Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
लुटयंस दिल्ली में प्रॉपर्टी की कीमत इतनी अधिक है कि बड़े कारोबारी भी यहां घर किराए पर लेने से पहले कई बार सोचते हैं. लेकिन यहां की बेशकीमती संपत्तियां राजनीतिक दलों को कौड़ियों के भाव में उपलब्ध हैं. यही नहीं सरकार देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों को टैक्स में भी छूट देती है. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां अब तक खुद को जनता के प्रति जबावदेह बताने से कतराती रहीं थी. लेकिन अब केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को अपनी आमदनी और खर्च का ब्यौरा सार्वजनिक करने के आदेश दिया है.
इन राजनीतिक दलों को सरकार की ओर से मिलने वाली रियायत आपको चौंका सकती है. उदाहरण के तौर पर दिल्ली के डॉ. बी.डी. मार्ग शायद ही आपको कोई घर किराये पर मिल सके. और अगर किराये पर मिले भी तो उसके किराये का अंदाज़ा आप खुद लगा सकते हैं, लेकिन 10, डॉ. बी.डी. मार्ग जहां नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का शानदार ऑफिस है, उसका मासिक किराया मात्र 1320 रूपये हैं. शायद ही दिल्ली में इतने सस्ते में आपको एक कमरा भी कहीं किराये पर मिल सके.
यही नहीं, 4, जी.आर.जी. रोड जो बसपा सुप्रीमो बहन मायावती ने किराये पर लिया है, उसका भी किराया मात्र 1320 रूपये ही है. (वैसे इसी रोड पर मायावती तीन और बंग्ले भी हैं, जिनका नम्बर 12, 14, 16 है.) इसके अलावा 8, तीन मूर्ति लेन जहां सीपीआई (एम) के राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश करात रहते हैं, उसका मासिक किराया मात्र 1550 रूपये है. इसके साथ ही एबी-4, पुराना किला रोड पर सीपीआई के दफ्तर का किराया भी 1550 रूपये है.
अब बात करे सत्तारूढ़ पार्टी की बात करें तो कांग्रेस पार्टी अपने दफ्तर 24 अकबर रोड का किराया मात्र 42,817 रुपये देती है. इसके अलावा इसके पास 3 और दफ्तर हैं. 26 अकबर रोड का किराया मात्र 3015 रुपये है. इसके अलावा 5 रायसीना रोड का किराया 34,189 रूपये और CII/109, चाणक्यपूरी का किराया मात्र 8078 रूपये है.
विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी भी सस्ते किराये पर ही अपना काम चला रहा है. भारतीय जनता पार्टी अपने दफ्तर 11 अशोक रोड का किराया मात्र 66,896 रुपये ही देती है. इसके अलावा इसका दिल्ली प्रदेश का ऑफिस जो 14, पंडित पंत मार्ग पर है, जिसका किराया मात्र 15077 रूपये है. 18 कॉपरनिकस मार्ग पर समाजवादी पार्टी का दफ्तर है और इस दफ्तर का किराया सिर्फ 12138 रूपये है.
यही नहीं, कांग्रेस को सरकार की ओर से दो प्लॉट अलॉट किए गए हैं जिसका इस समय मार्केट प्राइस 1036.41 करोड़ रूपये की है. भारतीय जनता पार्टी को भी दो प्लॉट अलॉट किए गए हैं जिसका इस समय मार्केट प्राइस 557.23 करोड़ रूपये की है.
इसके अलावा सीपीआई (एम) को जो प्लॉट अलॉट की गई है उसका इस समय मार्केट प्राइस 240.94 करोड़ रूपये आंकी गई है. सीपीआई को 78.41 करोड़, राष्ट्रीय जनता दल को 122.92 करोड़, समाजवादी पार्टी को 261.36 करोड़, जदयू को 129.12 करोड़, AIADMK को 65.08 करोड़ औऱ AITC को 64.56 करोड़ का प्लॉट किया गया है. इस प्रकार अगर हिसाब लगाए तो कुल 2556.02 करोड़ की सम्पत्ति इन 9 राजनीतिक दलों को दे दिया गया है.
उपरोक्त जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल और एसोसियशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म के नेशनल कोऑर्डिनेटर अनिल बैरवाल को आरटीआई के माध्यम से मिली है. इन जानकारियों को ही सबूत के तौर पर पेश कर सुभाष अग्रवाल और अनिल बैरवाल ने राजनीतिक दलों को आरटीआई के अंतर्गत लाने की मांग की थी.
सोमवार को सूचना आयोग ने अहम फैसला सुनाते हुए राजनीतिक दलों को जन सूचना अधिकारी नियुक्त करने और मांगने जाने पर चार सप्ताह के भीतर वांछित जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है. अब तक राजनीतिक पार्टियां अपने खर्च और आमदनी का ब्यौरा देने से बचती रहीं थी. अब सवाल यह है कि क्या राजनीतिक पार्टियां जनता को सही जानकारी उपलब्ध करवाएंगी या अभी भी राजनीतिक दल पर्दे के पीछे से ही अपना खेल खेलते रहेंगे?