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Reading: राहुल का भाषण: मोदी स्टाईल में…
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BeyondHeadlines > Lead > राहुल का भाषण: मोदी स्टाईल में…
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राहुल का भाषण: मोदी स्टाईल में…

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published November 11, 2013
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10 Min Read
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Script by Dr Javed Jamil for BeyondHeadlines

नोट : यह केवल एक काल्पनिक भाषण है. पटकथा लेखक का राहुल गांधी या नरेंद्र मोदी का भाषण में व्यक्त विचारों से सहमत होना आवश्यक नहीं है. जिन शब्दों के आगे ‘…..’ हो तो उन्हें खींच कर पढ़िए बिल्कुल मोदी की तरह… और यह लेखक के अपने विचार हैं.

भाइयों और बहनों!

अपनी तरह तो मैं बोलता ही रहता हूँ. आज मेरा दिल चाहा….  उसकी तरह बोलूं जो जब बोलता है… तो अपने मसखरेपन से हंसा-हंसा  कर बेहाल  कर  देता है. 

भाइयों और बहनों!

हिन्दुस्तान में बड़े-बड़े कॉमेडियन आयें, जिन्होंने मसखरेपन  की नई-नई मिसालें पेश कीं. आपको महमूद भाई याद होंगे. अपने मसखरेपन से इतना हंसाते थे…. कि लोग हीरो को भूल जाया करते थे. शोले के असरानी भी याद होंगे. क्या बढ़िया…. रोल अदा किया था. और  जगदीप  याद आ जाता है. लेकिन जब कोई खलनायक कॉमेडियन बन जाता है …. तो सब को पीछे छोड़ देता है. (हाहाहा)

शक्ति कपूर… और कादर खान… आपको खूब याद होंगे. उन में जो बात थी…. किसी और में कहाँ? लेकिन भाइयों और बहनों,… हमारे नरेंद्र भाई मोदी…. महाराज… ने शक्ति कपूर और कादर खान को…. बहुत पीछे छोड़ दिया है. ना ही उन जैसा खलनायक… भारत की राजनीति में पैदा हुआ, ना ही उन जैसा मसखरा. मैंने सही कहा, बोलो हाँ या न, हाँ,…… सब कह रहे हैं हाँ!

हमारे चाय बेचने वाले से…. महाराज बने मोदी भाई ने किसी चाय बेचने वाले लड़के… के हाथों चाय कब पी थी? इसका तो हमें पता नहीं…. मगर चाय,…. कपड़े और सीमेंट के उद्योगपतियों के साथ….पांच सितारा होटलों और बड़े बड़े बंगलों…. में जो रोज़ चाय पी जाती है… उसका हमें सब पता है….

क्या क्या…. पिया और परोसा जाता है. हम सब जानते हैं…. मगर शिष्टाचार के चलते… हम आपको बताना नहीं चाहते… क्यूंकि इलेक्शन कमीशन में हमारी शिकायत कर देंगे. महाराज जी,… अपना बचपन याद करके उन बेचारे असहाय…. गरीब ….चाय वालों का दिल तो न तोड़ो… जिनमें आप से अधिक बुद्धि और काबलियत है…. मगर आप जैसी चालाकी उन में नहीं. जो दिन रात महनत करके अपना पेट पालते हैं मगर किसी से घृणा नहीं करते…

महाराज जी मझे शहज़ादा पुकारते हैं… मैं अगर किसी राजनितिक घराने में पैदा हुआ तो यह तो ऊपर वाले की मर्ज़ी थी, मगर मैं गरीबों की कुटिया में जाकर उनके दर्द को महसूस करने की कोशिश करता हूँ… हर समय उनकी चिंता मुझे सताती रहती है. मगर महाराज जी… आप गरीब घर में पैदा हुए लेकिन आज आपको उद्योगपतियों कि चिंता सताती है. और उद्योगपतियों से इस प्रेम को आप विकास का नाम देते नहीं थकते.

महराज जी, किसी होटल के महाराज बन जाओगे… तो शायद अच्छा रहेगा, देश के महाराजा… बनने का स्वप्न देखना छोड़ दो, इसी में… आपकी और देश की भलाई है.

आजकल… महाराज को चोरी करने का भी शौक हो गया है. चोरी का ही नहीं खुलेआम डाका मारने लगे हैं.  अपने संगठन में कोई हाथ नहीं आया….. तो कांग्रेस पर डाका मार दिया. और हमारे प्रिय नेता सरदार पटेल को ले उड़े. और आपको मालूम है. भाईयो और बहनों….. इस पटेल  प्रेम का राज़ क्या है? आखिर…… गांधी जी से इतना प्रेम क्यूँ नहीं,… नेहरू जी से किस बात का बैर…. और मौलाना आज़ाद का नाम उनकी जुबान पर क्यूँ नहीं आया….? क्यूंकि…. नेहरू, गांधी के बारे में यह अफ़वाह नहीं फैली … कि वे मुसलमनों से कुछ कम प्रेम करते हैं. मगर…. बदकिस्मती से पटेल जी के बारे में यह अफवाह फैला दी गई कि उन के मन में मुसलमानों के लिए उतना प्रेम नहीं…. जितना और कांग्रेस वालों के मन में. फिर क्या था,…. सिर्फ अफवाह  को…. हकीकत समझ लिया गया. और सरदार पटेल से अभूतपूर्व….. प्यार उमड़ आया, उनको अपना बना कर उनकी भव्य प्रतिमा बना डाली….

भाइयों और बहनों!

