BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: प्रदेश के अल्पसंख्यक मुलायम से सावधान रहें
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > प्रदेश के अल्पसंख्यक मुलायम से सावधान रहें
IndiaLead

प्रदेश के अल्पसंख्यक मुलायम से सावधान रहें

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published August 28, 2013 4 Views
Share
8 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : सपा सरकार के लिए यह कितने शर्म की बात है कि आने वाले 31 अगस्त को जहां निमेष आयोग की रिपोर्ट को सरकार के पास कैद हुए एक साल हो जायेगा, वहीं दूसरी ओर खालिद के हत्यारे पुलिस और आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी और निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर अमल करने की मांग के साथ चल रहे धरने का भी 100 दिन पूरा हो जाएगा. जिससे साबित होता है कि प्रदेश में एक जनविरोधी फासिस्ट सरकार चल रही है. सरकार मुसलमानों की रहनुमा होने का दावा भले ही करती हो लेकिन निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर चुप्पी साधकर वह प्रदेश में फांसीवादी ताक़तों को मज़बूत कर रही है.

उपरोक्त बातें रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने मौलाना खालिद की हिरासत में की गयी हत्या के आरोपी पुलिस और आईबी के अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर चल रहे रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 99वें दिन उपस्थित लोगों के समक्ष कहीं.

Be careful from Mulayam Yadavउन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के मुखिया अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव आज साम्प्रदायिक हिंदु वोटों के लिए प्रदेश के अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ विधानसभा चुनाव के वक्त अपने किये गये वादे से न केवल पलट रहे हैं, बल्कि सरकार को अपना वादा याद दिलाने वाली जम्हूरियत पसंद ताकतों के खिलाफ बर्बर दमन पर आमादा है.

यह बात साबित करती है कि अखिलेश यादव की सरकार आज भी मुसलमानों के मुद्दे को अपने वोट बैंक का माध्यम मानती है और उनकी समसयाओं को अपने राजनैतिक हित के लिए हल करने से कतरा रही है. बेगुनाह नौजवानों की रिहाई के सवाल पर सपा सरकार जिस तरह से एक भ्रामक माहौल प्रदेश के अल्पसंख्यक मुसलमान मतदाताओं के सामने बनाने में जुटी है वह इस लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक है.

रिहाई मंच के प्रवक्ताओं ने बताया कि रिहाई मंच के धरने के 100वें दिन होने वाला मार्च आगामी मानसून सत्र में अखिलेश यादव सरकार को अपने वादे के अनुसार आर.डी. निमेष कमीशन रिपोर्ट पर सदन में कार्रवाई रिपोर्ट के साथ रखने की चेतावनी है.

उन्होंने बताया कि सपा सरकार जिस तरह आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को रिहा करने के सवाल पर मुकर गयी है. बेगुनाह खालिद मुजाहिद की जिस तरह से हत्या करवायी और हत्यारोपी पुलिस व आईबी अधिकारियों को बचाया, उस सरकार के खिलाफ कल आवाम विधान सभा मार्च करेगी.

कल होने वाले मार्च में हम आतंकवाद के मामलों की एनआईए से जांच और सपा सरकार में हुए दंगों की सीबीआई जांच की मांग को पुरजोर तरीके से उठाएंगे. क्योंकि रिहाई मंच मानता है कि आतंकवाद और दंगे के सवाल पर घिरी जो सपा सरकार मानसून स़त्र को महीनों टालती रही है वो सरकार और उसकी सांप्रदायिक जांच एजेंसियां इन मामलों की विवेचना और अवाम को इंसाफ देने में असक्षम हैं.

उन्होंने कहा कि कल विधान सभा मार्च में वरिष्ठ माकपा नेता और पूर्व सांसद सुभाषनी अली, वरिष्ठ पत्रकार सुभाष गताड़े, पीपुल्य यूनीयन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) के परमजीत सिंह, युवा पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव, मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार जाहिद खान, इंडियन नेशनल लीग के एससी मेहरोल, रियाज आतिश, संदीप पांडे, ताहिरा हसन इत्यादि शामिल होंगे.

