BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ/प्रतापगढ़ : रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार एवं अल्पसंख्यक समेत हाशिए पर रह रहे लोगों की आवाज़ मज़बूती से उठाने वाले जन आंदोलनों के नेता राघवेन्द्र प्रताप सिंह के फतेहपुर स्थित पैत्रिक आवास पर हमला सपा सरकार के इशारे पर किया गया.
उन्होंने कहा कि दबंग सुनील यादव एवं उसके सैकड़ों हथियार बंद समर्थकों द्वारा बीते 21 जनवरी को दिन-दहाड़े ताबड़-तोड़ हमले के एक सप्ताह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी, जनपद पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाई न किये जाने से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं. वे लगातार घूम-घूम कर राघवेन्द्र प्रताप सिंह को परिवार समेत जान से मारने की धमकी दे रहे हैं, जिससे दहशत ज़दा परिवार घर से पलायन को मजबूर हो रहा है.
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि राघवेन्द्र प्रताप सिंह लंबे अरसे से पत्रकारिता एवं जनवादी आंदोलनों से जुड़े रहे हैं. चूंकि जेल में बंद बेगुनाहों की रिहाई के सवाल को अपने लेखन एवं जन आंदोलनों द्वारा समय समय पर उठाते रहे हैं, जिससे वो संघी ताक़तों के निशाने पर भी हमेंशा रहे हैं. उनके परिवार पर हुए इस ताजे हमले के बाद यह साफ हो चुका है कि पूरे प्रदेश में कानून के राज की जगह जंगल राज कायम हो चला है.
उन्होंने कहा कि पुलिस जिस तरह से मामले की लीपा-पोती में जुटी है उससे यह साफ हो चला है कि वह स्थानीय सपा नेताओं के दबाव में है. ऐसे में ज़रूरी है कि उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराते हुए आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवायी सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य अप्रिय घटना को रोका जा सके.
रिहाई मंच के नेता हरे राम मिश्र ने कहा है कि जनपद के अंतू थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव में जिस तरह से अवैध रूप से चलने वाली आरा मशीन की शिकायत अधिकारियों से करने वाले दो अल्पसंख्यक नौजवान इफ्तेखार और अनीस को सरेआम दबंगों ने काट डाला, वह यह साबित करता है कि प्रदेश की सपा सरकार कानून और व्यवस्था सहित सारे मोर्चे पर फेल हो चुकी है. सरकारी कर्मचारी केवल अवैध वसूली में व्यस्त हैं. अगर पहले ही शिकायत पर वन विभाग चेत गया होता, तो शायद इन नौजवानों को अपनी जान से हाथ नही धोना पड़ता. उन्होंने इलाके में चल रही सभी आरा मशीनों के लाइसेंस की जांच की मांग की.
हरे राम मिश्र ने कहा कि आज चारों ओर प्रदेश में अराजकता का माहौल है. टोल बूथों पर आये दिन सपा के नेताओं द्वारा जिस तरह से मार पीट की जा रही है, उससे यह साबित हो चला है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अपने नेताओं पर कोई कन्ट्रोल नहीं रह गया है. उन्होंने मांग की कि प्रतापगढ़ में घटी इस घटना की प्रदेश सरकार सीबीआई जांच करवाए ताकि इस दोहरे हत्याकांड में वन विभाग के कर्मियों की भूमिका भी सामने आ सके.
हरे राम मिश्र ने आगे यह भी कहा कि मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख का मुवाबजा दिया जाय तथा दोषियों पर कठोरतम कार्यवाई की जाय.