कवासी हिड़मे की दर्दनाक कहानी…

Beyond Headlines
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Himanshu Kumar

सुकमा जिले की कवासी हिड़मे के साथ थाने में पुलिस वालों ने सामूहिक बलात्कार किया. और उसे नक्सली कह कर जेल में डाल दिया. इस दौरान पुलिस वालों ने कवासी हिड़मे को इतनी बुरी तरह यौन प्रतारणा दी कि हिड़मे का गर्भाशय बाहर आ गया.

हिड़मे अपनी योनी से बाहर निकल आये मांस के उस टुकड़े को जेल में दूसरी महिलाओं से ब्लेड मांग कर काट कर फेंकना चाहती थी. जेल की दूसरी महिलाओं के शोर मचाने पर हिड़मे को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां हिड़मे का इलाज हुआ.

इसके बाद हिड़मे को गुर्दे में पथरी हो गयी. पिछले साल जब राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम सोनी सोरी से मिलने जेल में गयी तब सोनी सोरी ने राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को हिड़मे के बारे में बताया. टीम के साथ गयी एनी राजा ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाईं तब हिड़मे को पथरी के इलाज के लिए ले जाया गया. हिड़मे का आपरेशन हुआ. हिड़मे के बारह टाँके आये हैं.

हिड़मे पिछले सात साल से छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जेल में है. उसकी अदालत में कोई पेशी ही नहीं होती है.

सोनी के बाद अब हम हिड़मे की रिहाई के लिए काम करेंगे.

लेकिन हिड़मे जैसी हज़ारों आदिवासी महिलायें जेलों में और भी हैं.

ये सिर्फ कुछ प्रतिनिधि कहानियां हैं जिन्हें इसलिए इस देश के सामने रखना ज़रूरी है ताकि हमारा खुद को धार्मिक सभ्य और लोकतांत्रिक भारतीय मानने के अहंकार को आइना दिखाया जा सके.

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