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गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते कि मोदी बने पीएम

BeyondHeadlines News Desk

दुश्मनों से न कोई गिला है

हमको अपनो से धोखा मिला है

आग को क्यों दे रहे हो सज़ा

घर तो पानी से मेरा जला है

आगामी 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद यदि बहुमहत्वकांक्षी नरेन्द्र भाई मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं बन पाए तो सुबह-शाम यही शायरी कहते हुए नज़र आएंगे.

क्योंकि सिर्फ कांग्रेसी, नीतिश कुमार और आडवाणी ही नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी भारतीय जनता पार्टी, गुजरात के कई वरिष्ठ नेता भी नहीं चाहते कि वो प्रधानमंत्री बने. बल्कि भाजपाई तो यह भी चाहते हैं कि वो मानसिक रूप से बीमार हो जाए.

ख़बर है कि पिछले दिनों गुजरात भाजपा के कुछ पदाधिकारियों ने मुम्बई निवासी डॉक्टर समीर मंसूरी से मुलाकात कर यह निवेदन किया था कि आप कोई ऐसा क्रिया-क्रम करें कि मोदी मानसिक रूप से बीमार हो जाएं और प्रधानमंत्री के रेस से बाहर हो जाएं.

Gujarat BJP leaders do not want Modi becomes PMडॉक्टर मंसूरी जो पेशे से तांत्रिक भी हैं, ने बताया कि गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क किया था और उपरोक्त निवेदन किया था. डॉक्टर मंसूरी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. उन्होंने इस सिलसिले में मोदी से मिलने की कोशिश भी की थी.

इस बात का भंडाफोड़ न हो जाए इसलिए अब यह भाजपाई डॉक्टर मंसूरी के जान के पीछे पड़े हुए हैं. उन्हें गुजरात के एक माफिया के भाई से लगातार धमकी भी मिल रही है. यही नहीं, उनकी पत्नी शबनम मंसूरी को भी परेशान किया जा रहा है. उनके साथ छेड़-छाड़ भी किया गया.

डॉक्टर मंसूरी ने इस बाबत जूहू पुलिस स्टेशन में शिकायत भी की है. यही नहीं, डॉक्टर मंसूरी महाराष्ट्र के कद्दावर नेता पतंगराव क़दम से भी मुलाकात कर पुलिस सुरक्षा की गुहार कर चुके हैं. 37 वर्षीय मंसूरी की पत्नी शबनम मंसूरी ने भी इस बाबत तमाम पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की है कि आरोपी उनके साथ छेड़खानी करते हैं. (शिकायत की सारी कॉपियां BeyondHeadlines के पास मौजूद है)

स्पष्ट रहे कि डॉक्टर मंसूरी व उनकी पत्नी जन्म से ही अंधे हैं, लेकिन अपनी मेहनत और लगन के चलते आज वो फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने नाम हैं.  सुभाष घई, सलमान खान, विवेक ओबरॉय, कुमार गौरव, अश्मित पटेल जैसे नाम इनके दोस्तों और मरीजों में शामिल हैं. कई बड़े उद्योगपति भी इनके रेगूलर कस्टमर हैं. लोग इन्हें डॉक्टर नहीं, जादूगर मानते हैं. ये दवाएँ लिखकर नहीं देते हैं बल्कि मरीज की नब्ज देखकर खुद ही दवाएँ बनाते हैं.

यही नहीं, डॉक्टर मंसूरी ने ‘ब्लाइंड ट्रस्ट’ नाम की एक संस्था भी बनाई है, जहाँ फिजियोथैरेपी सेंटर और डाटा फीड करने के लिए साइबर सेंटर आदि बनाने की योजना है, जिससे अंधे लोग पूरे सम्मान के साथ समाज में रह सकें.

डॉक्टर मंसूरी ने ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोम्बो से आयुर्वेदिक डॉक्टर की डिग्री के साथ ही साइंस ऑफ आयुर्वेद और अल्टरनेट मेडिसिन में पीएचडी भी की है. ये ‘अंतरराष्ट्रीय असोसिएशन ऑफ एडयुकेटर्स फॉर विश्व शांति’ के उपाध्यक्ष भी हैं. कॉमनवेल्थ असोसिएशन फॉर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग ऑफ अडल्ट्स, यूके द्वारा डॉ. मंसूरी को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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