मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कमर कस ली गयी थी. दंगा फैलाने के लिए लंबे समय से लव-जिहाद की बे सिर-पैर की फर्ज़ी अफवाहें फ़ैलाने में अमित शाह के नेतृत्व में पूरा कुनबा लग चुका था. जगह जगह खाप पंचायतों में मुसलमानों को कब्रिस्तान या पकिस्तान पहुँचाने की हुंकारें भरी जाने लगी थी. नंगला मदौड में भी चार सितम्बर को और लिसाड गाँव में पांच सितम्बर को खाप पंचायत करी गयी. गाँव में मुसलमानों पर हमला होने की चर्चाएँ हो रही थीं.
इसी अफरा-तफरी में हकीमुद्दीन का पूरा परिवार पड़ोसी के बड़े घर में छिप गया. लेकिन अगली शाम तक दंगा नहीं भड़का. हकीमुद्दीन की बूढ़ी बीबी हसीना ने अपनी सोलह साल की बेटी समीना से कहा कि बेटी गला सूख रहा है जा पानी ले आ.
समीना बाल्टी उठा कर घर से कुछ दूर लगे सरकारी नल पर पानी भरने गयी. बहुत देर तक जब समीना नहीं लौटी तो माँ ने समीना के बड़े भाई से कहा कि देख समीना अभी तक नहीं आयी. भाई ने जाकर देखा बाल्टी उल्टी पड़ी हुई थी.
समीना आज तक नहीं मिली. भाई मुझे आज बता रहा था कि मुझे धमकी मिलती है कि ज्यादा अपनी बहन को खोजेगा तो गोली मार देंगे. उसने मुझे अपनी बहन की फोटो दी है और कहा है कि मैं उसकी बहन को खोजने में मदद करूँ. क्या आप समीना को खोजने में मेरी मदद करेंगे…?
