Shamshad Pathan for BeyondHeadlines
मैं उस राज्य से हूं जिस राज्य ने सांप्रदायिकता के नाम पर वो मंजर देखा है जिसका नाम लेने से भी मुस्लिम समुदाय डरता है पर हमने इस लड़ाई को जम्हूरियत को बचाने की एक तहरीक बना दी. आज खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी के अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर रिहाई मंच के धरने के 50वें दिन इसी तहरीक को मैं गुजरात से हजार किलोमीटर दूर यूपी में देख रहा हूं.
इस बात को भी देख रहा हूं कि बदनाम ज़माना मोदी की तरह ही सपा जो अपने को सेक्युलर और मुस्लिमों की हमदर्द कहती है ने भी मोदी की तरह ही यूपी में भी एक गुजरात बना दिया है जहां मुस्लिम समुदाय के लोग कहीं दंगों की आंच में झुलस रहें हैं तो वहीं आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवक जेलों की कोठरियों में कैद हैं.
गुजरात में हमने 2002 में मोदी सरकार द्वारा मुसलमानों पर जुल्मों सितम देखें हैं उस समय आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि गुजरात एक प्रयोगशाला है. जिसे आज बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी देखा जा रहा है. गुजरात के अंदर सबसे ज्यादा पोटा का दुरुपयोग हुआ है. नरेन्द्र मोदी इशरत जहां सहित 2000 से अधिक लोगों का खूनी है. आईबी फर्जी मुठभेड़ों के मामलों में कटघरे में है. मैं अगर सादिक जमाल की कहानी बताऊं तो आप की रुहें कांप जांएगी.
20 वर्षीय सादिक जमाल बहुत गरीब घर का लड़का था, उसका फर्जी एनकाउंटर कर दिया गया था. सादिक को दाउद का साथी बता दिया गया था. एसआईटी के अनुसार आईबी का फर्जी मुठभेड़ में हाथ है. आईबी फांसीवादी ताक़तों को सत्ता में लाना चाहती है. राजेन्द्र कुमार ने सादिक जमाल का फर्जी मुठभेड़ की थी. इशरत जहां का भी फर्जी एनकाउंटर हुआ.
सरकार कहती है कि राजेन्द्र कुमार का नाम एफआईआर में न डाला जए. अमजद अली का भी फर्जी एनकाउंटर हुआ. गुजरात हाईकोर्ट ने भी स्पष्ट पूछा कि खून हुआ या एनकाउंटर ? हमने यह संकल्प लिया है कि हम जल्द ही गुजरात के मुख्यमंत्री को कटघरे में लाएंगे.
अगर मोदी गुजरात हो हिन्दुत्व की प्रयोगशाला बनाना चाहते हैं तो हम भी गुजरात को इंसाफ की लड़ाई का प्रयोगशाला बना देने पर आमादा हैं और इस लड़ाई में जीत हमारी होगी.
(लेखक गुजरात में आतंकवाद के नाम पर मारे गए बेगुनाहों इशरत जहां, सोहराबुद्दीन, सादिक जमाल मेहतर और गुजरात दंगों में शिकार मुसलमानों के गुनहगार माया कोडनानी जैसे भाजपा नेताओं को जेल भिजवाने वाले जन संघर्ष मंच के नेता और अधिवक्ता हैं. और यह लेख उनके द्वारा आज खालिद मुजाहिद के इंसाफ के लिए लखनऊ में चल रहे रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 50वें दिन दिए गए भाषण का एक अंश है.)