जब मैंने सच्ची कहानियां सुनानी शुरू कीं. ऐसी कहानियाँ जिन्होंने भारत का इतिहास बदला… तो महाराज ने भी कहानियाँ सुनानी शुरू कर दीं. उनके अपने पास आतंक और फसाद फ़ैलाने के अतिरिक्त कोई सच्ची कहानी थी नहीं,….. इसलिए …. मन घड़त कहानियाँ सुनाने लगे. कानपूर में एक मां की कहानी सुना डाली,…. कि उसका बेटा कानपुर से गुजरात रोज़ी कमाने निकला, और रास्ते भर…. माँ को चिंता खाती रही… और वह फोन करती रही,… उस समय तक चैन से नहीं सोई…. जब तक  बेटा गुजरात की सीमा में प्रवेश नहीं कर गया,…. कोई उन्हें यह बताना भूल गया….. कि कानपूर से गुजरात जाने के लिए उत्तर प्रदेश से गुजरात के बीच का सारा सफर… मध्य प्रदेश से होकर जाता है, जहां उनके अपनी पार्टी की सरकार है. बेचारे मध्य प्रदेश के मुख्या मंत्री…. हाथ मल  कर ही रह गए.

भाइयों और बहनों!

झूठी कहानियाँ सुनाओगे…. तो यही हश्र होगा न, बोल हाँ कि ना…

उसके बाद…. महाराज का पटना में पदार्पण हुआ…. और वही हुआ…. जिसकी प्लानिंग थी. प्लानिंग किसकी थी…. यह तो वक़्त बताएगा…. मगर सब ने यह देखा…. कि बमों के फटने के बाद भी…. महाराज जी और उनकी सेना का अहंकार…. जारी था. ऐसा लग रहा था…. मानो बम फूटने से उन्हें न कोई तकलीफ है…. न डर…. एक से एक….. लम्बे…. भाषण, और महाराज जी तो…… अपनी पूरी लय में थे, जैसे कुछ ऐसा हो गया हो…. जो अति प्रसन्न करने वाला हो…. निर्दोष लोगों की हत्या पर यह प्रसन्नता कैसी थी…  ये तो महाराज जी और उनकी सेना ही बता सकती है…. मगर जो कुछ हुआ, वह नज़ारा…. सारे देश की जनता ने देखा.

एक बात और भाइयों और बहनों!

आजकल…. चाय बेचने वाले से… महाराज बनने वाले…. भिखारी भी बन बैठे हैं. कहते हैं… कांग्रेस को आपने 60 साल दिए…. हमें 60 महीने दान में दे दो…. अब कोई उनसे पूछें…. कि आखिर भारत  की जनता ने…. कांग्रेस को 60 वर्ष क्यूं दिए…. और आपको क्यूं नहीं दिए.

अगर कांग्रेस को दिए…. तो इसका मतलब साफ़ है…. कि हमारी पार्टी की कुछ कमियों के बावजूद जनता को हम पर भरोसा रहा. हम अपनी कमजोरियां…. स्वीकार करते हैं, मगर जनता ने हमारी कमज़ोरियों को माफ़ी के लायक समझा, मगर…. भारतीय जनता पार्टी और जनसंघ की कमज़ोरियों को माफ़ी क लायक नहीं समझा. क्यूंकि हमारी कमी सोच में नहीं थी, कार्य करने की क्षमता में थी,….. और उनकी कमी सोच में थी.

वे सम्प्रदायिकता…. के आधार पर भारत की अक्सरियत को…. अपने वश में…. करना चाहते थे.  हम बराबरी के आधार पर देश को एकजुट करना चाहते थे. यदि बीजेपी वाले चाहते हैं….. कि जनता उन्हें स्वीकार करे…. तो वे अपनी सोच बदलें, …. अपना नज़रिया बदलें. अपनी पार्टी के छोटे क़द के कार्यकर्ताओं को….. बुरका पहनाकर रैली में लाने के बजाय….अल्पसंख्यकों का दिल जीतें,….. उनको विश्वास में लें.

यदि वे हमारी पार्टी से अधिक जनता का विश्वास जीत सकते हें…. तो निश्चित रूप से अगली सरकार बना सकते हैं मगर ऐसा…. होगा नहीं, क्यूंकि वे अपना नज़रिया….और अपनी सोच…. बदल नहीं सकते. चुनाव के समय…. कुछ मीठे बोल अपने लच्छेदार भाषणों में बोल तो सकते हैं…. मगर दिलों कि कड़वाहट समाप्त नहीं कर सकते.

मैं तो दिल कि बात करता हूँ. क्यूंकि दिल से जो बात निकलती है असर रखती है और ये दिमाग वाले चाल बाज़ियाँ करते हैं, जैसा किसी ने कहा “अहले दानिश कि मदद से रहा बातिल हाकिम”. झूटी और असत्य कि शक्तियों को भारत की जनता ने न कभी पहले स्वीकारा है और न आगे स्वीकार करेगी यह मेरा यकीन है.

बस भाइयों और बहनों! अब मैं अपने रूप में वापस आता हूँ. कांग्रेस  गरीबों और लाचारों की पार्टी है. यह सारे भारत कि पार्टी है. बेशक हमसे बहुत सी गलतियां हुई हैं. मगर हमारा वादा है कि हम अपनी गलतियों और कमियों को दूर करेंगे और एक समृद्ध, खुशहाल भारत का निर्माण करेंगे जिसमें सारे देशवासी आपसी मुहब्बत के साथ रह सकेंगे और अपने समस्त अधिकार प्राप्त कर सकेंगे.

जय हिन्द!

TAGGED:A Rahul Speech in Modi Style
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