AlbumLead मुज़फ़्फ़रनगर राहत शिविरों के तंबुओं में मासूम बचपन… Beyond Headlines Published December 30, 2013 1 View Share 0 Min Read मुज़फ़्फ़रनगर के दंगों में सबसे अधिक प्रभावित मासूम बच्चे हुए हैं... SHARE तीन डिग्री तापमान… रात में चलने वाली सर्द हवाएं और कैम्पों में लगे जगह-जगह पानी व कीचड़ के ढ़ेर… मुज़फ़्फ़रनगर के दंगों में सबसे अधिक प्रभावित मासूम बच्चे हुए हैं… राहत शिविरों में ठहरे मासूम बच्चों को भी पता कि उन्हें कब तक यहां रहना है… क्या होगा इन मासूमों का भविष्य… किसे है इनकी फिक्र…??? दिन तो फिर भी कट जाता है… लेकिन कैसे कटेगी इनकी रात…??? धूप निकल आया है… चलों कुछ देर मस्ती हो जाए… क्या हमें आज भी कम्बल मिलेगा… और आज हमें खाना कौन देगा…??? काश! हमारे गांव वाले बाकी दोस्त भी हमारे साथ होते… हमारी किताबें तो जल कर राख हो गईं… अब हम कैसे पढ़ेंगे…??? अंकल! एक हम अपना घर ज़रूर बनाएंगे… हमारी गुड़िया को तो वो ले गए… अब मोबाईल का यह डब्बा ही हमारा खिलौना है… बेचारा अरमान तो इन बच्चों के साथ खेल भी नहीं सकता… पुलिस वालों ने हमारे घरों को तोड़ दिए… पता नहीं अब हम कहां जाएंगे…??? TAGGED:images of muzaffarnagar relief camp Share This Article Facebook Copy Link Print