इस अवसर पर रिहाई मंच आज़मगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निमेष आयोग रिपोर्ट पटल पर रखने का वादा किया है. यह आंदोलन इस बात को सुनिश्चित करने के लिए जारी है कि रिपोर्ट को पटल पर रखने की मात्र औपचारिकता न पूरी की जाय बल्कि उस पर ठोस कार्यवाही भी अमल में आये. इस मामले में विपक्ष का रवैया भी अस्पष्ट और संदेहपूर्ण है. सत्र शुरू होने से पहले छोटे-बड़े सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर जनता के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करें.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर हो रही राजनीति ने हमारे आजमगढ़ से ही दो लड़कों को बाटला हाउस में कत्ल कर दिया गया और 16 युवकों को गिरफ्तार किया गया तो वहीं पिछले पाचं साल से आठ लड़के गायब कर दिए गए हैं. कल रिहाई मंच का यह धरना 100 दिन ही नहीं पूरे कर रहा है बल्कि आतंकवाद के नाम पर पीडि़त परिजनों की आवाज़ बन गया है और जब भी मज़लूम की आवाज सड़कों पर उठती है तो जालिम हुकूमतें नेस्तनाबूद हो जाती हैं.

धरने को संबोधित करते हुए इंडियन नेशननल लीग के प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट मो0 समी, अनिल आजमी और पत्रकार हरेराम मिश्र ने कहा कि आज मुलायम की सलाहकार मंडली में ऐसे चापलूसों की भरमार हो गयी है जो उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री बनने के सपने दिखा रहे हैं. लेकिन जिस प्रदेश के मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में इस पार्टी से नाराज़ हो चुके हों, वहां पर जीत मिलना तो दूर इज्जत बचाने के भी लाले पड़ सकते हैं.

आज ज़रूरत है कि मुलायम अपना चुनावी घोषणापत्र फिर से पढ़ें. लेकिन अफसोस कि मुलायम सिंह अपने स्वार्थ में इतने अंधे हो गये हैं कि देश की सांप्रदायिक ताक़तों के आगे उन्होंने घुटने टेक दिये हैं और सांप्रदायिक ताक़तों को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने में लगे हुए हैं. प्रदेश के अल्पसंख्यकों को अब अपने को मुलायम द्वारा प्रयोग करने के बारे में सावधान रहना ही होगा.

मुस्लिम मजलिस के नेता जैद अहमद फारुकी, वाराणसी के लक्ष्मण प्रसाद और इलाहाबाद के अनिल आज़मी कहा कि कल धरने के 100वें दिन मौलाना खालिद की हत्या की गुनहगार प्रदेश की सपा सरकार के खिलाफ, निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तुरंत एक्शन टेकेन रिपोर्ट लाने और आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को जो प्रदेश समेत देश की अनेक जेलों में कैद हैं कि तत्काल रिहाई की मांग को लेकर जनता के साथ विधानसभा मार्च का आयोजन किया गया है.

प्रवक्ताओं ने अपील की कि सरकार के इस जन विरोधी रवैये के खिलाफ आम जन ज्यादा से ज्यादा सड़कों पर उतरें और इस सरकार को अपनी मांगों के सामने झुकने को मजबूर कर दें. प्रवक्ताओं ने कहा कि यह समय अवाम की परीक्षा का है अगर अवाम जिंदा है तो उसे सड़क पर उतरकर इंसाफ के लिए चल रही इस जंग में शामिल होना होगा.

धरने को संबोधित करते हुए भारतीय एकता पार्टी (एम) के सैय्यद मोईद अहमद डा0 हारिश सिद्दीकी ने कहा कि रिहाई मंच आम जनता के बीच आतंकवाद के सवाल पर एक व्यापक जागरूकता अभियान चला रहा है. इस अभियान में रिहाई मंच आम लोगों के बीच सपा सरकार की सांप्रदायिक नीति के पोषण का पर्दाफाश करते हुए जेलों में कैद बेगुनाह मुसलमानों के पक्ष में खड़ा होने के लिए लामबंद कर रहा है. धरने का संचालन अनिल आजमी ने किया।

TAGGED:Be careful from mulayam
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?