. सरकार के इस रवैये से मुस्लिम समाज ठगा महसूस कर रहा है, ऐसे में रिहाई मंच ने एलान किया है कि आज से जारी अनिश्चित कालीन धरना क्रमिक उपवास में तब्दील हो गया है.
धरने से वक्ताओं ने आज़मगढ़ में अबू आसिम आज़मी का पुतला फूंकने वालों पर सरकार द्वारा मुक़दमा दर्ज करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि सपा हुकूमत खालिद के इंसाफ के लिए जगह-जगह चल रहे आंदोलन से भयभीत हो गई है और इस कुंठा में वह लोगों पर जानबूझकर मुक़दमें लाद रही है. लेकिन इसका खामियाजा उसे 2014 में भुगतना पड़ेगा.
रिहाई मंच के नेता व अवामी काउंसिल के महासचिव असद हयात ने कहा कि सरकार द्वारा वरुण गांधी के विरुद्ध हमारी अपील का विरोध किया जा रहा है. यह सपा और सांप्रदायिक ताकतों की मिलीभगत का प्रमाण है और यह बात इस साक्ष्य से भी बलवति होती है कि 23 जुलाई 2012 को ग्राम अस्थान जनपद प्रतापगढ़ में प्रवीण तोगडि़या की मौजूदगी में दंगाइयों ने मुसलमानों के घरों को लूटा और जलाया था. परन्तु पुलिस द्वारा प्रवीण तोगडि़या के विरुद्ध कोई मुक़दमा अन्तर्गत धारा 153 ए, 295 ए आईपीसी कायम नहीं किया गया और विवेचक द्वारा यह धांधली की गई कि नामवर सिंह दरोगा द्वारा दर्ज कराए गए मुक़दमा नवम्बर 95 सन 12 की विवेचना से धारा 147, 148, 149 निकाल दी गई.
पीडि़त तारिक की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की गई और बेकसूर नौजवान मुस्लिम युवकों पर गैंगेस्टर लगा दिया गया. इसी प्रकार फैजाबाद, कोसी कलां और अंबेडकर नगर में भी सांप्रदायिक दंगाई खुले घूम रहे हैं जो सरकार की सांप्रदायिक जेहनियत को उजागर करती है कि दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने की उसकी कोई इच्छा शक्ति नहीं है.
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं ने कहा कि कल तेरहवें दिन के धरने में शिरकत करने के लिए दिल्ली से मानवाधिकार संगठन एपीसीआर के एखलाख अहमद, अबू बकर और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान शिरकत करेंगे.
कल के धरने में एक साल पहले सपा हुकूमत में सीतापुर से के कुतुबपुर बिस्वा से उठाए गए शकील के परिजन भी मौजूद रहेंगे. आज धरने को ऑल इंडिया पिछड़ा जनसामज पार्टी और आज़मगढ़ की संजरपुर संघर्ष समिति ने समर्थन दिया.