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बोधगया आतंकी धमाकों में आईबी की भूमिका की हो जांच

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : भारी बरसात के बीच मौलाना खालिद के न्याय के लिए लखनऊ विधान सभा धरना स्थल पर रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना 47वें दिन भी जारी रहा. आज क्रमिक उपवास पर मोहम्मद आरिफ बैठे.

रिहाई मंच ने बोध गया में हुए विस्फोटों के लिए आईबी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आईबी मंदिर, मस्जिद के बाद अब बौद्ध मठों पर आतंकवाद के नाम पर हमले करवाकर मुसलमानों और बौद्धों के बीच नफरत फैलाना चाहती है.

Probe IB's role in Bodh Gaya blastsफतेहरपुर बाराबंकी से आए मौलाना हबीब कासमी ने अपील की कि धरने के 50वें दिन 10 जुलाई, बुधवार को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर इंसाफ की इस लड़ाई को और मजबूत करें. उन्होंने कहा कि जब तक इंसान का खून उसके शरीर में रहता है तब तक वह उस व्यक्ति की परवरिश करता है, लेकिन जैसे ही इंसान का खून सड़कों पर गिरता है वह मुल्क और कौमों की परवरिश करने लगता है. मौलाना खालिद मुजाहिद का खून इस देश की जम्महूरियत की लड़ाई की परवरिश करेगा.

रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने कहा कि हमारे संगठन ने पिछले हफ्ते ही अंदेशा व्यक्त कर दिया था कि इशरत जहां मामले में जिस तरह आतंकवादी वारदातों में आईबी की संलिप्तता पर उंगलियां उठ रही हैं, हमेशा की तरह आईबी देश के किसी भी हिस्से में आतंकी वारदात को अंजाम देकर पूरे बहस को मोड़ने की कोशिश कर सकती है.

हमने उस समय बिहार के सन्दर्भ में इस बात को कहा था कि जिस तरह आईबी ने बिहार में आतंकी हमले होने का फर्जी एलर्ट जारी किया है उसमें संभव है कि आईबी बिहार में आतंकी वारदात को अजांम देकर देश में फिर से असुरक्षा का माहौल पैदा करने की कोशिश करे. बोध गया में यही हुआ है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह कल आईबी के मुखिया आसिफ इब्राहिम ने भारत सरकार को पत्र लिखा था कि आईबी के अधिकारियों को जांच के दायरे में लाने से देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो जाएगा, वह भारत की न्यायपालिका में हस्तक्षेप तो था ही जो इशरत मामले में आईबी की आपराधिक भूमिका की जांच कर रहा है, वह एक प्रकार की धमकी भी थी कि अगर आईबी के अधिकारियों को पकड़ा जाएगा तो आईबी देश में विस्फोट कराकर देश को असुरक्षित कर सकती है.

आईबी ने ऐसा पिछले दिनों हैदराबाद आतंकी धमाकों के समय भी किया था, जब सुशील कुमार शिदें ने हिन्दुत्वादी आतंकवाद पर बोला था और उसको लेकर शिंदे और भाजपा की नेता सुषमा स्वराज की बीच मिटिंग हुई और उसके ठीक दूसरे दिन हिन्दुत्वादी आतंकी और आईबी के लोगों ने मिलकर हैदराबाद में आतंकी वारदात को अंजाम देकर बेगुनाह मुस्लिम युवकों को फिर से फांसने का काम किया.

शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि इस पत्र के लिखने के दूसरे ही दिन बोध गया में विस्फोट हो जाता है और उसे बौद्ध बहुल म्यामांर में हुई मुस्लिम विरोधी हिंसा से जोड़कर बदले की कार्यवाई के बतौर मीडिया से प्रचारित करवाया जा रहा है. ऐसे नाजुक समय में हम प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मांग करते हैं कि वो ऐसी रिपोर्टिग करने वाले मीडिया समूहों पर नकेल कसे.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि आईबी के इशारे पर मीडिया द्वारा जिस कथित इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी मकबूल के कथित एकबालिया बयान को जिसे हैदराबाद विस्फोट के समय भी लीक किया गया था, को फिर से प्रचारित करवाया जा रहा है उससे  भी स्पष्ट हो जाता है कि गया में हुए विस्फोटों में आईबी की भूमिका संदिग्ध है.

