संजय की “रामलीला” पर गुजरात में बवाल

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Ilyas khan Pathan for BeyondHeadlines

अभिनेता रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण द्वारा अभिनीत संजय लीला भणशाली की फिल्म “गोलियों की रासलीला – रामलीला” प्रदर्शित होने से पहेले ही विवादों से घिरने लगी है. पहले से ही इस फिल्म के नाम को लेकर उठे विवाद के सुर की सुरावली अब गुजरात तक पहुंच चुकी है. गुजरात में भी इस फिल्म को प्रदर्शित न करने और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है.

संजय की "रामलीला" पर गुजरात में बबालजानकारी के अनुसार गुजरात के राजपूत समुदाय के लोगों ने इस फिल्म की पटकथा और अश्लील संवाद तथा दृश्यों के प्रति विरोध दर्शाया है. गुजरात में खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में इस फिल्म को लेकर विरोध बढ़ रहा है. सौराष्ट्र के मोरबी, राजकोट तथा उपलेटा जैसे शहरों से स्थानीय राजपूत समुदाय द्वारा विरोध दर्शाया गया है तो जूनागढ़ जिले के राजपूत समाज द्वारा जिले के किसी भी सिनेमाघर में ये फिल्म प्रदर्शित होने पर दर्शकों को फिल्म देखने से रोके जाने की चेतावनी दी गई है. वहीं कच्छ के भुज में फिल्म के दिग्दर्शक संजय लीला भणशाली के पुतले को फूंके जाने की खबर है.

इस फिल्म पर प्रतिबंध की मांग के साथ गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चुडासमा ने ये दलील की है कि संजय लीला भणशाली की “गोलियों की रासलीला – रामलीला” में पटकथा, तथा कुछ संवाद और दृश्य राजपूत समुदाय के लिए अपमान जनक है, जिनसे इस समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. फिल्म में राजपूत और रबारी समुदाय के बीच 500 साल पुरानी दुश्मनी होने की बात दर्शाइ गई है, जिनसे विग्रह होने की संभावनाए है. इसके अलावा इस फिल्म में राजपूत – रबारी समुदाय के दो व्यक्तिओं की प्रेमकथा दिखाई गई है, जिसमें अश्लीलता भरे दृश्यों और संवादों के कारण राजपूत समुदाय की महिलाओं की मर्यादा संस्कृति को ठेस पहुंचती है.

यह भी गौरतलब है 15 नवंबर को प्रदर्शित होने वाली फिल्म गोलियों की रासलीला-रामलीला फिल्म पर इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्त्ता नूतन ठाकुर द्वारा अलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस फिल्म का नाम हिन्दू धर्म और संस्कृति के लिए अपमान जनक होने का कहा गया था.

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