और सच बोलना मना है…

Beyond Headlines
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Palash Biswas for BeyondHeadlines

कुछ आपको याद हो तो बतायें

कि बहुत पहले लिखा था मैंने

सबसे ज़रुरी है पासपोर्ट इन दिनों

गांव तक पहुंचने के लिए!

अब हालत है कि उंगलियों की छाप

और पुतलियों की तस्वीर

सौंपने की अंधी दौड़ है

सफ़र में हर मोड़ पर साबित करें

अपनी पहचान, अपनी नागरिकता

कि डिजिटल हुए हम

और डिजिटल हो गया देश

जहां जापानी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं

पोर्न कारोबार, थ्री जी, फोर जी है इन दिनों

डियोड्रेंट में परोसा जाता सेक्स!

कास्टिंग काउच और यौन उत्पीड़न

की कथा व्यथा एकमात्र कथ्य है

इमोशनल अत्याचार है

या फिर सत्यमेव जयते

फिल्मों में नशा है

अवयस्कों के लिए वयस्क

परिप्रेक्ष्य है तमाम

वैश्विक पूंजी की तरह अश्लीलता भी

अबाध है इन दिनों

लेकिन विडंबना बस इतनी सी है कि

नदियां जैसी बंध गयी हैं

भाषाएं भी बांध दी गयी हैं

बगावत पर लूप लगा है

बागी जुबान तालाबंद है

और सच बोलना मना है

लेकिन विडंबना बस इतनी सी है कि

सीमा पर कोई पहरा नहीं है

हुक्मरानों को अखबारों से मालूम होता

विदेशी सेनाओं की घुसपैठ

मजा तो यह है कि सीमा आरपार

तस्करों का राज है

जीवित मांस की दुकानें हैं

विदेशी मुद्राएं बहती हैं

मादक द्रव्य का भी अबाध कारोबार

लेकिन विडंबना बस इतनी सी है कि

सीमाओं पर कोई हलचल है नहीं

लेकिन देश के चप्पे चप्पे पर

इन दिनों पहरा है

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