Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि दोनों पार्टियों में आपसी सांठ-गांठ है. पार्टी ने नरेंद्र मोदी से सवाल पुछे है कि वह स्पष्ट करे कि उन्होंने हाल ही में कहा था कि चाहे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ अवैध भूमि अधिग्रहण और भ्रष्टाचार का मामला हो या कोई और वे पुराने मुद्दों को उखाड़ना पसंद नहीं करेंगे. इससे स्पष्ट साफ होता है कि भाजपा की मंशा अत्याधिक संदेहास्पद लगती है.
पार्टी का कहना है कि मोदी का यह बयान स्पष्ट रूप से 2009 में गुजरात सरकार द्वारा एक महिला की अवैध जासूसी मामले की जांच को दफनाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के बीच के समझौते से जुड़ा हुआ मालूम पड़ता है.
यह कोई छुपा हुआ नहीं है कि भाजपा के पास मार्च 2011 के बाद से हरियाणा और राजस्थान में वाड्रा के अवैध भूमि सौदों से जुड़े कागजात थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा 2012 अक्टूबर में वाड्रा मामले का खुलासा करने तक वह चुप बैठी रही.
दूसरी तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा अपने चुनाव प्रचार में गुजरात के महिला जासूसी कांड की बात तो करते हैं, लेकिन वे यूपीए सरकार द्वारा इस कांड की जांच कराने के मामले में चुप है.
कांग्रेस का कोई भी नेता आगे आकर यह जवाब नहीं देता कि महिला जासूसी कांड जिसमें मोदी के करीबी अमित शाह भी सीधे तौर पर शामिल थे, की जांच के लिए 26 दिसंबर 2013 को गठित आयोग की जज की नियुक्ति में क्यो लापरवाही हुई.
वहीं कांग्रेस ने 84 दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अबतक कुछ नहीं किया है. वहीं भाजपा जो दिल्ली की सरकार में पांच वर्षो तक और केंद्र में छह वर्षों तक सत्ता में रही है. इसके बावजूद उसने दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कुछ नहीं किया. भाजपा सरकार ने वर्ष 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगे मामले की जांच के लिए उसी जज का चयन किय़ा जिस जज का चयन कांग्रेस सरकार ने 84 के दंगों की जांच के लिए किया था.
ये दोनों पार्टियां चुनाव प्रचार के दौरान गलत बयानी कर जनता को गुमराह कर रही है. आम आदमी पार्टी अपने चुनाव प्रचार में जनता से जुड़े सभी मुद्दों को उठाती रहेगी.