उन्होंने कहा  कि आखिर जब इस एजेंसी को 6 महीना पहले ही पता था कि गया में विस्फोट हो सकता है तो विस्फोट कैसे हो गए.

रिहाई मंच के धरने को संबोधित करते हुए इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि आज के ही अखबारों में दुर्गा वाहिनी द्वारा जम्मू में महिलाओं को आत्म सुरक्षा के नाम पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग कैंप की तस्वीरे छपी हुई हैं, लेकिन उन पर कोई कार्यवाई नहीं होती है. जबकि हजारों बेगुनाह मुस्लिम लड़कों को सिर्फ देशी तंमचे बरामद दिखाकर, जिसके गवाह सिर्फ पुलिस वाले होते हैं पर राज्य द्रोह का मुक़दमा लगाकर जेलों में सड़ाया जा रहा है. जो साबित करता है कि देश कांग्रेस के नेतृत्व में आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के एजेंण्डे पर बढ़ रहा है.

हम रिहाई मंच के इस धरने से जम्मू कश्मीर की कांग्रेस समर्थित सरकार और केन्द्र की यूपीए सरकार से मांग करते हैं कि दुर्गा वाहिनी जिसका संबंध आरएसएस से है, जिससे जुडे कई आतंकवादी देश में हुए तमाम विस्फोटों में पकड़े गए हैं के इस आतंकी कैंप पर तत्काल रोक लगाई जाए और इसमें शामिल संघी कार्यकताओं पर तत्काल राज्य द्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए.

धरने को संबोधित करते हुए बाराबंकी से आये अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि जिस तरह बोधगया, जो देश में शांति का प्रतीक है वहां पर आईबी ने खुद को बचाने के लिए आतंकी वारदात को अंजाम दिलवाया उससे साफ हो जाता है कि फांसीवादी ताकतें सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के सहारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे का टेकओवर कर रही हैं.

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोशिएसन की ताहिरा हसन ने अपील की कि जब राज्य सरकार खालिद को न्याय न देने के लिए मानसून सत्र नहीं बुला रही है और खालिद को न्याय दिलाने के लिए रिहाई मंच विधानसभा पर इस भारी बरसात के मौसम में भी जमा है तो ऐसे में 10 जुलाई को इस धरने के पचासवें दिन लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए अमन पंसन्द अवाम भारी तादाद में शिरकत करें.

उन्होंने कहा कि 22 मई से चल रहे इस धरने में जिस तरीके से अवाम लू की थपेड़ों और भारी बारिश में भी जमी है तो हम सभी 10 जुलाई को चाहे बरसात हो या आंधी पर अन्याय के खिलाफ न्याय के लिए इस संघर्ष में ज़रुर शिरकत करें.

रिहाई मंच द्वारा धरने के पचासवें दिन 10 जुलाई, बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचने का अपील व आईबी की सांप्रदायिकता व दहशत गर्दी के खिलाफ जन जागरण जारी रहा जिसके तहत अमीनाबाद, मौलवीगंज, फूलबाग, बारुदखाना समेत लाटूश रोड पर रिहाई मंच के नेताओं ने जन संपर्क किया.

धरने का संचालन अनिल आजमी ने किया. धरने में रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुऐब, डा0 अली अहमद कासमी, फतेहपुर बाराबंकी से आए मौलाना साबिर कासमी, मौलाना फैजी अजहरी, मोहम्मद उमर, मोहम्मद शमीम, दाउद हयात, आलोक अग्निहोत्री, तारिक शफीक, सोशलिस्ट पार्टी मो0 आफाक, फैजाबाद से आए मुस्लिम मजलिस के नेता नदीम सिद्दीकी, जैद अहमद फारुकी, हाजी फहीम सिद्दीकी, कानपुर से मो0 शमीम, मो0 हफीज, स्मार्ट पाटी के शहजादे मंसूर अहमद, भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोइद अहमद, भागीदारी आंदोलन के पीसी कुरील, पिछड़ा महासभा के एहसानुल हक मलिक, शिवनारायण कुशवाहा, शमीम वारसी, सलमा रिहाना, जुबैर जौनपुरी, शुऐब, हरेराम मिश्रा,  सलीम खान, शाहनवाज आलम और राजीव यादव शामिल रहे. संजरपुर आजमगढ़ से धरने के समर्थन में लोग आए.

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